सम्पूर्ण जगत नव ग्रह के आधीन हैं , और जो भी अच्छा या बुरा, हानि लाभ जीवन मरण ,यश अपयश जो भो होता हैं उसको सामनेलाने में इनकी भूमिका से इनकार नहीं कियाजा सकता हैं, अब यह तो सर्व भौमिक तथ्य हैं की जब भी सूर्य में सौर कलंको का समय आता हैं पर हमारी धरती पर अनेको उथल पुथल कारक घटनाये होने लगती हैं . पिछले सैकड़ों
सालो का इतिहास इस बात का प्रत्यक्ष
प्रमाण हैं . ग्रह ही राज्य देते हैं और ग्रह ही राज्य का भी हरण करते हैं .
वास्तव में ग्रह तो एक उत्प्रेरक का कार्य
करते हैं और मानव मात्र के जैसे कर्म फल हैं उनको सामने लाने का कार्य करते हैं. ज्योतिष में नव ग्रह और कुडली का योगदान तो सर्व विदित हैं एक कुशल ज्योतिषी अपने अनुभव और सटीक
विश्लेषण से आपके जीवन के भूतकाल या भविष्य काल रहस्य को आपके सामने रखने का प्रयास करता हैं .
जीवन में आने वाली हर वाधा के पीछे इनकीभूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता हैं .और जब कोई भी उपाय काम न दे रहा हो फिर वह चाहे साधना में सफलता न मिल पाना हो या कोई और बात तो फिर गृह अनुकूलता पर ध्यान देना ही चाहिए ... पर क्या हम इनसबका परिणाम सिर्फ सहन करते जाए क्या कोई रास्ता नहीं हैं???? तो साधना एक ऐसा तरीका आपके सामने रखती हैं जिसके माध्यम से आप अपने कितने न विगत जन्मो के अर्जित कर्म फल को कम करसकते हैं . और अपने जीवन में अनुकूलता लायी जा सकती हैं ..... और यह संभव होता हैं नव गृह की अनुकूलता
से .. एक ऐसा ही प्रयोग जो आपके लिए
लाभदायक सिद्ध होगा . भगवान् हनुमान की सामर्थ्य तो जग विख्यात हैं और उनकी कृपा से तो जीवन की समस्त बाधाओ का निर्मूलन होता हैं . साधना के नियम इस प्रकार हैं
१.लाल आसन पर लाल वस्त्र धारण कर के बैठे,
२. दिशा पूर्व या उत्तर कोई भी हो सकती हैं,
३. प्रात: काल का समय कही ज्यादा अच्छा होगा,
४. जप लाल मूंगा की माला से करे और सामने हनुमान जी का चित्र अवश्य हो .
५. गुरु जी का पूजन कर उनसे मानसिक आज्ञा प्राप्त कर ले किसी भी मगल वार या शनिवार/मंगलवार से यह प्रयोग प्रारंभ कर सकते हैं .
६.आपको इसमे 10,000 मंत्र जप करना हैं .इसमे दिन निर्धारित नहीं हैं फिर भी 11,21,31 या 41 दिनों में करे . फिर दसवा हिस्सा हवन करना हैं अगर यह नहीं हो पाए तो जितना मंत्र जप किया हैं उसका एक चौथाई मंत्र जप और कर सकते हैं.
७.साधना काल में ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करे .
यह मंत्र मेरा स्वयम का अनुभूत है और मंत्र जाप से शीघ्र जीवन मे दुख दुर होने लगते है.जीवन मे सभी प्रकार के सुखो की प्राप्ती इस साधना से संभव है और यह प्रयोग पहिले बार दिया जा रहा है.
मंत्र:-
ll ओम नमो हनुमते रुद्रावताराय देव दानव यक्ष राक्षस भूत प्रेत पिशाच डाकिनी शाकिनी दुष्टग्रहबंधनाय रामदूताय स्वाहा ll
इस साधना से नवग्रह बाधा के साथ भूत-प्रेत बाधा भी समाप्त होता है.
हो सके तो मंत्र जाप के बाद नित्य हनुमान चालिसा का एक पाठ कर लिया करे.
हो सके तो मंत्र जाप के बाद नित्य हनुमान चालिसा का एक पाठ कर लिया करे.
आदेश.....