28 Dec 2017

गुप्तकाली साधना




महाकाली को ही महाकाल पुरुष की शक्ति के रूप में माना जाता है । महाकाल का कोई लक्षण नहीं, वह अज्ञात है, तर्क से परे है । उसी की शक्ति का नाम है महाकाली । सृष्टि के आरंभ में यही महाविद्या चतुर्दिक विकीर्ण थी । महाकाली शक्ति का आरंभ में यही महाविद्या चतुर्दिक विकीर्ण थी । महाकाली शक्ति का आरंभिक अवतरण था । यही कारण है कि आगमशास्त्र में इसे प्रथमा व आद्या आदि नामों से भी संबोधित किया गया है ।

आगमशास्त्र में रात्रि को महाप्रल्य का प्रतीक माना गया है । रात के १२ बजे का समय अत्यंत अंधकारमय होता है । यही कालखंड महाकाली है । रात के १२ बजे से लेकर सूर्योदय होने से पहले तक संपूर्ण कालखंड महाकाली है । रात के १२ बजे से लेकर सूर्योदय होने से पहले तक संपूर्ण कालखंड महाकाली है । सूर्योदय होते ही अंधकार क्रमश: घटता जाता है । अंधकार के उतार-चढाव को देखते हुए इस कालखंड को ऋषि-मुनियों ने कुल ६२ विभागों में विभाजित किया है । इसी प्रकार महाकाली के भी अलग-अलग रूपों के ६२ विभाग हैं । शक्ति के अलग-अलग रूपों की व्याख्या करने के उद्देश्य से ऋषि-मुनियों ने निदान विद्या के आधार पर उनकी मूर्तियां बनाईं ।


समस्त शक्तियों को अचिंत्या कहा गया है । वे अदृश्य और निर्गुण हैं । शक्तियों की मूर्तियों को उनकी काया का स्वरूप मानना चाहिए ।

अचिंत्यस्थाप्रामैयस्य निर्गुणस्य गुणात्मनः ।
उपासकानां सिद्धयर्थ ब्रह्मणों रूपकल्पना ॥

अर्थात:शक्तियों के रूप की कल्पना करते हुए काल्पनिक मूर्तियों का इसलिए निर्माण किया गया, ताकि उनकी उपासना की जा सके तथा उनके रूप के दर्शन किए जा सकें ।


यह साधना महाकाली जी के गोपनीय रूप का साधना है जिसे गुप्तकाली कहा जाता है,गुप्तकाली मंत्र साधना से गोपनीय ज्ञान के साथ साथ गुप्त शक्तियाँ और सिद्धिया साधक प्राप्त कर सकता है । जिसने यह साधना किसी भी ग्रहण काल (101 माला जाप ) में कर ली तो समझ जाएंगे कि इसी साधना के माध्यम से उसने कई सिद्धियों को प्राप्त करने हेतु अपना जीवन तंत्र शास्त्र हेतु समर्पित कर दिया है । इस साधना में मंत्र जाप हेतु मुख दक्षिण दिशा में और काले रंग के वस्त्रों का उपयोग होगा । साधना रात को करना है,किसी भी समय 9 बजे के बाद और साधना किसी भी अमावस्या से प्रारंभ करे । काली हकीक माला और काली विग्रह आप मार्केट से खरीद ले और दोनों का प्राण-प्रतिष्ठा विधि इस ब्लॉग पर 2013 के आर्टिकल्स में मिल जाएगा ।



दाहिने हाथ मे जल लेकर विनियोग मंत्र बोलकर जल को जमीन पर छोड़ दे ।

विनियोग-
।। अस्य श्री गुप्तकाली मंत्रस्य भैरव ऋषिः उष्णिक् छन्दः, गुप्त कालिके देवता, क्रीं बीजम्, हूं शक्तिः, क्रीं कीलकम्, ममाभीष्ट सिध्यर्थे जपे विनियोगः ।।


ऋष्यादिन्यास:-
ॐ भैरव ऋषये नमः (शिरसि) ।
उष्णिक्छन्दसे नमः (मुखे) ।
गुप्तकालिका देवतायै नमः (ह्रदि) ।
क्रीं बीजाय नमः (गुहये) ।
हूं शक्तये नमः (पादयो:) ।
क्रीं कीलकाय नमः (नाभौ) ।
विनियोगाय नमः (सर्वाङ्गे) ।


करन्यास:-
ॐ क्रां अंगुष्ठाभ्यां नमः ।
ॐ क्रीं तर्जनीभ्यां नमः ।
ॐ क्रूं मध्यमाभ्यां नमः ।
ॐ क्रैं अनामिकाभ्यां नमः ।
ॐ क्रौं कनिष्ठिकाभ्यां नमः ।
ॐ क्रः करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः ।


हृदयादि न्यास:-
ॐ क्रां ह्रदयास नमः ।
ॐ क्रीं शिरसे स्वाहा ।
ॐ क्रूं शिखायै वषट् ।
ॐ क्रैं कवचाय हुम् ।
ॐ क्रौं नेत्रत्रयाय वौषट् ।
ॐ क्रः अस्त्राय फट् ।


अक्षर न्यासः-
ॐ अं आं इं ईं उं ऊं ऋं ऋं लृं लृं नमो (हृदि)
ॐ एं ऐं ओं औं अं अः कं खं गं घं नमो (दक्ष भुजे)
ॐ ङं चं छं जं झं ञं टं ठं डं ढं नमो वाम (भुजे)
ॐ णं तं थं दं धं नं पं फं बं भं नमो दक्ष (पादे)
ॐ मं यं रं लं वं शं षं सं हं क्षं नमो वाम (पादे) (इत विन्यासः)


सर्वांग न्यास :-
ॐ क्रीं नमः (ब्रह्मरन्ध्रे) ।
ॐ क्रीं नमः (भ्रू मध्ये) ।
ॐ क्रीं नमः (ललाटे) ।
ॐ ह्नीं नमः (नाभौ) ।
ॐ ह्नीं नमः (गुह्ये) ।
ॐ ह्नूं नमः (वक्त्रे) ।
ॐ ह्नूं नमः (गुर्वङ्गे) ।


ध्यान:-
ॐ शवारूढां महाभीमां घोरदंष्ट्रां हसन्मुखीम् ।
चतुर्भुजां खङ्गमुण्डवराभय करां शिवाम् ॥
मुण्डमालाधरां देवीं ललज्जिह्वां दिगम्बराम् ।
एवं सञ्चिन्तयेत्कालीं श्मशानालय वासिनीम् ॥
(कालीतंत्रानुसार)


पुष्पों का आसन बनाए और मंत्र बोलकर काली विग्रह को आसन पर स्थापित करे-
ॐ सदाशिव महाप्रेताय गुप्तकाल्यासनाय नमः ।


पीठशक्ति पूजा (काली जी के विग्रह पर कुंकुम से रंगे हुए चावल एक-एक मंत्र बोलकर चढ़ाये )-
ॐ जयायै नमः । ॐ विजयायै नमः । ॐ अजितायै नमः । ॐ अपराजितायै नमः । ॐ नित्यायै नमः । ॐ विलासिन्यै नमः । ॐ दोग्ध्रूयै नमः । ॐ अघोरायै नमः । ॐ मङ्गलायै नमः ।


इसके पश्चात गुप्त काली के यंत्र अथवा काली जी के मूर्ति को तांबे के पात्र में रखकर, उसे घृत द्वारा अभ्यंग-स्नान कराएं । फिर उसके ऊपर दुग्ध-धारा तथा जल-धारा छोडकर स्वच्छ वस्त्र में लपेटे और "ॐ ह्नीं कालिका योग पीठात्मने नमः" मंत्र द्वारा पुनः पुष्पादि असान देकर, पीठ के मध्यभाग में स्थापित करे ।


गुप्त काली अठारह वर्णीय मंत्र-

।। क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं गुप्तकालीके क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा ।।

Kreem kreem hoom hoom hreem hreem guptakalike kreem kreem hoom hoom hreem hreem swaahaa



उक्त मंत्र मनोकामनापूरक है साधक के सभी कष्टो का हरण करने में सहाय्यक है,निर्भयता पूर्वक मंत्र का जाप नित्य 11 माला 21 दिनों तक करे तो संभव है के माँ भगवती गुप्तकाली जी के दर्शन हो सकते है । यह साधना प्रत्येक साधक को करना चाहिए ताकी उसे सभी प्रकार के साधना में सिद्धि प्राप्त हो । इस साधना के उपरांत साधक अन्य साधनाओ में सिद्धी प्राप्त करने में एक सफल साधक बन जाता है ।


बलिदान मंत्र :-
(बलिदान मंत्र साधना समाप्ति के आखरी दिन बोलकर एक अनार का बलि दे)
ऐह्येहि गुप्तकालिके मम बलि गृहण गृहण मम शत्रून् नाशय नाशय खादय खादय स्फुट स्फुट स्फुट छिन्धि सिद्धि देहि हूं फट् स्वाहा ।

कई स्थानों पर बलि के नाम पर पशुओं का बलि दिया जाता है जो बहोत दुखद है,हमेशा तंत्र शास्त्र में अनार का बलि देना सिद्धप्रद माना जाता है ।


जप समर्पण - मन्त्र जप पूरा करके उसे भगवती को समर्पण करते हुए कहें -
गुह्यति गुह्य गोप्त्री त्वं, गृहाणास्मत्कृतं जपम् ।
सिद्धिर्भवतु मे देवि, त्वत्प्रसादान्महेश्वरि ॥

इस प्रकार देवी के बाएँ हाथ में पुष्प के रूप में मतलब एक पुष्प चढ़ाकर जप समर्पण करे ।

नोट-जिन्हें न्यास करने में कठिनाई आती हो वह साधक विनियोग-ध्यान मंत्र बोलकर मुख्य मंत्र जाप कर सकते है ।

इस प्रकार से यह गोपनीय गुप्त काली साधना सम्पन्न किया जाता है और इस साधना से समस्त प्रकार की इच्छाओं को भी पूर्ण किया जा सकता है । साधना की सफलता साधक के विश्वास, श्रद्धा और मेहनत पर आधारित होती है,इसलिए मन के मैल को हटाकर बिना किसी किन्तु परंतु के साधना संपन्न करे ।




अपनो से अपनी बात-
हमारे देश में किसानों की आत्महत्या को एक लो-प्रोफाइल केस माना जाता है। ना तो कोई मदद करने वाला आता है ना ही मीडिया किसी कवरेज को प्राथमिकता देता है। बाकि सरकारों के पास अपना दुखड़ा रोने के लाखों बहाने होते है। सहायता के नाम पर घोषणाएं तो बहुत होती है पर इनमें से कितनी पूरी होती है ये तो हम सबको पता है। ऐसे में अग घोषणाओं के इस दौर में कोई वाकई मदद को आगे आता है वो वाकई किसी दूत से कम नहीं होता।
नाना पाटेकर साहब किसानों की आत्महत्या रोकने तथा उनकी समस्याएं दूर करने के लिए कई प्रकार की पहलें कर रहे हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के किसानों को आर्थिक सहायता भी दी है। ऐसे महान व्यक्तित्व को मैं प्रणाम करता हूँ और आज उनका जन्मदिन भी है तो इस अवसर पर उनको जन्मदिन की बहोत बहोत शुभकामनाएं......


बड़े पर्दे पर अपनी ऐक्टिंग से लोगों का दिल जीतने वाले मशहूर थिअटर और फिल्म ऐक्टर नाना पाटेकर अब रियल लाइफ हीरो भी साबित हो गए हैं। अपने साथी और मराठी ऐक्टर मकरंद अनासपुरे के साथ मिलकर नाना ने 'नाम फाउंडेशन' की स्थापना की है।
'नाम फाउंडेशन' की स्थापना का उद्देश्य उस किसान समुदाय की मदद करना है,जिनकी परिस्थितियां काफी दुखद हैं। इसके तहत जो भी चीजें संभव हो सकेंगी, वह किसानों को मुहैया कराई जाएंगी। इसके जरिए कोशिश की जाएगी कि देश में किसानों की आत्महत्या में कमी हो।


हमने कई बार फिल्म स्टार्स की ऐसी कहानियां सुनी होंगी जो जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं लेकिन नाना ने अपनी कमाई का 90 फीसदी पैसा इस फाउंडेशन को डोनेट किया है और इस तरह नाना ऐसे पहले ऐक्टर हैं।
नाना को हमेशा लगता है कि राज्य में किसानों की स्थिति बेहतर होनी चाहिए और इसीलिए उन्होंने इस फाउंडेशन की शुरुआत की है। बता दें, 'नाम फाउंडेशन' एक गैर सरकारी फाउंडेशन है जो महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ जैसे सूखा प्रभावित इलाकों में किसानों की बेहतरी के लिए काम करता है ।


महाराष्ट्र में मराठवाड़ा और विदर्भ के किसानों को खुदकुशी करता देख नाना ने उन्होंने अलग अलग इलाकों में जाकर किसानों की करीब 300 विधवाओं को 15,000-15000 रुपये की आर्थिक मदद दी। नाना पाटेकर से प्रभावित होकर बॉलीवुड के सुपरस्टार अक्षय कुमार भी आत्महत्या कर चुके किसानों के परिवारों की मदद के लिए आगे आए। अक्षय ने 180 परिवारों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी। अभी हाल ही में क्रिकेटर अजिक्य रहाणे ने किसानों के लिए आगे बढ़कर कदम बढ़ाते हुए सीएम देवेन्द्र फणनवीस को किसानों की मदद के लिए 5 लाख रूपये डोनेट किये।
हो सके तो आप सभी सज्जन नाना पाटेकर साहब के "नाम फाउंडेशन" में अपने योग्यता नुसार कुछ धनराशि अवश्य ही दान करे और सही मायनों में पूण्य के भागीदार बने । मैने भी किसानों के मदत हेतु एक अच्छा प्रयास किया था परंतु मैं उसमें असफल राहा, इस वर्ष मेरा एक ही संकल्प है के ज्यादा से ज्यादा सज्जन लोग "नाम फाउंडेशन" जुड़कर अपना योगदान दे ।

मातारानी आप सभी पर कृपा करें,यही नववर्ष पर कामना करता हूँ ......



आदेश......