आज का ये पोस्ट उन सभी के लिए है जो अपना भविष्य बेहतर बनाना चाहते है । सभी को स्वयं के भविष्य का चिंता होना चाहिए ताकि जीवन मे दुख और दर्द कम हो । मैने जीवन मे ऐसे कई बेकार साधक देखे है जो सिर्फ निंदा करने में तो कोई बुराइया करने में अपना समय बर्बाद कर देता है और ये सब कुछ एक अच्छे साधक के लक्षण नही होते है । कुछ मूर्ख किसी अच्छे गुरु से दीक्षा प्राप्त करके स्वयं को विशेष समझने लगते है और दूसरों की बुराइया करने में अपने गुरु के महानता को दाग लगा देते है । मैं ये बात अच्छेसे जानता हूं व्हाट्सएप जैसे तांत्रिक ग्रुपो में मेरे आर्टिकल लोग अपने नाम से चला रहे है,कोई बात नही । ये भी एक अच्छा ही कार्य है परंतु कम से कम इतना तो याद रखो "जिस दिन उस आर्टिकल पर तुमसे कोई सवाल पूछे तो उसे क्या जवाब दोगे?",इतना तुम्हे समझ होता तो तुम लोग चोरी ही क्यों करते ।
मेरे ईमेल आई.डी. में "निखिल" नाम लिखा हुआ है तो इसमें भी लोगो को समस्या है । आज तक इसका जवाब मुझे किसी से नही मिला के इन लोगो को निखिल नाम ईमेल आई.डी. में रखने में क्या समस्या है । यहां पर निखिल नाम से कुछ भी नही लिखा जाता है और नाही इस ब्लॉग पर निखिल नाम के प्रोडक्ट बेचे जाते है । निखिल नाम के प्रोडक्ट फेसबुक पर बेचने वालों की कोई कमी नहीं है और निखिल नाम पर दीक्षा देने वाले भी फेसबुक पर आझाद घूम रहे है,आजकल तो कुछ लोग निखिल नाम पर साधना शिबिर भी ले रहे है । शिबिर लेने का हक सिर्फ जोधपुर में सुरक्षित है परंतु आज उनके शिष्य ही गुरु बन गए है,मैं आज फिर से एक बार इस ब्लॉग के माध्यम से लिखना चाहता हूँ "बुरी नजर वाले तेरा मुह काला",वैसे तो ये ट्रक पर ज्यादा लिखा जाता है परंतु कुछ मूर्खो ने अपने नाम को इज्जत देने के लिये मेरे नाम का इस्तेमाल करके बुराइया करने का संकल्प लिया है । माताराणी से प्रार्थना करता हु के तुम्हारा संकल्प पूर्ण होता रहे और तुम्हे इतनी तो बुद्धि मीले के तुम लोग मेरा चिंतन भगवान से ज्यादा ना करो ।
कई लोग मुझे कहते है,हमे आपसे गुरुदीक्षा लेना है परंतु साधक मित्रो मैं यह बात आज साफ साफ लिख देता हूं "मैं गुरुदीक्षा नही देता हूँ,मुझे गुरु बनने का कोई लालच नही है" । मेरा आज तक कोई भी एक शिष्य नही है,जब भी मुझे दीक्षा हेतु फोन आते है तो मैं उन्हें यही कहेता हु "ये रहा गुरुमंत्र और आज से तुम्हारे गुरु जो है वह गोरखनाथ जी है" , यह कार्य निशुल्क होता है । मेरे बारे में मूर्खो ने कही सारे वहम पाल के रखे है जो सही नही है,ये बात मैं उन लोगो को समझा रहा हु जो गलत सोच रखते है और सुबह-शाम फेसबुक की सेवा करते है । कुछ पालना ही है तो मेरे नाम से कुत्ता ही पालो,मुझे सही में अच्छा महसूस होगा परंतु वहम मत पालो । ये वहम पालने वाले लोग हाथ मे चूड़ियां पहनकर चुगलियां करते रहते है और स्वयं को तंत्र की कुछ किताबे पढकर प्रकांड तांत्रिक समजते है । चलिये अब गधो पर बात करने से अच्छा आगे बढ़ते हुए हम लोग साधना पर बात करते है ।
यह साधना ग्रहण काल मे शुरू करने से सफलता निच्छित मानी जाती है । इस साधना को प्रामाणिकता से करो तो तुम्हारा जीवन वर्तमान जीवन से बेहतर हो जाएगा, आज मैं सभी को चुनौती देकर बोल रहा हु "यह सरस्वती साधना है,इसको संपन्न कर ही लो तो बहोत कुछ अच्छा होगा " ।
साधना के फायदे भी लिख देता हूं,नही तो चंद्रग्रहण के अवसर पर यह साधना आप लोग नही करोगे । इस साधना से स्मरणशक्ति बढ़ती है,व्यवसाय में वृद्धि होती है,जिन्हें सरकारी नोकरी चाहिए उनके लिये यह साधना अमृत है,इस साधना से स्वयं का भूत-भविष्य-वर्तमान भी देखा जा सकता है और माताराणी ने चाहा तो दूसरो का भी देख सकते हो । यह साधना मैं अपने मानसपुत्र सागर मशरू से करवाना चाहता था परंतु वो अभी बच्चा है 16 वर्ष का और चमत्कार के पीछे पागल है । जब के इसी साधना के भरोसे उसने दसवीं कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किये परंतु वह इस साधना के फायदों से अब तक अनजान था,अब नही रहेगा और साथ मे एक और व्यक्ति वीर राजपूत ये साधना कर ले तो अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा । शायद ये दोनों यह साधना पढ़े तो मुझे खुशी होगी,इन दोनों के साथ-साथ आप सभी यह साधना संपन्न करें ।
मैं गारंटी के साथ बोल रहा हूं,यह साधना जो भी करेगा उसको फायदा ही हो सकता है और किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नही हो सकता है । इस साधना से इच्छाएं भी पुर्ण हो सकती है साथ मे वशिकरण क्रिया भी संभव है मेरे प्यारे प्रेम के रोगियों । वैसे तो मैं वशिकरण क्रिया के खिलाफ हु परंतु क्या करे प्रेमवीरो का दिल भी रखना पड़ता है,जिस दिन आज ये प्रेम के रोगी किसी को वश में करके विवाह करना चाहते है,भविष्य में इनके ही लड़की/लड़के को कोई भी वश कर सकता है और वह लड़का/लड़की बुरे भी हो सकते है । शायद इन्हें तब ये क्रिया बुरी लग सकती है,आज तो सभी प्रेमरोगी/प्रेमवीर प्यार के नशे में पागल हो चुके है तो कुछ लोग अपने अय्याशी के लिए किसी को वश में करना चाहते है । ये सब कुछ अच्छा नही है,सबके पास निर्णय लेने का हक है अब अगर आपका पार्टनर ब्रेक अप कर रहा है तो ये उसकी आझादी है । आप उसको वशिकरण क्रिया से बंदी बनाकर क्या करोगे,कोई इससे ख़ुश नही रह सकता है । हा, मैं मानता हूं "आपको इसमे दर्द हुआ तकलीफ हुई परंतु जबरदस्ती करके क्या हासिल करोगे,प्यार?",जबरदस्ती प्रेम को प्राप्त करना फायदेमंद साबित नही होता है । अगर आपका पार्टनर आपसे भटक गया होतो वशिकरण क्रिया अवश्य करना ही चाहिए,यह अच्छी बात है ।
शायद अब ज्ञान की बाते बहोत हो गयी,अब सिर्फ साधानात्मक चिंतन होना चाहिए और मेरा भी चिंतन ना करो । 7 ऑगस्ट को चंद्र ग्रहण है जो हमारे देश मे दिखेगा,यह खंडच्छाया युक्त ग्रहण है परन्तु इसका भी महत्व माना जायेगा । ग्रहण रात्रि में 9.20 मिनट पर शुरू होगा और 2.20 मिनट पर समाप्त होगा,मतलब यह ग्रहण 5 घंटे तक का है । चंद्रग्रहण पर एक बार मंत्र जाप करने का अर्थ है एक लाख बार जाप करना,तो इसीलिए हम जो भी मंत्र साधना का आवश्यकता हो वह मंत्र जाप कर लेना चाहिए ।
मंत्र:-
।। ॐ श्रीं ह्रीं हसौ: हूं फट निलसरस्वत्यै स्वाहा ।।
Om shreem hreem hasouh hoom phat nilasaraswatyai swaahaa
ग्रहण काल मे मंत्र का ज्यादा से ज्यादा जाप करे,दिशा उत्तर,आसन-वस्त्र सफेद या नीले रंग के हो,माला स्फटिक या नीले हकीक का हो और माला नही हो तो भी बिना गिनती किये जाप कर सकते हो ।
ग्रहण साधना के बाद नित्य 21 दिनों तक रात्री में 9 बजे के बाद 11 माला जाप या फिर 30 मिनट जाप किया करे ।
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