29 Oct 2015

तीव्र वशीकरण शाबर साधना.


षट्कर्म प्रयोगों की अपनी ही एक उपयोगिता हैं और उनका निर्माण भी मानव जीवन को सुखमय और उन्नति युक्त बनाये रखने के लिए हुआ हैं, यह जरुर हैं की किस भावना और उदेश्य को लेकर इन प्रयोगों को किया जाए, उस पर व्यक्ति की अपनी ही एक सोच और कारण होता हैं,एक योग्य साधक परिस्थति के अनुसार निर्णय कर अपने आप को जब उपयुक्त समझता हैं तब इन विधाओ का प्रयोग करता हैं न की किसी के उकसावे मे आकर या किसी भावना के वश मे होकर क्योंकि प्रभाव तो होता ही हैं .
इन षट्कर्म प्रयोग मे एक प्रयोग हैं वशीकरण ..यूँ तो कहा भी गया हैं वशीकरण एक मंत्र हैं तज दे वचन कठोर .पर हर जगह हर परिस्थितयों मे तो यह बात नही हो सकती हैं न ..कई की बार ऐसी परिस्थितयां बन् जाती हैं की व्यक्ति के हाथ मे प्रयास मात्र इतने से कुछ नही होता बल्कि उसे साधना का भी सहयोग लेना ही पड़ता हैं,और साधना का मतलब ही हैं की जो मर्यादानुकूल,सामाजिक नियमानुकुल हो उसे यदि वह भाग्य मे न हो तो भी उसे प्राप्त कर लेना. वशीकरण साधनाओ को बहुत ही हेय दृष्टी से देखा जाता हैं कारण भी हैं क्योंकि अनेको ने इस साधनाओ का दुरुपयोग ही ज्यादा किया हैं.पर इससे इन साधनाओ की उपयोगिता तो समाप्त नही हो जाती हैं.एक सुयोग्य साधक का कर्तव्य हैं की जब भी समय मिले इन साधनाओ को सम्पन्न करता जाए तभी तो साधना जगत मे निरंतरता बनी रही सकती हैं, आज के समय मे... क्योंकि यह युग शुक्र ग्रह से कहीं ज्यादा प्रभावित हैं तो जीवन मे सुख विलास की चीजों के प्रति व्यक्ति का रुझान कहीं ज्यादा होता गया हैं और जीवन मे प्रेम और स्नेह की अपनी ही एक महत्वता हैं पर जब किसी भी कारण से परिस्थितियाँ साथ न दे रही हो तब सारी परिस्थिति को अपने अनुकूल करने के लिए इन सरल साधनाओ की अपनी ही एक उपयोगिता
हैं जिसे कमतर नही आँका जा सकता हैं .
पर इन साधनाओ का प्रयोग कर किसी का जीवन नष्ट करना या अपनी कुत्सिक भावनाओं की पूर्ति कतई उचित नही हैं
ऐसा करने पर हानि  ही ज्यादा होती हैं,क्योंकि आज समय ऐसा हैं कि लोग राह चलती लड़की पर प्रयोग कर दें.ऐसा
कतई न करें अन्यथा कुछ भी किसी के साथ अशुभ किये जाने पर व्यक्ति उसका स्वयं ही जवाब देना होगा .
विधि-विधान:-
आसन और वस्त्र लाल रंग के हो,दिन शनिवार का हो समय प्रातः या रात्रि काल
रुद्राक्ष माला से मंत्र जप केलिए उपयुक्त होगी.प्रयोग के समय अमुक की जगह इच्छित व्यक्ति का नाम ले जिसे आप अपने
अनुकूल करना चाहते हैं वह स्त्री, पुरुष,अधिकारी कोई भी हो सकता हैं.मंत्र सिद्धी के समय अमुक के जगह कोई नाम नही लेना है और इस प्रयोग मे मंत्र सिद्धी किये बिना वशीकरण क्रिया का लाभ प्राप्त नही होगा.पहीले मंत्र सिद्धी करे और मंत्र सिद्धी हेतु 7 दिनो मे 10,000 मंत्र का जाप जरुरी है अन्यथा मंत्र सिद्ध नही होगा और अगर मंत्र सिद्ध नही हुआ तो आपका वशीकरण प्रयोग असफल हो जायेगा.

मंत्र:


ll जय हनुमंता,तेज चलन्ता,शहर-गाँव,मर-घट मे रमन्ता,भैरू साथ उमिया कु नमन्ता,मेरे वश मे "अमुक"को लावन्ता,नमु हनुमन्त बजरंग बल-विरा,ध्यान धरू हिरदे मे धीरा ll



आपको दस हजार मंत्र करना हैं और मंत्र जप पूरा होने के बाद एक हजार बार इसी मंत्र की आहुति गाय के देसी घी से देना हैं,हवन आठवे दिन करना है. प्रयोग सम्पन्न होने पर आपको जिसको वश करना हो उसका फोटो अपने ठिक आंखो के  सामने दीवार पर चीपकाये और उसके फोटो को देखते हुए मंत्र का 108 बार जाप करते हुए अमुक व्यक्ती शीघ्र वश मे हो येसी भावना रखे.अमुक के जगह पर जिसको वश मे करना हो उसिका नाम ले परंतु वह व्यक्ति आपके पहेचान का हो अन्यथा असर नही होगा.यह क्रिया 3 दिन करना है और तीन दिन के बाद वह व्यक्ती 3 दिन के अंदर आपके वश मे हो जायेगा.ध्यान रहे इस प्रकार के मंत्र मे आपकी एकाग्रता  और निष्ठा  और इनके प्रति आपका विश्वास कहीं जयादा गहरी भूमिका निभाता हैं .यह साधना का प्रभाव कभी खाली नया आजतक और ना कभी जायेगा.


आदेश......