वीरों के विषय में सर्वप्रथम पृथ्वीराज रासो में उल्लेख है वहां इनकी संख्या 52 बताई गई है। इन्हें भैरवी के अनुयायी या भैरव का गण कहा गया है। इन्हें देव और धर्मरक्षक भी कहा गया है। वीर वैताल एक ऐसी साधना है जो साधक को सभी रूप से बलशाली बनाती है। वेताल का साधक कभी किसी चीज से वंचित नहीं रहता है। आज आपको वीर वैताल वशीकरण साधना दिया जा रहा है जो अचूक है,इसका प्रभाव साधक को कुछ ही दिनों में देखने मिलता है ।
वास्तव में वैताल साधना अत्यन्त सौम्य और सरल साधना है, जो भगवान शिव की साधना करता है वह वैताल साधना भी सम्पन्न कर सकता है। जिस प्रकार से भगवान शिव का सौम्य स्वरूप है, उसी प्रकार से वैताल का भी आकर्षक और सौम्य स्वरूप है। इस साधना को पुरुष या स्त्री सभी सम्पन्न कर सकते हैं। यद्यपि यह शाबर वशीकरण साधना है, परन्तु इसमें किसी प्रकार का दोष या वर्जना नहीं है। गायत्री उपासक या देव उपासक, किसी भी वर्ण का कोई भी व्यक्ति इस साधना को सम्पन्न कर अपने जीवन में पूर्ण सफलता प्राप्त कर सकता है। सबसे बड़ी बात यह है, कि इस साधना में भयभीत होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है, घर में बैठकर के भी यह साधनात्मक क्रिया सम्पन्न की जा सकती है।
आज के समय मे वशीकरण एक महत्वपूर्ण क्रिया है,इस क्रिया के माध्यम से तनाव को नष्ठ कर आप जिससे प्रेम करते हो उसे पुनः प्राप्त कर सकते हो,मुझे पूर्ण विश्वास है इस साधना से आप अपने मनपसंद व्यक्ति को जीवन मे प्राप्त कर सकते हो । किसी भी व्यक्ति को धोखा देने हेतु यह साधना ना करे अन्यथा आपको नुकसान होने की संभावना बन जाएगी । आप सच्चा प्रेम करते हो तो आपको आपके प्रेम को प्राप्त करने हेतु इससे अच्छा साधना मिलना कठिन है,आप इस साधना को अवश्य आजमाए तो अवश्य ही सफलता मिलेगा ।
साधना सामग्री:-
एक छोटा काले रंग का मिट्टी का मटका,50 ग्राम काले उड़द,एक हल्दी की गाँठ, ग्यारह काली मिर्च के दाने,वशीकरण यंत्र ( जिसको वश करना है,उसीके नाम से बनाया हुआ हो ),काला कपड़ा और काला धागा ।
वशीकरण क्रिया:-
यह प्रयोग अमावस्या के रात्रि में 9 बजे के बाद कभी भी सम्पन्न करना है,सिर्फ एक ही दिन का साधना है । साधक को दक्षिण दिशा के तरफ मुख करके एकांत में बैठना जरूरी है । सामने मिट्टी का मटका रखे,उसमे काले उड़द डाले उसपर लड़का/लड़की का फोटो रखे अगर फ़ोटो ना हो तो लाल रंग के कागज पर काले पेन से लड़का/लड़की का नाम लिखकर रखे,उसके ऊपर वशीकरण यंत्र को हल्दी के गाँठ के साथ काले धागे से बांधकर रखे । अब मंत्र का एक-एक माला जाप करके एक-एक काली मिर्च का दाना मटके में डाले,इस प्रकार से ग्यारह माला जाप करते हुए ग्यारह काली मिर्च के दानों को मटके में डाले । मंत्र जाप समाप्त होते ही काले कपड़े से मटके का मुँह बंद करे और कपड़े को अच्छेसे काले धागे से बांध दे । इस मटके को दूसरे दिन ठीक 11.30 से 12.30 के समय दोपहर में जाकर जंगल मे कही पर भी आधा फिट जमीन के अंदर गाड़ दे,गाड़ने के बाद उस स्थान के ऊपर दो अगरबत्ती जलाकर रखे और कुछ कपूर की टिकिया प्रज्वलित करे, कपूर के अग्नि के लौ को देखते हुए 21 बार मंत्र का जाप कर ले और "कार्य शीघ्र पुर्ण हो" ऐसी प्रार्थना करे । अब बिना पीछे मुड़कर देखते हुए अपने घर वापस चले जाएं,वह स्थान याद रखना जरूरी है जहां आपने मटका गाड़ा था क्योके कार्य पूर्ण होने के बाद उसी जगह पर जाकर नारियल फोड़ना है और एक अनार का बली भी देना है ।
मंत्र:-
कुछ शब्द आखरी में गोपनीय रखे है ताकि बिना मार्गदर्शन के आप साधना ना कर सको क्योंके इसमे आपको मेरे मार्गदर्शन का जरूरत पड़ेगा । इस प्रयोग से ग्यारह दिनों में कार्य पूर्ण होता है और वशीकरण का असर देखने मिलता है,यह एक दुर्लभ प्रामाणिक क्रिया है जिसका प्रभाव तिष्ण है ।
न्योच्छावर राशि "वशीकरण यंत्र:1250/-रुपये"
आदेश.....