17 May 2018

बाबा वीर बुलाकी प्रत्यक्ष दर्शन साधना



शक्ति तो सभी देवी देवताओ में है परंतु इस वीर की शक्ति ही गजब की है,जहाँ अपनी बात पर रुष्ट होकर अड़ जाये तो फिर बड़े से बड़े देवी और देवता भी इनके सामने हाथ जोडते नजर आते है फिर चाहे माँ काली ही सामने क्यों ना हो । पुत्र भैरव के आगे उनकी माँ काली की भी नही चलती है क्युके भैरव हुकुम मानते है तो सिर्फ सदाशिव महाकाल का इसके आलावा किसी का नही फिर चाहे आदि शक्ति ही क्यों ना हो । ठीक उसी तरह बाबा बुलाकी के किसी अन्य के घर में प्रवेश करने पर उस घर की सारी शक्तियां खुद घर का कौन पकड़ लेती है । उस अशांत रूप में भी मानते है तो सिर्फ देवी की बात क्योकि हर देवी के स्थान पर कहीं खुलकर तो कहीं गुप्त रूप से भैरव अगवानी है और भैरव बाबा सभी देवियो के लाल माने गये है । इसलिए इस वीर की बैठ सभी देवियो के पास है,सभी देवियाँ इसकी और सभी देवियो का ये वीर बुलाकी जिसे चाहे उसे मना लें जिसका चाहे उसका हो जाएँ।

बाबा श्री वीर बुलाकी कोई और नही स्वयंम् बाबा महाकाल भैरव नाथ है,जो कलयुग में मसान भैरव की छवि के साथ बुलाकी मसान के नाम से अवतरित हुए है । बाबा बुलाकी बहोत ही पवित्र शक्ति के मालिक है इनकी छवि कुछ गंदे साधको ने गन्दी कर दी है। बाबा बुलाकी को प्रसन्न करके कुछ मुर्ख तांत्रिक मासूम लोगो पर पैसा लेकर अत्याचार करते है जैसे पति-पत्नी में झगड़ा लगवाना,लड़कियों को वश में करवाना फिर उच्चाटन करवाना,कोई भी बीमारी लगवा देना,अपघात करवाना,घर में बंधन लगवाना,मोटापा बढ़ा देना, शादी तुडवा देना,....इत्यादी ।

बाबा श्री के पहनावे और रूप रंग से देखो तो: एक ऐसा बालक वीर जो रंग से काला हाथ में सोटा एक हाथ में मदिरा पान का पात्र (खप्पर) और लाल लंगोट के साथ लँगोट धारी है।और लड्डुओं के साथ मदिरा भोग जो स्वयंम् महाकाल भैरव की छवी दिखती है।आप सभी ज्ञानी जन खुद सोचो की इस धरती पर खप्पर श्री महाकाल के बाद श्री आदि शक्ति माँ काली,माँ चंडी और माँ भवानी के बाद बाबा महाकाल भैरव के हाथ पर है । बाबा महकाल भैरव के सिवा किसी अन्य देवी देवता के हाथ पर खप्पर नही है ।

इस वीर की भक्ति नाथो की है और शक्ति नवनाथो की है , जो भी साधक इस वीर की सेवा पूजा पाठ सच्चे मन से निस्वार्थ भाव से करेगा ये वीर बाबा उस साधक को नवनाथो की सेवा में लगा देते है । फिर ये इस साधक को भुत प्रेतों की सेवा में नही रहने देते है,उस साधक को लेकर नवनाथो में और सिद्धियों में डट जाते है।

इस साधना से सभी प्रकार के कार्य किये जाते है,सिर्फ किसीका नुकसान करने का इरादा मन से निकाल डाले । ऐसा साधना प्राप्त होना बाबा श्री का कृपा ही है,आज के समय में तांत्रिको ने शाबर मंत्रो से मासूम लोगो के जिंदगी से खेल खेलना शुरू कर दिया है क्योके वो जानते है जिस पर भी बुलाकी या मसानी चढ़ा दिया जाए उसको वही तांत्रिक बुलाकी चढ़ाकर मुक्त कर सकते है । मसानी का काट बाबा श्री ही है और उनका विद्या वही काट सकते है । इस साधना से स्वयम के कार्यो के साथ साथ अन्य लोगों के भी कार्य किये जा सकते है,जिस पर बाबा श्री कृपा कर दे वो मालामाल हो जाता है और ये बात उनके सभी भक्त बिना किसी किन्तु-परंतु के मानते है ।


सामग्री:-एक बूंदी का लड्डू, एक बर्फी , दो पान का पत्ते,एक जायफल, एक सुपारी,दो लौंग,दो इलायची , ग्यारह बताशे,एक शराब की बोतल,थोडा हनुमानी वाला पीला सिन्दूर,सात हरी चूडिया,थोडे साबुत उडद के दाने ,दही बड़ा उडद का हो ।श्री बाबा वीर बुलाकी यंत्र ताबिज और रक्षा कवच,लाल धागा । इस साधना में किसी भी प्रकार का मास नहीं चढ़ाना है क्युके यह पूर्ण रूपेण तामसिक साधना नहीं है ।


विधि :-नवनाथों को प्रणाम करके शनिवार से साधना आरंभ करें और रक्षा कवच को लाल धागे में डालकर पहन ले,साधना में धूप दीप कर पूजन सामग्री को सामने रखे,एक लोटे मे जल भर कर उस मे 1 बताशा डाल दे और मिट्टी के कोरे सिकोरे में 1 लड्डू ,2 बर्फी, 1 पान का पता ,दही-बड़ा,5 बताशे रखे । लड्डू के पास 2 लौंग,2 इलायची और श्री बाबा वीर बुलाकी यंत्र ताबिज को रखे और उस पर जन्नत-ए-फिरदोस नाम के इत्र का फाहा लगा दे,उस पर आधा बॉटल शराब चढ़ाये ,बचा हुआ आधा बॉटल शराब संभालकर रखे । मन्त्र को बिना गिनती अनुमान से 90 मिनट तक जप करना है,जप करते समय दृष्टी श्री बाबा वीर बुलाकी यंत्र ताबिज पर हो जाप रात को 10.30 बजे के बाद करना है ताकि 12 बजे के बाद ही जाप पूर्ण हो जाए । जाप के उपरांत कपूर जला कर देव को अग्नि रूपी जानकर दही-बड़े का भोग,जायफल सुपारी,5 बताशे,1 पान के पत्ता और बचा हुआ आधा बॉटल शराब का भोग शराब लगाए और उसके ऊपर से तीन बार हाथ में जल लेकर घुमाये,अब 5 लौंग का अपनी कोई भी मनोकामना बोलते हुए चढ़ाये ।

मिट्टी के सिकोरे में कपूर पर भोग दी हुई सामग्री में
थोड़ी शराब भी सिकोरै में डाल दें फिर वह सिकोरा घर से बाहर कहीं आक के पौधे की जड में रख आए सिकोरा रखने के बाद कुछ उडद के दाने मन्त्र बोलते हुए आक के पौधे पर फेंके ।

साधना काल में अत्यंत सावधान रहे साधना के दौरान शराब,मछली, किसी भी प्रकार के मीट का सेवन भूल के भी ना करें ।



मंत्र:-


।। ॐ नमो आदेश गुरु का, या वीर बुलाकी मसान तार का तरकस लोहे का तीर खिचेगा वीर बुलाकी, मसाण माता का चीर लाल लड्डू लौंग सुपारी जिसपे चले वीर बुलाकी मसाण,शब्द सांचा पिंड काचा चलो मंत्र ईश्वरो वाचा,मैंने बुलाया बाटे-बाट आप आए उबाट-बाट,इसी समय वीर बुलकी मसाण प्रत्यक्ष हाजिर हो ना होतो बहन बसंती की आन,अगर इतने पर भी हजीर नी होए तो,बहन बसंती का चिरफाड लंगोटा करें,बहन बसंती से आराम करें चल चल वीर बुलाकी मसान हाजिर हो,ना हो तो दो दुहाई उस्ताद कमाल का सैयद की,दिल्ली के हजरत तख़्त की, आओ-आओ वीर बुलाकी मसान मेरे समक्ष प्रत्यक्ष हो,नहीं हो उस्ताद कमाल खान सैयद की  ****** को भंगी की लात पड़े ।।



इस मंत्र से बाबा श्री प्रत्यक्ष दर्शन दे सकते है और इस मंत्र में एक शब्द को गोपनीय रखा हुआ है जिसे प्रामाणिक साधक को बताया जाएगा । साधना कितने दिन करना है,आखरी दिन क्या करना है और बाबा श्री दर्शन दे तो उस समय उन्हें कैसे शांत करना है,यह भी गोपनीय रखा हुआ है परंतु जिन्हें जिज्ञासा हो वह इसे जानने के अधिकारी है । यह बाबा श्री का उग्र शाबर मंत्र है इसलिये इसमे बहोत सारा "आन/दुहाई" दिया हुआ है ।


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साधना सामग्री-न्यौछावर राशि 2450/-रुपये ।



आदेश.......