बहोत सारे ज्ञानी-महाज्ञानी कहेते है सकारात्मक सोचो,मुझे एक बात कहनी है के सकारात्मक सोच तो ठीक है परंतु क्या सिर्फ सकारात्मक सोच रखने से ही जीवन बदल जायेगा ? मैं इतना ही कहूंगा के स्वयं पर विश्वास रखो और फिर सकारात्मक सोचो तो जो कार्य अब तक आप जीवन मे नही कर सके हो वह 100% कर सकते हो । अब नवरात्रि आरही है और सभी मातारानी के भक्त उनके सेवा में समर्पित हो रहे है,यहां बुरा मत मानना क्योंकी एक सवाल पूछना है आप लोगो से "क्या आप मातारानी को जानते हो या फिर मातारानी आपको जानती है?",एक बात तो मैं मानता हूँ के "जिस माँ ने आपको जन्म दिया है वो आपको अच्छेसे जानती है फिर चाहे आप शायद उन्हें अच्छेसे जानते हो या नही ये मुझे नही पता" ।
नवरात्रि में तो मातारानी के प्रति जो भक्ति दिखाते हो कृपया वैसे ही कुछ भक्ति जन्म देने वाली माँ के प्रति भी रखो ताकि जीवन मे मातारानी का आशीर्वाद आपको मिल सके ।
माँ के बिना तो स्वयं तीनो लोको के स्वामी भी किसी काम के नही और वह स्वयं कहेते है अगर माँ आदिमाया की शक्ति की कृपा हमे प्राप्त ना होती तो हम भी सामान्य होते । इसलिए आप सभी महान अद्वितीय साधक मित्रो से मेरा निवेदन है "जिस माँ ने जन्म दिया है उनकी ही ज्यादा सेवा करो",स्वयं माँ जगदंबा बिना आवाहन किये आपके सामने प्रत्यक्ष हो जाएगी । ये मेरा वहम नही है मित्रो,यह मुझे पूर्ण विश्वास है और कृपया जिन व्यक्तियों ने अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम में छोड़ दिया है उन सभीके मैं पैर पकडर उनसे विनती करता हूँ के "उन्हें अपने घर पर वापिस लाओ और उनकी सेवा करो" । माता-पिता जब वृध्द हो जाते है तो वह बोझ नही बनते है,वह तो हमे स्ययं की सेवा के माध्यम से ऋण उतारने का मौका देते है और उनका ऋण इस जन्म में हम नही उतार पाते है ।
माँ शब्द ही अपने आप मे सभी पापो से पीड़ाओं से मुक्ति दिला सकता है,इस संसार के सभी ऋषि-मुनियों से मैं इस बात पर द्वंद भी करना चाहूंगा के "माँ" इस पवित्र शब्द से बड़ा ना कोई मंत्र है और ना कोई सिद्धि है । सिर्फ माँ कहेने से नही होगा,हमे उस माता को भी समझना पड़ेगा जिसे हम माँ कहेते है,यार नवरात्रिया तो आते-जाते रहेगी परंतु जिन्होंने जन्म दिया है वो तो बस इस जन्म में एक ही बार अपने स्वयं के आखरी साँस तक साथ रहेगी । माँ की सेवा करो तो मातारानी बिना किसी भी प्रकार के सेवा से प्रसन्न हो जाएगी । आप नवरात्रि में वैसे भी मातारानी से क्या मांगेंगे धन-धान्य-ऐश्वर्य-पत्नी-प्रियसी-रोगमुक्ति या ओर भी कुछ जो सिर्फ आपका स्वार्थ ही होगा परंतू इस बार कुछ विशेष मांगो "है माँ भगवती मेरे प्रिय माता-पिता को स्वस्थ जीवन,चिन्तामुक्ति,सुख और मेरे हाथो उनकी सेवा प्रदान करो,मैं सदैव आपका ऋणी बनकर रहुगा" ।
यह मातारानी से की जाने वाली प्रार्थना ही आपके जीवन को बदल सकती है,येसा ही मुझे पूर्ण विश्वास है । इसी प्रार्थना के साथ आज आपको एक विशेष मंत्र भी दे रहा हूँ जो अत्यंत गोपनीय है परंतु आज इस मंत्र के गोपनीय रखना मुझे उचित नही लग रहा है । मेरे तो कई सारे शत्रु है जो सिर्फ मेरे पिट-पीछे बात करते है,उनमे शायद इतनी हिम्मत नही है के वह मेरे सामने आकर मुझसे बात करे । आजकल मेरे प्रिय शत्रुओ ने कई सारे ग्रुप बनाए हुये है जहां मेरी स्तुति चलती रहती है और स्तुति में बुराई ही होती है ओर तो नया कुछ होता नही है ।
मैने अपने प्राण-प्रिय मूर्ख शत्रुओ का ज़िक्र आज इसलिये किया क्युके उन्हें लगता है के मैं स्वयं मंत्र बनाता हूँ और अपने ब्लॉग पर पोस्ट करता हूँ । मेरे आठ गुरु है,जिसमे सात गुरु नाथ साम्प्रदायिक है और उन्हें शाबर मंत्रों के उच्चकोटि के ज्ञान से सिद्धिया प्राप्त है । उनके पास जो भी कुछ मंत्रविद्या है वह तो गोपनीय ही है,उनसे प्राप्त मंत्र दुनिया के किसी भी किताब में देखने मिलते नही है । उन्होने ने कठिन तपस्या के माध्यम से मंत्रो को शक्तिशाली बनाए रखा है और मेरे जैसे कई शिष्यों को थोड़े बहोत संख्या में जाप करने के माध्यम से सफलता दिलवायी है । अब मेरे शत्रुओं को यही समस्या है के जो शाबर मंत्र मैं देता हूँ वह किताबो में क्यों नही मिलते है?,मेरे विद्वान शत्रुओ तुम लोग कब तक किताबी कीड़े बनकर इस धरा पर रेंगते रहोगे,मैं तो चाहता हूँ के इस नवरात्रि के पावन अवसर पर संकल्प लो के "हमे मंत्रविद्या का उच्चकोटि का ज्ञान मिले और हम जीवन मे कुछ प्रैक्टिकल भी कर सके",यार तुम लोग कब तक किताबें पढ़ते रहोगे? । कुछ तो प्रैक्टिकल करना भी सिख लो और मातारानी से प्रार्थना करो के तुम्हारे अंदर का अज्ञान समाप्त हो जाये ।
मंत्र-
ॐ नमो आदेश गुरु को,दुर्गा माई सत्य की सवाई,आगे चले हनुमंत बीर पीछे चले भैरुनाथ,अष्टभुजी अम्बारानी शत्रु आवे त्रिशूल चलाये,रोग आये सुदर्शन चलाये,बाधा आये तलवार चलाये,जादू आये बाण चलाये,बालक पर कृपा बनाये,इतना मंत्र चौरासी लाख सिद्धो को गोरख ने सुनाया,मेरी भक्ति गुरु की शक्ति,फुरो मंत्र ईश्वरी वाचा ।।
(नवरात्रि से पूर्व इस मंत्र का साधना विधान पोस्ट कर दिया जायेगा,तब तक आप यह अद्वितीय शाबर मंत्र याद करके रखे क्युके प्रत्येक शाबर मंत्र बिना कंठस्थ किये सफलता नही दे सकता है)
आदेश..........