जल परी तो सभी ने सुना है और आज मै एक गोपनीय बात बता रहा हु "जल अप्सरा भी होती है"।जिसके बारे मे आज मै यहा आप सभी के लिये लिख रहा हूं। महत्वपूर्ण बात तो यह की बहोत कम लोग अप्सरा की उत्पत्ति के बारे मे जानते है तो मै बता देता हू के अप्सरा का उत्पत्ति समुद मंथन से हुआ है और इसके बारे मे अधिक माहीति आपको पुराणो से प्राप होगी। जप समुद्र मंथन से अप्सराओं का उत्पत्ति हो रहा था तब अप्सरा वर्ग मे सबसे आखिर मे "जल अप्सरा" का प्रत्यक्षीकरण हुआ था। जल अप्सरा कभी इंद्र के दरबार मे या फिर किसी अन देवि/देवता के प्रसन्नता हेतु न्रुत नही करती है,वह तो हमेशा आनंद मे रहती है अपने पिता समुद्र देव के साथ जो उनसे अत्याधिक स्नेह करते है। अन्य अप्सराएँ तो अपने पिता को छोड़ कर देव लोक चलि गयी परंतु जल अप्सरा ने अपने पिता का साथ कभी नही छोडा इसलिय इनका महत्व अत्याधिक है।
आप अप्सरा को साधारण ना समझे क्युके महाबली हनुमानजी को एक अप्सरा ने ही अंजना के रूप मे जन्म दिया है। तो सोचिये जब अप्सरा हनुमानजी को जन्म दे सकती है तो उनमे कितनी क्षमता होगी उनके प्रिय साधक वर्गो को सुख देने की? आप इतना समझिये अप्सराएँ कोइ साधारण योनियों मे से नही है अपितु अर्धदेवियाँ है जो अपने साधक को सब कुछ देने कि क्षमता रखती है। इस दुनिया मे कुछ येसे भी मुर्ख है जो कहेते है "मै ग्यारह दिनो मे अप्सरा प्रत्यक्ष करवा दुगा" तो आप भी मेरा एक बात समझ लिजीये "जिसने अप्सरा से प्रेम किया हो उसके लिये तो सिर्फ ग्यारह मिनिट का काम है परंतु अप्सरा से प्रेम करना इतना आसान कार्य नही है। कोइ कहेता है अप्सराएँ मंत्र शक्ति से प्रत्यक्ष होती है तो येसे लोगो के लिये सिर्फ एक बात कहुगा "इनका बाप कोइ विश्वमित्र है क्या जो ये लोग मंत्र शक्ति से प्रत्यक्षीकरण करवा रहे है?"।
आप चिंतित ना हो,मै यहा शाबर मंत्र का वास्तविक रुप और उसकी क्षमता क्या है ये लिख रहा हु और यहा प्रत्यक्षीकरण का बात नही हो रहा है। यहा आज मे दुर्लभ बात बता रहा हू ।
अप्सराएँ प्रत्येक व्यक्ति के मन की बात बता सकती है और भुत भविष्य वर्त्तमान भी बता सकती है। ये कार्य सिर्फ "जल अप्सरा"करती है जो दुर्लभ है तंत्र के क्षेत्र मे और अब तक इसका विधान गोपनीय रखा गया है।
"जल अप्सरा"अत्यन्त रत्नप्रिया है,वह एक विशेष रत्न से प्रेम करती है। रत्न तो पुरातन काल मे समुद्र से प्राप्त होते थे और आज भी प्राप्त होते ही हैं,इसमे कोइ संदेह नही है। पिता से अत्याधिक प्रेम होने के कारण से "जल अप्सरा"को रत अत्याधिक प्रिय है परंतु एक रत्न येसा भी है जो "जल अप्सरा"को अत्याधिक प्रिय है। अगर इस रत्न पर गुह्यकालि तंत्र के शास्वत 55 मंत्रो से सिद्ध किया जाये तो पुर्ण सफलता हम प्राप्त कर सकते है और गुह्यकालि जी इतर योनि की आराध्या है। इसीलिये जब गुह्यकालि की प्रचण्ड शक्ति चैतन्य होती है तब तो समस्त इतर योनिया शिघ्र जाग्रत होती है। इस साधना मे एक विशेष रत्न का आवश्यकता है और बिना रत्न के साधना को सफल बनाने का कोइ भी दुसरा मार्ग नही है। इसलिये बिना विशेष रत्न के साधना करने की सोचना भी मतलब समय को व्यर्थ करने के समान है।
इस साधना मे जिस रत्न का महत्व है,आज वह रत्न कम से कम 900 रुपये कैरट से मार्केट मे बेचा जा रहा है परंतु यहा पर मै उस गोपनीय रत्न का नाम नही बता रहा हू क्युके अगर रत्न का नाम बता दुगा तो लोग रत्न के महत्व को समझकर महेंगे दाम मे बेचना शुरू कर देगे ।इस गोपनिय रत्न मे गुह्यकालि जी का अदभुत शक्ति है जिसके कारण समस्त अर्ध देवि/देवताओं के साथ समस्त इतर योनि शक्तियाँ मंत्र जाप से तुरंत आकर्षित होकर साधक के सामने आजाती है,इसमे कोइ संदेह नही है क्युके यह बात गुह्यकालि तंत्र मे विशेष रूप मे कहा गया है।यह रत्न साधना हेतु कम से कम सव्वा चार कैरेट/रत्ति का होना जरुरी है और मै साधना हेतु साधकों को कम से कम पाच कैरेट/रत्ति का रत्न 3100/- रुपये का मन बना चुका हू क्युके सुशिल नरोले साधको से प्रेम करता है पैसो से नही ।यहा यह गोपनिय रत्न जो पाच कैरेट का है 4500/-रुपये मे साधारण रत्न के रूप मे मिलना मार्केट मे प्रारंभ होता है,उसिको मै 3500/-रुपये मे दे रहा हू और मै कोइ साधारण रत्न नही दे रहा हू,मै सिर्फ इस साधना हेतु विशेष अच्छा रत्न दे रहा हू ।साथ मे इस रत्न को मै गुह्यकालि के शास्वत 55 मंत्रो से प्राण-प्रतिष्ठीत करके दे रहा हू ताकि आपको साधना मे पुर्ण सफलता प्राप्त हो ।मेरा एक ही लक्ष्य है "सभी साधक एक अच्छे सिद्धि को प्राप्त करे,जिससे उनको समस्त साधना मे सफलता प्राप्त करने हेतु सहायक सिद्धि मिले ",इसी तात्पर्य को पुर्णता देना मै आवश्यक समजता हू ।
मुझे येसे व्यक्तियों के बारे मे सोचना जरुरी है जो इस क्षेत्र मे कुछ भी कर जाने हेतु ज्यादा सोचते नही है,वर्ना इस दुनिया मे स्वयं को धोका देने वाले साधको का कोइ कमी नही है,इसलिये वह कुछ मंत्र विद्या के भरोसे अपने आपको स्वयं घोषित महान तांत्रिक समझ बैठते है और सिर्फ जिवन मे दुखो से संघर्ष करते रहेते है।
"जल अप्सरा"साधना का यह विशेषता है,जिससे आप किसी भी व्यक्ति के मन का बात और उसका भूत भविष्य वर्त्तमान जान सकते है परंतु वह व्यक्ति आपके नजरो के सामने उपस्थित होना जरुरी है। अगर "जल अप्सरा"प्रसन्न हो जाये तो साधक को कइ प्रकार के उपहार नित्य प्रदान करती है। यह साधना 21 दिनो का है,जिसमे प्रथम दिन मंत्र का 108 बार जाप करना है और बाकि के 20 दिनो मे सिर्फ 54 बार मंत्र का जाप करना आवश्यक है। जब आप रत्न को प्राप्त करे तब उसे अपने मध्यमा उंगली के आकार से चांदी के धातु मे अंगुठि बनाना है और प्रथम दिन पर अंगुठि को दहिने हाथ मे पकड़कर ही मंत्र का 108 बार जाप करके अंगुठि को उसी समय धारण करना है। अंगुठि को धारण करके अन्य 20 दिन जाप करते समय आपको स्त्री कि मिठी आवाजे आयेगी और वह आवाज "जल अप्सरा की होती है। इसमे वचन देने का या लेने का कोइ विधान नही है क्युके "जल अप्सरा" साधना मे साधक 21 दिनो मे सफल होने का अवसर होता है। इस साधना को विशेष मुहुर्त मे सम्पन्न करना पडता है,यह भी एक इस साधना मे सफलता प्राप्त करने का विशेष अंग है।
साधना सिद्धि हेतु "शाबर जल अप्सरा मंत्र" इस प्रकार से है जो पुर्णत: दुर्लभ और गोपनिय है जो दुनिया के किसी किताब मे नही है क्युके यह मंत्र "नाथ सम्प्रदाय"मे गुरु मुख से प्राप्त होता है परंतु मै यहा साधको के कल्याण हेतु अपने गुरुजी के आज्ञा से ही आपको मंत्र विधान बताउगा ।
मंत्र:-
।। ॐ नमो आदेश गुरुजी को,आवो समुंदर की पुत्रि जल अप्सरा,समुंदर मे रहेने वाली,समुंदर मंथन से निकलने वाली,जल अप्सर तुम्हारी नजर है पुरानी,***************************अमुक के मन कि बात बताओ****************भुत भविष्य वर्त्तमान बताओ,*************के अंदर का दिखाओ************ ।।
यहा मैने 40% मंत्र लिखा है और पुर्ण मंत्र विधी-विधान "विशेष रत्न" के साथ दे रहा हू क्युके यहा पर मंत्र विधान देकर कोई फायदा नही है और दे भी दु तो इसका महत्व कम हो जायेगा । प्रत्येक शब्द का एक अलग मुल्य होता है और यह मुल्य जो महत्व से सम्बन्धित है उसको सही साधक ही समझ सकता है,येसे विधान को समझना मुर्खो के बस कि बात नही है ।रत्न प्राप्त करने हेतु मुझे ई-मेल से सम्पर्क करे -
amannikhil011@gmail.com
Water Nymph accomplishment.
Water Angel is heard all around and today I have a secret to tell myself "Water Nymph is also" About Kjiske here today, I am writing to all of you. More importantly, the extremely few people know about the origin of nymph I am telling the origin of the nymph of the sea is churned and more about the legend of Mahiti be attained. Origin of elves was the chanting from the churning sea nymph in class in the end, "Water Nymph" was the manifestation. Water nymph ever in the court of Indra Devi, or any un / god does not Nrut for pleasure, he is always in bliss with his father the sea god is love them too. Other Apsraaa leave his father was God, but water nymph Public corrugation with his father never left their significance is extremely purged.
You simply do not understand nymph Kyuke Mahabali Hanuman as a nymph in the same Anjana gave birth. So think when the nymph Hanuman may lead them to give pleasure to many capacity classes their beloved seeker? Not so much out of you Understand Apsraaa no ordinary birth but is Ardhdeviya your seeker that holds the potential to deliver everything. In this world nothing is fool Yese which also is called "I got eleven days in the nymph direct Duga" So you understand my Liziye "nymph who loved to work for him, but just eleven minutes to love nymph task is not so simple. There is no direct power Kheta mantra is Apsraaa Yese Khuga just one thing to people, "their father is no Biswmitr manifestation of what you are making is that they spell power?".
You're not worried, I am here as Shabr actual spells and his ability to write Who and what is happening here is not a matter of manifestation. I'm here to tell rarity in today.
Apsraaa can tell each person's mind and tell incurred future may present. These functions only "water nymph", which is rare in the field of system and the legislation has been kept secret until now.
"Water Nymph" is very ratnapriya, he falls in love with a special gemstone. Gems were obtained from the sea in ancient times and are still being received, no doubt about it is not. Due to the extreme love of the Father "water nymph" a gem, but the pass is too dear Yesa is also "water nymph" is dear to the extreme. Guhykali mechanism on this gem eternal 55 Mantras proven success we can achieve is absolutely speaking, and other vaginal Guhykali G is Aaradhya. So when there is consciousness, then all other Guhykali the fierce power is Yonia Instantly awake. This practice is in need of a particular gemstone and gemstone without any of the success of cultivation is also not another way. So think of the mean time to practice without a special gem is similar to waste.
In practice, the importance of this gem, today at least Rs 900 carat gem is being sold on the market, but here I am on the name of the secret gems Kyuke am not telling the name of the gem stones to tell people the importance of Duga Expensive prices started to sell in understanding confidential shelve This amazing power of gemstones in which all semi Devi Guhykali G / gods vagina with all other powers were attracted immediately by chanting seeker is Ajati, It is no doubt In particular, it stated in Kyuke Guhykali system to practice this gem Savva least four carats / Ratti seekers to practice, and I must have at least five carats / stone Ratti 3100 / - Rs mind Hu has made Kyuke Sushil Nrole Kyha devotees loves money not from the five carat gem is the confidential 4500 / -rupye meet as a gemstone in the market in general starts Usiko 3500 I / -rupye give in Hu and I'm not issue any ordinary jewel, I'm just giving the practice an especially good gem in this gem I Guhykali Ksath 55 Mantras from the eternal life-giving by Pratishtit'm so absolutely you may be successful in practice .My goal is the same, "the seeker to achieve a good accomplishment, which is conducive for them to achieve success in the accomplishment of all the practices found", this refers to the Puarnta I am turn takes necessary.
Yese people think of me is important in this area not think much is to be anything else in the world that self-deception is not lacking any of devotees, so he spells gazing confidently declared itself self Great Tantric confused and just grieves in Life is prone to conflict.
"Water Nymph" Silence is the attribute which any person can know the mind of the matter and its past present future, but the eye of the person in front of you must be present. If "water nymph" will be agreeable to the seeker provides many types of gifts ever. This practice is of 21 days, which is the first day of the mantra 108 times and only 54 times in 20 days of rest must chant. When you get the gems to the size of his middle finger on the silver metal to Anguti and Anguti on the first day on the right hand holding the mantra 108 times and at the same time to hold the Anguti. Anguti by holding another 20 days while the woman that the sweet voices chanting and the sound will come "is a water nymph. It does not promise to give or take any legislative Kyuke" water nymph "seeker in practice succeed in 21 days There is an opportunity. This practice has to be done in the particular auspicious, it is a special part of achieving success in this practice.
Silence for accomplishment "Shabr water nymph mantra" is thus Puarnt: rare and confidential in the world is not in a book Kyuke the mantra "Nath sect" master in the home comes from, but I am here for the welfare of his devotees Master's commandment to you Btauga legislation spells.
Here I wrote 40% spells and incantations absolutely mode-legislative "special jewel" with Kyuke am giving here is not worth the mantra by legislation and sad, devalued it will give. Each word has a different price and the price is related to the importance seeker could understand him correctly, Yese legislation Murkho understand that this is not just e-mail me to get Kratn Info -
amannikhil011@gmail.com
आदेश.......