पारद के चंचल स्थिति को पूर्णता से
बांधने के क्रिया को अष्टदश संस्कार संपन्न कहेते है,पारद के कुल सोलह संस्कार संपन्न किए जाते है,जिनमे आठ संस्कार रोगो का मुक्ति,औषधि-निर्माण,रसायन,धातुवाद,और अमृत-कुम्भ भेदन
साधना के लिये आवश्यक है,आगे के अष्ट संस्कार
शून्य सिद्धि,खेचरी-सिद्धि,धातु-परिवर्तन,सिद्ध-सूत और
स्वर्ण-निर्माण के कार्य मे उपयुक्त होते है ।
1-स्वेदन,2-मर्दन,3-मूर्छन,4-उत्थापन,5-पातन,रोधन,7-नियमन,8-दीपन,9-ग्रासमान,10-चारण,11-गर्भदूती,12-जारण,13-बाह्यदुति,14-रंजन,15-सारण,16-क्रामण (17-वैध और 18-भक्षण)
स्वेदन- इससे पारद का मलदोष दूर होता है
मर्दन- पारद मे रहा हुआ माल निकल जाता है,और पारद मल से मुक्त हो जाता है
मूर्छन- पारद को मूर्छित करके उसे सिद्ध
बनाया जाता है
उत्थापन-इस क्रिया से पारद पवित्र बन
जाता है
पातन- इस क्रिया मे पारद सर्वथा मुक्त हो
जाता है
रोधन- इस क्रिया से पारद पूर्णता
दिव्य-चैतन्य हो जाता है
नियमन-इस क्रिया से पारद का चंचलता
समाप्त होता है,और पारद आबद्ध हो
जाता है
दीपन- इस क्रिया मे पारद बुभूषित पारद कहेलता है,जिसमे स्वर्ण-ग्रास का क्षमता होता है,येसे पारद का चमक
अपने आप मे अद्वितीय कहेलता है
यह बात है सिर्फ अष्ट संस्कारो की,मै इस
से आगे के संस्कार भी सदगुरुजी भगवान के कृपा से कर लेता हु और जो साधक पारदेश्वर
भगवान से प्रेम करते है सिर्फ उनके लिए ही शिवलिंग का निर्माण करता हु फिर चाहे
उनके पास न्यौच्छावर राशि ही कम क्यू न हो,किश्तों मे भी मै अब
तक के ६ वर्ष के कार्य काल मे दे चुका हु और आगे भी दुगा,क्यूके
मैंने हृदय से भगवान पारद जी से प्रेम किया है और करते रहुगा,मुजे पैसा कमाना होता तो किसी से एक पैसा भी नहीं छोड़ता,पूरा पैसा लेने के बाद ही पारद विग्रह देता,मेरा सभी पारद भक्तो पर पूर्ण विश्वास है॰जब मै इतना विश्वास
करता हु तो आपका भी यह कार्य है की आप भी विश्वास करना सीखे,मार्केट से किसी भी तरह का पारद विग्रह लेने से पूर्व इस बात
की जाच कीजिये “क्या इस विग्रह से अब तक किसिकों कुछ फायदा हुआ है”,बहोत सारे येसे साधक है जिनके पास पारद विग्रह तो है वो भी कई वर्षो से
परंतु अनुभूतिया 0%,क्यू इन्हे अनुभूतिया नहीं मिलती?येसे सवालो के जवाब
मुजे देना आवश्यक तो
नहीं है वो इसलिये क्यूके सच्चाई आप ही जान चुके है के आपको अनुभूतिया क्यू नहीं
मिलती,थोड़े ठंडे दिमाग से सोचिये और अपने दिल से पूछिये “सही मे आपको
अभी तक कुछ फायदा हुआ या नहीं”,सिर्फ पारद विग्रह स्थापित करने से क्या
होगा ज्यादा से ज्यादा थोड़े बहोत दोष कम हो जायेगे,थोड़े
बहोत दोष कम होने से जीवन पूर्ण नहीं हो सकता ,पारद
विग्रहो के साथ आवश्यकता है दुर्लभ विधि-विधान और
गोपनीय साधना ओ की,आप गूगल पर सर्च
करेगे तो बहोत सारी वेबसाईट मिल जाएगी जो आपको कम दाम मे पारद विग्रह दे सकती है
परंतु गारंटी नहीं दे सकती और नाही साधनाये दे सकती है,मतलब इसका अर्थ यही हुआ पैसा और समय बरबाद,कई लोग बोलते है हमारी गुटिका हमारा शिवलिंग काला पड़ गया,ये सारी बाते आप मुजे बतायेगे तो क्या इससे आपको फायदा होगा,नहीं होगा॰इस से अच्छा तो ये है जिनसे आपने प्राप्त
किया उनको बोलिये शायद वही कुछ चमत्कार करदे इस बात पे चर्चा करना शायद समय का बरबादी है,बहोत सारे प्यारे साधक भाई ओ ने पारद
शिवलिंग साधना मांगी है इसलिए गुरुपूर्णिमा के बाद यह साधना दे रहा हु,साधना तो प्रामाणिक है सिर्फ जरूरत है तो आपके अखंड विश्वास की॰