24 Mar 2017

विर-वेताल प्रत्यक्षिकरण साधना


शाबर मंत्रो की विशेष रचना है,जो सिद्ध नवनाथों द्वारा है । ये मंत्र पढ़ने में ज्यादा कठिनाई नहीं होती है एवं एक सामान्य साधक भी इन मंत्रों से लाभ उठा सकता है । आज पापमोचनी एकादशी के शुभ मुहूर्त पर मैं यह मंत्र और इससे संबंधित जानकारी आपको देना चाहता हूँ । 100 करोड़ शाबर मंत्रो की रचना सिद्ध नवनाथ भगवान ने किया हुआ है परंतु आज हमें बड़े मुश्किल से 10 हजार मंत्र भी देखने नहीं मिलते है । इस दुर्भाग्य को मिटाना अब तो असंभव है,फिर भी हमें प्रयास करना चाहिए ताकि कुछ मंत्रो को प्राप्त करके हमें इस कलयुग में प्रत्यक्ष लाभ हो । वैदिक और तांत्रोत्क मंत्रों के जाप से सब कुछ संभव तो है फिर उन्हें सिद्ध करने में वर्षो लग जाता है,इसलिए शाबर मंत्र का जाप करके लाभ उठाना उचित है ।
आज का यह साधना विर-वैताल के प्रत्यक्षिकरण से है,वेताल को प्रत्यक्ष करके उनसे कई प्रकार के कार्य पूर्ण करवाये जा सकते है । वेताल एक प्रकार से भूतो का राजा माना जाता है,हमारे देश में कई ऐसे साधक है जो वेताल को सिद्ध किये हुए है परंतु वह लोग दुनिया के सामने आकर लोककल्याण करना उचित नहीं समजते है । मुझे बहोत ख़ुशी है इस बात की,के आनेवाले समय में इस ब्लॉग के पाठकों में से किसी ना किसी पाठक के पास या कह सकते है किसी साधक के पास अवश्य ही वेताल सिद्धि संभव हो सकती है ।

वेताल एक प्रचंड शक्ति है जो संसार के समस्त प्रकार के भय का नाश करने हेतु एक महान सिद्धि है । इसके माध्यम से षटकर्म भी संभव है,समस्त प्रकार के रोगों का निवारण वेताल से संभव है । यह मंत्र विधान संसार के किसी भी किताब में आपको देखने नहीं मिलेगा,यह मंत्र विधान गोपनीय है और आज भी गाँव के लोगो के पास सुरक्षित है । मेरा ध्येय है के इस मंत्र विधान से आपको भी परिचित होना चाहिए और हो सके तो जनकल्याण हेतु आगे आना चाहिये ।

आज के समय में कई तांत्रिको ने मंत्र बेचकर विद्या का नाश किया है,जिससे कई प्रकार के मंत्र आज शक्तिहीन होते जा रहे है । मंत्रो को जाग्रत रखना आज के समय का आवश्यक कर्म है,आज अगर हम मंत्र विद्या को संभालकर रखे तो भविष्य में यह विद्या कई पीढ़ियों के काम आयेगी । एक डर है आजके साधक वर्ग में जिसे निकालना जरुरी है,सभी साधक मित्रो को लगता है के मैं आज से मंत्र जाप प्रारंभ करु और 11 दिन के साधना में 11 वे दिन ही शक्ति सामने प्रगट हो और जब वह शक्ति साधक के सामने प्रत्यक्ष नहीं होती है तो साधक वह साधना छोड़ देता है । उसे लगता है अगर मैं फिर से साधना करु और मुझे साधना में सफलता नहीं मिले तो मैं क्या करूँ,यही तो एक प्रकार का डर है जो एक साधक को साधना में सफल नहीं होने देता है । जैसे मैंने कहा है के बिर-कंगन 21 दिनों में जाग्रत होता है परंतु ना हो तो क्या करे? क्या साधना करना छोड़ दिया जाये । यह मूर्खता है,जब हम किसी साधना को प्रारम्भ करके कुछ दिनों बाद असफलता के कारण छोड़ देते है । बहोत से साधक को 21 दिनों में सफलता मिला है,हो सकता है किसिको कुछ समय ज्यादा साधना करनी पड़े तो हमेशा मेहनत करने का तय्यारी करना जरुरी है ।
।। बिस्मिल्लाह रहेमाने राहीम अहमद जागे महम्मद जागे,पीर सुल्तान जागे दिल्ली का बादशाह जागे,उलटा बिर हनुमान जागे,×××××××जिंन-जिन्नातो को जगाने के लिए जागे,×××××××××××× देश ××××× का इल्म सच्चा,मेरी भक्ति गुरु की शक्ति,चलो मंत्र ईश्वरी वाचा ।।
जैसे यह एक मंत्र है जिससे जिन सिद्ध होता है,यह मंत्र 41 दिनों तक जाप करने से संभव है,परंतु इतना तिष्ण मंत्र जाप करने के बाद भी जिन 41 दिनों में ना आये तो क्या किया जाए? इसमे कोई भी दूसरा विकल्प नहीं है,सिर्फ एक ही रास्ता है "साधना पुनः करना है और मेहनत करना जरुरी है,अवश्य ही सिद्धि प्राप्त होना संभव है"। साधना सिद्धि हेतु दीवानगी जरुरी है,वो मोहब्बत होनी ही चाहिये कुछ पाने की के हम सब कुछ प्राप्त कर सके ।

एक किसान गेहू का बीज जमींन में डालता है और आनेवाले चार महीनो तक खेत में मेहनत करता है तब जाकर कहा उसको अपने खेत में फसल देखने मिलती है,अच्छी फसल देखने के लिए उसको रोज खेत में जाकर 6-7 घंटे तक मेहनत करना पड़ता है । कभी कभी नैसर्गिक कारणों के वजेसे उसकी फसल भी बेकार हो जाती है परंतु वह हारता नहीं है ।अगर इस वर्ष अच्छी फसल नहीं हुयी तो अगले वर्ष अच्छी फसल प्राप्त करने की उम्मीद में वह फिर से अच्छेसे मेहनत करता ही है । परंतु हमारे साधक मित्र 11 दिनों में कुछ मुश्किल से 1-2 घंटे तक जाप करते है और जब सफलता ना मिले तो साधना,मंत्र,तंत्र,यन्त्र ओर गुरु के प्रती भी अविश्वास रखते हुए मन में दिल से गालिया देते है या फिर सब क्रिया को पाखंड मानते है ।

सबसे से पहिला बात ये दिमाग में डाल दो,खुद को साधक या तांत्रिक समझकर साधना करने से अच्छा तो खुद को किसान समझकर मंत्र साधना विधान किया करो । मेहनत और लगन से किया जाने वाला कोई भी कर्म निष्फल नहीं होता है,1-2 घंटे मंत्र जाप करने से अच्छा 3-4 घंटे जाप करने का कोशिश किया जाए तो बेहतर है । किसान की एक वर्ष की फसल तो उसको कुछ पैसा देती है,जिससे उसका 1-2 वर्ष तक घर चल जाता होगा परंतु आप अगर किसी भी एक साधना में पूर्ण सफलता प्राप्त करलो तो आपका पूर्ण जीवन अच्छा हो जायेगा । फेसबुक-यू-ट्यूब-व्हॉट्स अप के अघोरी तांत्रिक बाबा लोगो के नखरे झेलने से अच्छा तो स्वयं मेहनत करो और जीवन को सुखमयी बनाते हुए समाजकल्याण के ओर एक कदम आगे बढ़ाओ । मैंने भी आज लिखने में मेहनत किया है और मुझे लग रहा है के आप यह आर्टिकल पढ़ने के बाद मेरा ये छोटासा मेहनत बेकार नहीं जायेगा ।



साधना विधान:-

यह साधना किसी भी सोमवार से प्रारंभ कर सकते है और यह साधना सिर्फ रात्री में ही किया जाता है । साधना में एकांत का आवश्यकता है,रुद्राक्ष माला से जाप करना है ।आसन और वस्त्र लाल रंग के हो या काले रंग के हो,साधना से पूर्व शिव जी का पूजन अवश्य करे,तेल का दिया ही लगाए, तेल कोई भी चलेगा,उग्र सुगंध से युक्त अगरबत्ती का इस्तेमाल करे,रोज रात्री में 11 माला जाप 21 दिनों तक करने का विधान है,यह दक्षिणमुखी साधना है इसलिए दक्षिण दिशा में मुख करके जाप करे,साधना काल में वेताल के दर्शन हेतु रोज एक गुलाब का फूल अपने पास रखे और जब वेताल का दर्शन हो तो वह फूल उसे भेट करे ।



वेताल मंत्र:-

।। ॐ नमो आदेश गुरूजी को,मसान में रमता रात में जगता भूतो का राजा मेरे गुरु के विद्या से चलके आना,ना आये तो राजा तेरा हुकूम ना चले,दुहाई गुरु गोरखनाथ की,मेरी भक्ति गुरु ××××× की शक्ति,चलो मंत्र ईश्वरी वाचा ।।


मैंने इस मंत्र में एक शब्द गोपनीय रखा है और वह शब्द योग्य साधक को मै देने का वचन देता हूं परंतु किसी भी अयोग्य साधक को यह मंत्र नहीं दिया जाएगा । जब भी किसी योग्य साधक को मुझसे मंत्र प्राप्त करना हो तो मुझे ई-मेल करे amannikhil011@gmail.com पर,मैं साधक को एक छोटासा प्रश्न पुछूगा जिसका जवाब देते ही उसको गोपनीय शब्द बता दिया जायेगा । मैं इस गोपनीय शब्द को बताने के लिए आपसे कोई एक पैसा नहीं ले रहा हूँ । इसलिए चिंता ना करे और सवाल कोई ज्यादा कठिन नहीं है ।





आदेश............