23 Nov 2019

साबर वशीकरण मंत्र (कामाख्या भैरव उमानंद).



बंगाल के जादू के बारे में पूरी दुनिया जानती है। ना सिर्फ जानती है बल्कि इसे आजमाती भी है और इसके प्रयोग से कई तरह के लक्ष्यों को प्राप्त भी करती है, लेकिन बहुत कम लोग हैं जो असली बंगाल के जादू को जानते हैं और इसको सिद्ध करने का तरीका बताते हैं। ऐसा ही एक साधना प्रयोग आज हमारे ब्लॉग पर दे रहे है जो एक वशीकरण का अचूक साधना कहा जाता है ।

बंगाल शुरुआत से ही आध्यात्मिक क्षेत्र में अग्रणी रहा है। बंगाल रामकृष्ण परमहंस और उनके शिष्य विवेकानंद की धरती है। अध्यात्म के क्षेत्र में बंगाल दो विचारधाराओं में बंटा है। कृष्णानंद आगमबाशीश जैसे बड़े-बड़े योगी बड़े-बड़े अघोरपंथी यही तपस्या कर संसार मे पूजनीय बने है । बंगाल क्षेत्र के छोटे छोटे गाव में रहने वाले लोग जड़ी बूटियों का अच्छा ज्ञान रखते है,उनके पास मौना मुनि अवश्य होती है,जिसमे मौना काले रंग का होता है और मुनि लाल रंग की होती है । अगर स्त्री को वश करना हो तो मुनि को खाने में दिया जाता है और पुरूष को वश करना हो तो मौना को खाने में दिया जाता है,यह एक प्रकार का बीज होता है परंतु इसको जमीन में बोने से यह उगता नही है । इसी तरह वहा गाव में रहने वाले तांत्रिक भुलनबुटी के बारे में अच्छेसे जानते है,इसमे दो प्रकार होते है,एक सफेद ओर दूसरा काले रंग का भुलनबुटी होता है ।

काले रंग का भुलनबुटी वशीकरण में तेज माना जाता है औऱ सफेद रंग का भुलनबुटी याद्दाश्त भुलाने के काम आता है । इन दोनों प्रकार के भुलनबुटीयो पर वैज्ञानिक आज भी कई वर्षो से शोध कर रहे है के इस बूटी पर पैर रखने से इंसान अपनी याद्दाश्त कैसे खो देता है । वैसे दोनो प्रकार की भुलनबुटीया एक जैसा काम करती है परंतु काले रंग की भुलनबुटी वशीकरण का काम करती है । कहा जाता है कामाख्या मंदिर में दर्शन को जाने वाले भक्तों को नरकासुर नामक राक्षस पीड़ा देता था और उसीको मंदिर में आनेवाले भक्तों से दूर रखने के लिए उस समय के माता के भक्त भुलनबुटी के माध्यम से नरकासुर को माया में फसा देते थे और भक्तों पर अत्याचार करने से पूर्व ही उसकी याद्दाश्त को भुला दिया जाता था,जब भी नरकासुर माता के भक्तों पर अत्याचार करने आता तो उसे यह याद ही नही रहता था के वह यहां क्यो आया है । स्वयं भैरव उमानंद ने काले भुलनबुटी इसलिए धारण किया था कि नरकासुर उनके वश में रहे और उनकी आज्ञा का पालन करे । भैरव उमानंद का कार्य सफल हुआ था परंतु नरकासुर भी एक उच्चकोटि का अघोरी ही था जो माता से विवाह करने के इच्छुक था ।

पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में नरक नाम के एक असुर ने कामाख्या देवी के समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखा, क्योंकि देवी उनसे विवाह नहीं करना चाहती थी इसलिए उन्होंने उसके सामने एक शर्त रखी। शर्त के अनुसार नरक को एक रात में उस जगह पर घाट, मार्ग व मंदिर आदि सब की स्थापना करनी थी। नरक ने शर्त को पूरा करने के लिए भगवान विश्वकर्मा को आमंत्रित कर उनका आशीर्वाद ले काम शुरू कर दिया। जब कामाख्या देवी ने नरक द्वारा काम पूरा होता देखा तो उन्होंने मुर्गे से सुबह होने से पूर्व ही बांघ दिलवा दी, जिससे शर्त पूरी न हो सकी और नरक की देवी से विवाह की इच्छा पूरी न हो सकी। इस कारण मंदिर के संबंध में कहा जाता है कि नरकासुर के अत्याचारों से कामाख्या के दर्शन में कई परेशानियां उत्पन्न होने लगी थीं । 

नरकासुर ने सभी प्रकार के वशीकरण क्रियाओं मुक्ति हेतु पाताल भैरवी से मदत ली और वह सफल रहा और उमानंद भैरव असफल हुए । भक्तों को होनेवाली परेशानी देखकर महर्षि वशिष्ट क्रोधित हुए और उन्होने इस जगह को श्राप दे दिया,जिस कारण समय के साथ कामाख्या पीठ लुप्त हो गया । यहां पर्वत के नीचे से ऊपर जाने वाले मार्ग को नरकारसुर के नाम से जाना जाता है। इसके आलवा जिस मंदिर में देवी की प्रतिमा स्थापित है उसे कामादेव मंदिर कहा जाता है। 


आज हम जो साधना दे रहे है,यह एक काले रंग के भुलनबुटी पर संपन्न किया जाने वाला शाबर वशीकरण मंत्र है,जिससे इच्छित व्यक्ति को वश में करने हेतु यह मंत्र साधना असरदार है । यहां मंत्र अपूर्ण दिया जा रहा हैं ताकि उन साधको के लिए मंत्र सुरक्षित रहे जो साधना के क्षेत्र में कुछ प्राप्त करना चाहते है,क्योंकि पूर्ण मंत्र यहां देना मुझे उचित नही लगता है ।


मंत्र-

।। ॐ नमो आदेश गुरु को कामरु देश कामाख्या माई को,जहा बसे उमानंद भैरव दिन रात जागता रहे भक्तों के काम करता रहे अमुक को अमुक का मोह लगाओ वश में कराओ मेरा इतना काम ************** ।।


साधना सिद्धी 21 दिनों का है,इसमे रुद्राक्ष माला और काले रंग का भुलनबुटी से निर्मित ताबीज आवश्यक है,वैसे खाली ताबीज में आप भी अपने घर पर भुलनबुटी को डालकर साधना कर सकते हो ।

साधना प्रयोग-गले मे ताबीज पहनकर रुद्राक्ष माला से इच्छित व्यक्ति के फोटो को देखते हुए 108 बार मंत्र का जाप तीन दिनों तक करना है और तीसरे दिन जाप समाप्त होते ही एक अनार का बलि देना है । यह क्रिया संपन्न करने से 24 घंटो में इच्छित व्यक्ति का वशीकरण करना सम्भव है । जीवन मे साधना एक बार ही करना है और इसका उपयोग जीवन मे कभी भी कर सकते है । साधना से संबंधित अन्य बाते आप फोन करके पूछ सकते है या फिर व्हाट्सएप पर भी पूछ सकते हो,नम्बर  +91-8421522368 ।


साधना सामग्री न्योच्छावर राशि 3500/-रुपये.



आदेश.....