हे मेरे प्रिय भोलेनाथ, आपके कृपा से मैं जीवित हु ।
हर सांस भी आपको दे दु तो,वो भी आपकी ही है,अब आपही बताए आपको क्या अर्पित कर सकता हूँ ?
यही बात है जो हर शिव भक्त अपने दिल मे रखता है,करे तो क्या करे अपने प्रिय ईष्ट भगवान शिव जी के लिए,बहोत कुछ करने की चाह होती है और मन मे एक ही स्वप्न होता है के मैं शिव जी का आशिर्वाद प्राप्त करु ।
13 फरवरी को महाशिवरात्रि का दिव्य पावन अवसर है जिसे खोना नही चाहिए अपितु अपने ईष्ट के कृपा को प्राप्त करने के लिए भक्ति, सेवा या मंत्र जाप अवश्य करना चाहिए । कोई एक बुरा आदत छोड़ ही दो इस महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर जैसे शराब पीना,सिगरेट पीना,मास खाना,घुटका खाना या फिर तंबाकू,जो भी इसमें से किसी भी शिव भक्त को बुरा आदत हो वह अब छोड़ ही दो । शिव भक्त को त्याग करना आना चाहिए और बुरे से बुरे आदतों को त्याग कर जो भी शिव भक्त भक्तिमार्ग पर आगे बढ़ता है उसे शिव कृपा अवश्य ही प्राप्त होती है ।
अघोरी बड़े नशे में धुत होते है और उनका दिमाग सातवे आसमान पर बैठकर बाते करता है के "मैं ये हु-मैं वो हु,मैं ये कर सकता हु-मैं वो कर सकता हु" । हमेशा याद रखो ऐसे लोग अघोरी नही अपितु चप्पल चोर होते है और इन्हें नशा करने के अलावा कुछ नही आता है । मैंने अपने जीवन मे ऐसे अघोरी देखे है जिनको नशे की आदत नही है और कुछ तो ऐसे भी देखे के वह चाहे कितना भी शराब पिये उनको नशा होता ही नही था । सच्चा अघोरी हो या फिर सच्चा शिव भक्त हो वह सिर्फ एक ही बात समझता हैं, शिवभक्ती से बड़ा नशा इस संसार में है ही नही ।
भक्त ही समझे भक्ति का नशा,
और कौन जाने क्या होता है नशा ।
इसलिए कह रहा हु के इस महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर शिवभक्ती के नशे में डूब जाओ परंतु बेकार के चीजो से नशा मत करो और अब तक नशा करते आये हो तो उसको अब त्याग दो,तो ही आप सच्चे शिवभक्त कहलाओगे अन्यथा ढोंगी भक्तों को हर बार भगवान से भिक मांगते रहना पड़ता है और सच्चे भक्तों को भगवान कुछ भी मांगने से पहिले ही आशीर्वाद के रूप में जो चाहे वह दे देते है ।
शिव जी पर तो शिवपुराण के साथ साथ कई ग्रंथ लिखे हुए है परंतु भोले बाबा को कैसे प्रसन्न करे यह तो रावण ने इस दुनिया को सिखाया था । माँ सती में स्वयं के जीवन को त्याग दिया तब जाकर कहा माँ पार्वती के रूप में आज भी वह भोले बाबा के साथ विराजमान है,यही बात रावण ने समझ ली और दशानन रावण अपने मुण्ड को काट कर चढ़ा रहा था,वह भी अपने जीवन को त्याग रहा था परंतू शिव जी ने उसको रोक लिया और आत्मलिंग प्रदान कर दिया ।
अब रावण तो दूसरा कोई बनना है ही नही परंतु कुछ तो त्याग करके देख ही लो और नशे का त्याग करोगे तो गारंटी के साथ बोल रहा हु मरोगे नही ।
मेरा काम था समझाना,जिसे समझना है वो समझ लेगा और इसी विश्वास के साथ आज का यह अद्वितीय मंत्र साधना दे रहा हु ।
यह मंत्र मुझे एक विचित्र अघोरी बाबा ने दिया था,इस मंत्र से बहोत सारे काम होते है परंतु मैं सिर्फ आपको शिव जी के कृपा को प्राप्त करने हेतु साधना विधान बता रहा हु,बाकी इस मंत्र से काम कैसे करने है वह गोपनीय रखना आवश्यक है ।
महाशिवरात्रि के रात्रि में अन्नग्रहण ना करे,जो भी खाना हो वह सूर्यास्त से पहिले ही खाना है । शिवलिंग या शिव जी के चित्र के सामने एक गाय के घी का दीपक जलाएं और उस दीपक के लौ में देखते हुये 3 घंटे तक जाप करे तो अवश्य ही शिव जी का दर्शन संभव है । साधना रात्रि में 9.30 बजे के बाद कभी भी शुरू करे सिर्फ 12 बजे से पहिले शुरू करे । आसन वस्त्र किसी भी रंग का चलेगा और मंत्र जाप के समय उत्तर दिशा में मुख करके बैठना है । जलते हुए दीपक के लौ में भोले बाबा के दर्शन संभव है,ऐसा मत सोचो के सामने आकर प्रत्यक्ष होंगे क्योंके प्रत्यक्ष दर्शन हेतु कठिन तपस्या की आवश्यकता होती है । साधना में धूपबत्ति जला सकते हो परंतु साधना कक्ष में ज्यादा धुवा मत करो नही तो आंखों में जलन होगा । दीपक के लौ में त्राटक करना है इसलिए ज्यादा से ज्यादा आंखों को खुला रखो ।
अघोर मंत्र
।। बम बम भोले,अघोर गौरा पारबती,शिवजी कुँवारा संग रहे ।।
इसमें सिर्फ शब्द है,नाही ॐ है और नाही आदेश है और नाही कोई दूहाई है फिर भी यह एक अद्वितीय अघोर मंत्र है । मंत्र जाप के समय ज्यादा गर्मी महसूस हो तो साधना में से उठ जाना उचित रहेगा क्योंके साधना जबरदस्ती संपन्न मत करो ।
आदेश
।।ॐ नमः शिवाय ।।
Shiv Darshan Aghori Mantra Saadhna
"My Dear Lord, I am alive by your grace. Every breath that I take belongs to you. What can I offer to you when everything that is mine has been given by you "
These are the thoughts of every Shiv bhakt. Every Shiv bhakt wants to do a lot for his Lord and carries the dream that one day He or She will receive the Lord's blessing.
This year, Mahashivratri is falling on 13th February, and it is a very auspicious time to get Lord Shiva's blessings through bhakti ( devotion), seva ( servitude) or Mantra jap. This Mahashivratri, leave some of the bad habits that you've been carrying uptill now, like drinking alcohol, smoking cigarettes, eating meat, or even chewing tobacco. Every Shiv bhakt should learn to sacrifice, and anyone who leaves his bad habits and follows the bhakti path of Shiva always receives His blessings.
A lot of aghoris stay intoxicated and say things like " I'm this - I'm that- I can do this- I can do that". You should know that these people are not real aghoris, they are fakes and they don't know anything except staying intoxicated. I've seen aghoris that do not take intoxicants and I've also seen aghoris who can drink huge quantities of alcohol and still not get drunk. A real shiv bhakt only knows one thing -
Only a devotee can understand the intoxicantation of devotion,
No one else can understand intoxication.
That's why I'm saying, this year get intoxicated with the love of lord but leave other intoxicants like alcohol and cigarettes. And if you've been doing so uptill now, stop. Only then you will be seen as a true shiv bhakt. If you, then you are no different from the fake bhakts of God who have to beg Him for everything while the real ones get everything from Him without asking.
There have been a lot of Granths written about Lord Shiva, including the Shiv puran, but it was Ravana who taught people how to impress Him. He understood that Maa Sati had to give up her life before she could get a permanent place beside the Lord. So even he was ready to cut off his head and tribute it to Him, but he was stopped by Shiva who rewarded him with the Atma-lingam.
Learn how to sacrifice from ravana, and leave intoxicants. You won't die, I assure you.
My work was to advise, and that is done. Those who have wisdom will follow what has been said. Keeping that in mind, I'm giving a mantra has no double. This was given to be by an aghori baba, it is used for a lot of purposes, but only giving the vidhi to get blessing of the lord, nothing else.
Don't eat at night on mahashivratri, eat before the sunset. Light a cow ghee lamp/diya in front of a Shivling or a photo of Lord Shiva, and stare into its flame continously while chanting the mantra for 3 hours. If done with diligence, then Darshan of the lord is definitely possible. Begin after 9:30 pm anytime but before 12 am. The asan and clothes can be of any colour but the direction has to be North. Darshan of lord Shiv is definitely possible inside the flame of the lamp. Don't think there will be a pratyaksh darshan, that is only possible through very difficult austerities. You can light Dhoop batti but take care that the room does not get filled with smoke or your eyes will start to tear. Keep your eyes open as much as you can as you need to do tratak while staring into the flame.
Mantra
" ।। बम बम भोले,अघोर गौरा पारबती,शिवजी कुँवारा संग रहे ।।
" Bum Bum Bhole, Aghor Goura Parbati, Shivji Kunwara Sang Rahe"
There are only words in this mantra, but it is very powerful. If you feel hot during the chant, it would be better to get up rather than forcefully trying to complete the saadhna.
Aadhesh...