इस वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण 31 जनवरी 2018 को है. बता दें कि 2018 में दो चंद्र ग्रहण आएंगे, पहला 31 जनवरी को और दूसरा चंद्र ग्रहण 27-28 जुलाई 2018 को है. दोनों ही चंद्र ग्रहण भारत सहित अन्य देशों में भी दिखाई देंगे 31 जनवरी 2018 को आ रहे चंद्र ग्रहण पर 176 साल बाद पुष्य नक्षत्र का विशेष योग भी बन रहा है. अब आपको बताते हैं कि इस बार के चंद्र ग्रहण का आपके जीवन पर क्या असर पड़ने वाला है. यह ग्रहण माघ की पूर्णिमा को है जो कि कुछ लोगों के लिए बेहद शुभ है लेकिन वहीं दूसरी और कुछ लोगों के लिए अशुभ हो सकता है. भारत में चंद्र ग्रहण का समय क्या होगा? अगर आपके भी जहन में भी ये सवाल घूम रहा है तो आइए आपको इस सवाल का जवाब भी दे दें. भारत में चंद्र ग्रहण सायं 06.21 से 09.38 तक देखा जा सकेगा.
खग्रास चन्द्रग्रहण – 31 जनवरी 2018 (भूभाग में ग्रहण समय – शाम 5.17 से रात्रि 8.42 तक) (पूरे भारत में दिखेगा, नियम पालनीय ।) चन्द्रग्रहण बेध (सूतक) का समय सुबह 8.17 तक भोजन कर लें । बूढ़े, बच्चे, रोगी और गर्भवती महिला आवश्यकतानुसार दोपहर 11.30 बजे तक भोजन कर सकते हैं । रात्रि 8.42 पर ग्रहण समाप्त होने के बाद पहने हुए वस्त्रोंसहित स्नान और चन्द्रदर्शन करके भोजन आदि कर सकते हैं । ग्रहण पुण्यकाल जिन शहरों में शाम 5.17 के बाद चन्द्रोदय है वहाँ चन्द्रोदय से ग्रहण समाप्ति (रात्रि 8.42) तक पुण्यकाल है । जैसे अमदावाद का चन्द्रोदय शाम 6.21 से ग्रहण समाप्त रात्रि 8.42 तक पुण्यकाल है । शहरों का स्थान और चन्द्रोदय नीचे कुछ मुख्य शहरों का चन्द्रोदय दिया जा रहा है उसके अनुसार अपने-अपने शहरों का ग्रहण के पुण्यकाल का जानकर अवश्य लाभ लें । इलाहाबाद (शाम 5.40), अमृतसर (शाम 5.58), बैंगलुरू (शाम 6.16), भोपाल (शाम 6.02), चंडीगढ़ (शाम 5.52), चेन्नई (शाम 6.04), कटक (शाम 5.32), देहरादून (शाम 5.47), दिल्ली (शाम 5.54), गया (शाम 5.27), हरिद्वार (शाम 5.48), मुज़फ़्फ़नगर ( शाम5.56 ) जालंधर (शाम 5.56), कोलकत्ता (शाम 5.17), लखनऊ (शाम 5.41), मुजफ्फरपुर (शाम 5.23), नागपुर (शाम 5.58), नासिक (शाम 6.22), पटना (शाम 5.26), पुणे (शाम 6.23), राँची (शाम 5.28), उदयपुर (शाम 6.15), उज्जैन (शाम 6.09), वड़ोदरा (शाम 6.21), कानपुर (शाम 5.44) (इन दिये गये स्थानों के अतिरिक्तवाले अधिकांश स्थानों में पुण्यकाल का समय लगभग शाम 5.17 से रात्रि 8.42 के बीच समझें ।) ग्रहण के समय पालनीय (1) ग्रहण-वेध के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियाँ डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते । जबकि पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिए । (2) सामान्य दिन से चन्द्रग्रहण में किया गया पुण्यकर्म (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना । यदि गंगा-जल पास में हो तो चन्द्रग्रहण में एक करोड़ गुना फलदायी होता है । (3) ग्रहण-काल जप, दीक्षा, मंत्र-साधना (विभिन्न देवों के निमित्त) के लिए उत्तम काल है । (4) ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम जप अवश्य करें, न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है।
यहां ग्रहण काल में जाप करने हेतु कुछ मंत्र दे रहा हु और इनमें से कोई भी एक ही मंत्र का जाप पूर्ण ग्रहण काल के अवधि में करो तो निच्छित ही आपको 12 वर्षों के लिए सिद्धि प्राप्त हो सकती है ।
मनोकामना सिद्धि-
।। ॐ ह्रीं घृणिं मनोवांछितं सिद्धये फट ।।
Om hreem ghruneem manovaancchitam siddhaye phat
Om hreem ghruneem manovaancchitam siddhaye phat
सम्मोहन सिद्धि-
॥ ॐ ह्रीं सूर्य सम्मोहय ह्रीं ॐ ॥
Om hreem sury sammohay hreem om
Om hreem sury sammohay hreem om
अप्सरा सिद्धि-
।। ॐ क्लीं क्रीं अप्सरा सिद्धिं क्रीं क्लीं ॐ फट ।।
Om kleem kreem apsara siddhim kreem kleem om phat
Om kleem kreem apsara siddhim kreem kleem om phat
वशीकरण सिद्धि-
।।ॐ ह्रीं क्लीं अमुकं वश्यय वश्यय मोहय मोहय क्लीं ह्रीं ॐ फट ।।
Om hreem kleem amukam vashyay vashyay mohay mohay kleem hreem om phat
Om hreem kleem amukam vashyay vashyay mohay mohay kleem hreem om phat
रोगमुक्ति सिद्धि-
।। ॐ ह्लीं सर्व रोग नाशय नाशय ह्लीं फट स्वाहा ।।
Om hleem sarv rog naashay naashay hleem phat swaahaa
Om hleem sarv rog naashay naashay hleem phat swaahaa
यहां पर जो 5 मंत्र है वह आपके उपयोग में आएंगे और आपका जीवन कई सारे कठिनाई से मुक्त होगा यही आशा करता हूँ ।
आदेश.....