11 Sept 2019

सर्व देवी शक्ति सवारी मंत्र साधना.



आप लोगो ने शरीर मे देवी आना यह बहोत बार देखा होगा,किसी भी भगत के शरीर मे जब देवी आती है तो उस भगत को बहोत तकलीफ सहनी पड़ती है । भगत के शरीर मे सवारी आने से वहा पर दर्शन करने वाले भक्तों का हमेशा कल्याण ही होता है । कुछ जगह पर लोग शरीर मे देवी आने का ढोंग भी रचते है और इस प्रकार से नाटक करते है कि सामान्य भक्त उनके बातों में फस जाते है । जिस स्थान पर माता की सच्ची सवारी आती हो वहा पर किसी भी भक्त को दर्शन करने मात्र से ही परेशानी से छुटकारा मिल जाता है और मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है । आज के समय मे तो 90% पाखंड सवारी के नाम पर चल रहा है जिसके वजेसे आज़कल हर कोई माता की आरती में या फिर भजन में घूमने लगता है और सवारी आने का नाटक करता है । आप सर्वप्रथम वस्तुस्थिती को समझिए जैसे किसी भगत के शरीर मे सवारी आना कोई आसान क्रिया नही है,इसके लिए भगत का आचरण और वाणी भी शुद्ध होना चाहिए । अगर कोई भगत सवारी आने के बाद गालियां देता हो तो सीधे उसके जोर से बाल खिंचकर उसको घुमाओ तो वो चिल्लाने लगेगा या फिर ज्यादा गालियां देने लगेगा,अब यहा आपको समज जाना चाहिए कि यह पाखंड कर रहा है । जिन्हें सच्ची सवारी आती है उनके शरीर को तकलीफ दी जाए तो उस भगत के शरीर को सवारी के वक्त तकलीफ महेसुस नही होती है परंतु सवारी जाने के बाद बेचारे को बहोत तकलीफ होती है । सीधे भाषा मे कहा जाए तो सवारी भगत के शरीर मे शक्ति का चैतन्य होना या फिर माता के शक्ति का आशिर्वाद ही बोल सकते है ।



मैंने पिछले बार कालभैरव सवारी के बारे में लिखा था और उस साधना के माध्यम से बहोत सारे साधक लाभान्वित हुए है,इसलिए इस बार एक ऐसा शाबर मंत्र देने के इच्छुक हु जिससे किसी भी माता/देवी की सवारी को शरीर मे बुला सकते है । पिछले बार मैंने बहोत भरोसा करके मंत्र को पूर्णता स्पष्ट किया था जिसके वजेसे से फेसबुक और यु ट्यूब के धूर्त तांत्रिकों ने उसको चुराकर अपने वीडियो बनाये और किसीने पोस्ट बनाकर डाल दिया । इस बार मंत्र को पूर्णता स्पष्ट नही कर रहा हु इसलिए इस बार अधूरा मंत्र इस आर्टिकल में आपको पढ़ने मिलेगा,अब तक मैंने कुछ मंत्र के शब्दों को गोपनीय रखा था और ये भी कहा था कि गोपनीय शब्द व्हाट्सएप पर बताया जाएगा परंतु इस बार " सर्व देवी शक्ति सवारी शाबर मंत्र " को सिर्फ साधना सामग्री के साथ लीखकर भेज दिया जाएगा ताकि इस दुर्लभ गोपनीय मंत्र की गोपनीयता हमेशा बनी रहे । गोपनीय मंत्र के बारे में यहा पर स्पष्टीकरण देने का एक ही कारण है कि यह दुर्लभ गोपनीय विद्याए कहि लुप्त ना हो जाये,आज के समय मे मंत्रो को गोपनीय रखने के चक्कर मे बहोत सारे मंत्र लुप्त हो चुके है । हर समय गोपनीयता के कारण अगर मंत्र लुप्त होते रहे तो आनेवाले समय मे मंत्रो का ज्ञान समाप्त हो सकता है,शाबर मंत्र अपने आप मे सिद्ध और चैतन्य होते है इसलिए इन मंत्र से हर प्रकार के कार्य संभव है ।



यहा पर पूर्ण विधि समझा रहा हु,इस साधना हेतु देवी शक्ति सवारी पत्थर और कृपा प्राप्ति यंत्र (ताबीज रूप में) आवश्यक है । यह पत्थर माता के शक्तिपीठों में एक ऐसा शक्तिपीठ है जहा उनके कुंड में प्राप्त होता है,यह दिव्य शक्तिपीठ नासिक (महाराष्ट्र) के पास है,माँ सप्तश्रृंगी जी का यह शक्तिपीठ बहोत सारे चमत्कार और रहस्यो से अद्भुत है । इस शक्तिपीठ के पास दादा गुरु मच्छीद्रनाथ जी का तपस्या स्थल है,दादा गुरु मच्छीद्रनाथजी गुरु गोरखनाथजी के गुरु है और सर्वप्रथम उन्होंने अपने गुरु दत्तात्रेय जी से दीक्षा प्राप्त करने के बाद इस शक्तिपीठ पर 108 कुंडों के जल से स्नान करके अपने जीवन मे तपस्या आरंभ की थी और इसी स्थान पर उन्होंने सर्वप्रथम शाबर मंत्रो की रचना की थी । यह देवी शक्ति सवारी पत्थर इस स्थान पर कुंड में कभी कभी प्राप्त हो जाता है और इसे प्राप्त करने के लिये वहा के निवासी लोगो से जान पहचान होना भी जरूरी है । इस बार जब मैं वहा गया था तो मुझे 12 पत्थर प्राप्त हुए,पिछले बार गया था तो सिर्फ एक ही पत्थर मिला था । यह देवी शक्ति सवारी पत्थर बड़ी कठिनाई से प्राप्त होते है और इस पत्थर पर की जाने वाली शाबर मंत्र साधनाये भी फलित होती है । साथ मे सप्तश्रृंगी माता के कुंकुम से बना यंत्र जो कृपा प्राप्ति यंत्र है,वह भी आवश्यक है क्योके बिना माँ भगवती के कृपा प्राप्ति के यह साधना तो असंभव ही है । यह दो साधना सामग्री मुख्य है और बाकी सामग्री आप कही से भी प्राप्त कर सकते है जैसे चार मिट्टी के दीपक, चार गुलाब के पुष्प,50 ग्राम लाल कुमकुम,तिल का तेल,मिठाई ।


साधना विधि-

एक फोटो यहा दे रहा हु और इसी प्रकार से आपको लकड़ी के बाजोट पर यह आकृति कुमकुम से बनानी है । वैसे मैंने यह आकृति टाइल्स पर बनायी है परंतु आप लोग बाजोट पर बनाये,जहा पर चार नीले रंग के गोल है वहा पर मिट्टी के दीपक रखने है और दिए का मुख पत्थर के तरफ हो । जैसा आकृति में दिख रहा है वैसे ही देवी शक्ति सवारी पत्थर और कृपा प्राप्ति यंत्र रखना है,जहा पीले रंग के पुष्प दिख रहे है वहा एक एक गुलाब का पुष्प रोज नया रखना है । साधना नवरात्रि या फिर शुक्ल पक्ष अष्टमी से शुरू कर सकते है,मंत्र जाप बिना माला के एक घंटे तक करना है,धूपबत्ती आपको जो भी पसंद हो वही लगाए,रोज मिठाई का भोग भी रखा करे । यह साधना कम से कम 21 दिनों तक करना आवश्यक है,साधना में शरीर का तापमान बढना, सरदर्द होना, शरीर मे भारीपन जैसे अनुभव हो सकते है इसलिए डरने की आवश्यकता नही है । साधनात्मक अनुभव सिर्फ मुझे बता सकते हो अन्य किसीको बताना नही है,साधना में मुख उत्तर दिशा के तरफ होना चाहिए, आसन और वस्त्र लाल रंग के हो और बिना स्नान किये साधना करना वर्जित है,यह साधना रात्रिकालीन है ।






मंत्र-
।। ॐ नमो आदेश गुरु को,बंगाल से आयी सवारी शेरावाली माता की, आगे चले हनुमान पीछे चले भैरव, साथ मे आये अमुक माता मेरे शरीर को सवारों,सवारी के रूप में रुक जाओ भगत का वाचा सिध्द करो ना करो तो.......गुरु का मंत्र सच्चा चले छू वाचापुरी ।।



यहाँ मंत्र अधूरा दिया जा रहा है,मंत्र के मुख्य शब्द गोपनीय रखे है ताकि चोरों को चोरी करने का मौका ना मिले परंतु साधना सामग्री के साथ मंत्र लीखकर भेज दिया जाएगा । अमुक के जगह आप जिस देवी शक्ति का सवारी प्राप्त करना चाहते हो उन्हीका नाम लेना है,इस मंत्र से किसी भी देवी शक्ति की सवारी प्राप्त की जाती है । इस विधान से सच्ची सवारी आपको साधनात्मक फल स्वरूप प्राप्त होगी । सवारी प्राप्त करने के दो ही मार्ग है जैसे भगत खुश होकर भक्त को सवारी दे सकता है या फिर माँ स्वयं खुश होकर भक्त को भगत बना लेती है और दूसरा मार्ग मंत्र साधना से ही सवारी प्राप्त कर सकते है ।



साधना सामग्री की न्योच्छावर राशी 2150/-रुपये है और साधना सामग्री प्राप्त करने हेतू +918421522368 इस नंबर पर व्हाट्सएप करे या फिर सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक फ़ोन कर सकते हो ।


सभी प्रकार के प्रश्नों के जवाब हेतु आपका निशुल्क मार्गदर्शन किया जाएगा और आप सभी सवाल एक साथ ही पूछो यही आपसे विनती है ।


आदेश......