3 Jul 2020

गुरुपूर्णिमा साधना



ऐसा कोई शाबर मंत्र ही नही है जिसका जाप गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर करने से सिद्धी ना मिले,जरा सोचिए 365 दिनों में कई सारे मुहूर्त या कुछ ग्रहण आते है और उनमें शाबर मंत्र सिद्ध हो या ना हो परंतु गुरुपूर्णिमा को होते है, इसका अर्थ यही है के साधक और शिष्यों के जीवन मे गुरुपूर्णिमा से बढ़कर कोई पावन अवसर नही होता है ।

संस्कृत में ‘गुरु’ शब्द का अर्थ है ‘अंधकार को मिटाने वाला।’ गुरु साधक के अज्ञान को मिटाता है, ताकि वह अपने भीतर ही सृष्टि के स्रोत का अनुभव कर सके। पारंपरिक रूप से गुरु पूर्णिमा का दिन वह समय है जब साधक गुरु को अपना आभार अर्पित करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मंत्र साधना और तंत्र का अभ्यास करने के लिए गुरु पूर्णिमा को विशेष लाभ देने वाला दिन माना जाता है। जिनके जीवन मे गुरु ना हो उनके लिए तो सिर्फ यही कहूंगा के जीवन मे ऐसा गलती ना करे और सर्वप्रथम किसी गुरु के चरणों मे स्वयं को समर्पित करके उनसे अवश्य गुरुदीक्षा प्राप्त करे । 

हमारे गुरुजी हमेशा कहते थे "आज गुरुपूर्णिमा नही शिष्यपूर्णिमा है क्योके आपने मुझे गुरु कहकर संबोधित किया तब जाकर कहा मेरे ज्ञान और तपस्या को एक नाम मिला अन्यथा मैं दुनिया के लिए एक महाराज ही था,जितना महत्व आज के दिवस का आपको है उससे कई ज्यादा महत्व मेरे लिए है,मेरे सामने आज सेकड़ो शिष्य खड़े है जिनका मैं गुरु हु पिता हु माता हु और आपके सामने सिर्फ एक गुरु खड़ा है,इसलिए आप स्वयं समझिए के मेरे लिए सेकड़ो शिष्यों के सामने खड़े रहने के बाद हृदय में कितना स्नेह उत्पन्न हो जाता होगा,इसलिए आज का यह पावन अवसर मेरे लिए शिष्यपूर्णिमा है ।

गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर आप सभी शिष्य और साधकगण अवश्य गुरुमंत्र का जाप करे,एक शाबर मंत्र दे रहा हु उसका भी जाप करे ताकि आपको गुरु की कृपादृष्टि प्राप्त होती रहे । मैं जो साधना दे रहा हु,इस साधना में आपके गुरु कोई भी हो उनकी भी कृपा आपको प्राप्त होती रहेगी और आपको जीवन मे शाबर मंत्र साधनाओं में सफलता भी मिलती रहेगी ।

मंत्र-

।। ॐ नमो आदेश गुरु को आदि गुरु को अनादि गुरु को,गुरु को ध्यावु गुरु को पावु,अन्तर्मन में बिराजू सकल मन करू सेवा,गुरु कृपा प्राप्त करु सर्व विद्या प्रसन्न करू,सत नमो आदेश गुरु जी को आदेश गुरु का मंत्र सच्चा चले छू ।।


मंत्र सरल भाषा मे होने के कारण आप अर्थ समझ जायेंगे, गुरुपूर्णिमा के अवसर पर गुरु मंत्र का जाप होने के बाद इस शाबर मंत्र का 108 बार जाप गुरुमंत्र माला से अवश्य करे ।


इस मंत्र की दीक्षा भी होती है,जिसके बारे में समझाना कठिन है,इसलिए यह आर्टिकल यही समाप्त करते है ।


आदेश.....