5 Nov 2015

कृपया किसानो की मदत करो.

महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान हुआ है. सर्दी की फसलें बर्बाद होने के बाद किसान आत्महत्या कर रहे हैं.
बीते 20 साल में महाराष्ट्र में किसानों की
आत्महत्या का आंकड़ा 63,318 तक पहुंच गया है. बीते साल देश भर में किसानों की कुल आत्महत्या में 45 फ़ीसदी से ज़्यादा मामले महाराष्ट्र राज्य में दर्ज़ किए गए है. वर्ष 2014 में 12,360 किसानों की आत्महत्या का सीधा अर्थ है कि हर 42 मिनट में देश में एक किसान ने आत्महत्या
की.

खेतों पर नाचती मौत भयानक कृषि संकट को प्रतिबिंबित करती है, जो कई दशकों से जारी है.एक के बाद एक आने वाली हर सरकार ने -चाहे केंद्र की हो या राज्यों की-कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के बड़े वायदे किए, पर किसान आत्महत्या के आंकड़ों में बदलाव उस क्षेत्र की मुश्किलों और जानबूझकर की गई उपेक्षा को दर्शाता है.किसानों को केवल दो राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया गया है-एक वोट बैंक और दूसरे भूमि बैंक के रूप में.हालात में सुधार के कोई लक्षण न देखकर अब पिछले कुछ महीनों से उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र,पंजाब और हरियाणा में किसानों की आत्महत्या में नए सिरे से तेजी देखी गई है.

जब इस देश मे जिसे हम भारत कहेते है जिसको हम माँ भी कहेते है अगर उस देश का जवान बेटा जो किसान है वो बेचारा आत्महत्या करे तो सोचीये कितना दर्द महेसुस होना चाहिये हमे?


हमने पेड काट दीये ताकी हमारा घर सुंदर दिख सके और बढीया फर्निचर बनाया जिसके कारण आज कल समय पर बारिश नही होती है और किसानो का फसल बारिश के कारण बरबाद हो जाता है,उनके उपर कर्ज बढ जाता है जो उन्होने बैंक से सावकारो से लिया था,अब उसको वापिस करना है और वापिस नही देगे तो उनकी जमीन मतलब उनकी माँ पर बैंक या सावकार कब्जा करेगे.फिर आगे क्या कब्जा होने के डर से ही किसान आत्महत्या कर लेता है और इसके जिम्मेदार हम है हमारी सरकार है जिसने निसर्ग को बचाने के लिये कोई कोशिश नही की है.आप जानते हो इस देश मे या किसी स्टेट मे एक महीने मे कितने किसान आत्महत्या करते है?अगर नही जानते हो तो मै कुछ लिंक दे रहा हु उस पर क्लिक किजिये तो आपके अदभुत ग्यान मे वृद्धि होगा और आपका दिल पिघल जायेगा-


https://hi.m.wikipedia.org/wiki/भारत_में_किसान_आत्महत्या

http://www.bbc.com/hindi/india/2015/08/150806_five_worst_states_farmer_suicide_pk

http://m.ndtv.com/khabar/supreme-court-says-the-government-is-not-serious-on-the-issue-of-farmers-suicides-1238252

http://www.dw.com/hi/महाराष्ट्र-आत्महत्या-को-मजबूर-किसान/a-17506796

http://m.amarujala.com/news/reflections/columns/half-truth-of-farmer-sucide-hindi/

http://news.raftaar.in/tags/किसान-आत्महत्या



ये सब कोई मजाक नही है,आप लोग राजनेताओ को चुनाव जितने के लिये चंदा देते हो तो बदले मे अपको क्या मिलता है "कुछ भी नही",एक बात याद रखीये अगर इस देश मे किसान नही रहा तो क्या आप अपने M.B.A.,C.A.,Engineering, Doctor.....etc का डिग्री लेकर जाओगे खेत मे काम करने के लिये या फिर आपने चुनाव मे जिसे मतदान किया और जो जित गया जैसे M.L.A or M.P. वो जायेगा आपके लिये?कोई नही जा सकता है खेतो मे काम करने हेतु क्युके अब जिनके पास पैसा है उनको आदत पडा है  A.C. मे बैठकर Lapatop पर काम करना और LED के सामने बैठकर समय खराब करने का,बस करो मित्रो और इस बात पर थोडा सोचो के आर्थिक समस्या सब के जीवन मे है परंतु जिस बेचारे के पास पैसा ना हो जो हमारे लिये दिन-रात खेती मे काम कर रहा हो और ना किसी को अपना दुख बताता है और नाही किसिसे भिक माँगता है.येसे महान किसान भाइ/बहन के बारे मे सोचो जिनको हम कुछ आर्थिक मदत करे तो वो आत्महत्या जैसा बुरा कर्म नही करेगे और हमारे आनेवाले समय मे हमारी जरुरत पूर्ण करने के लिये मेहनत करेगे.आप हर महीने फिल्मे देखते है,पार्टी मे जाते है,कपडे खरीदते है,शोपींन्गकरते है तो कृपया ये बताये एक-दो महीना ये सब नही करोगे तो क्या फर्क पडेगा?

जब अन्नदाता किसान ही नही रहेगा तो आपका पैसा आपका पेट कैसे भर सकता है,फिर तो आप अमीर होकर भी गरिब हो क्युके आपके पास धन तो है परंतु पेट भरने हेतु अन्न नही है.सोचिये अगर आपके पास धन/दौलत/पैसा होकर भी अन्न ना हो तो आप कौनसा तरिका आजमायेगे आत्महत्या करने के लिये.चलिये मान लेते है अभी वैसा समय नही आया है जो आपको आत्महत्या करने पर मजबुर करे परंतु आपके आने वाले समय मे आपके बच्चे आपके पोते क्या रुपया/पैसा खायेगे,उनको भी अन्न का जरुरत 100% पडेगा तो आप उनके भविश्य हेतु क्या सोच रहे है??????????


पुरे देश मे आज कल किसानो के आत्महत्या का आंकडा बढ रहा है जिस पर नियंत्रण हेतु हमे आगे आना होगा अन्यथा जब अन्नदाता ही नही रहेगा तो हम क्या सुखी जिवन जी सकते है? किसानो का कोई जाती और धर्म नही होता है,वो लोग ये कभी नही सोचते उनके मेहनत से प्राप्त अन्न-धान्य कौनसे जाती-धर्म के लोग खायेगे तो कृपया आप भी जाती-धर्म को कुछ समय के लिये भुलाकर सिर्फ मदत करने हेतु सोचियेगा.








आदेश.......