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30 Oct 2015

पिशाच सिद्धी.(प्रत्यक्षिकरण साधना)

तंत्र का क्षेत्र असीम सम्भावनाओं से भरा पड़ा है....इसमें ऐसा कुछ नहीं है जिसे असंभव कह कर नजरअंदाज किया जा सके. एक से बढकर एक विधान, अचूक प्रयोग और अविश्वसनीय रहस्य है.

लोककथाओं के अनुसार, पिशाच अक्सर अपने प्रियजनों से मिला करते थे और अपने जीवन-काल में जहां वे रहते थे वहां के पड़ोसियों के अनिष्ट अथवा उनकी मृत्यु के कारण बन जाते थे.वे कफ़न पहनते थे और उनके बारे में अक्सर यह कहा जाता था कि उनका चेहरा फूला हुआ और लाल या काला हुआ करता था.यह 19 वीं सदी के शुरूआती दौर में आरंभ होने वले आधुनिक काल्पनिक पिशाचों के मरियल,कांतिहीन चित्रण से स्पष्ट रूप से भिन्न था.हालांकि पिशाचीय सत्ता अनेक संस्कृतियों में मिलती है फिर भी पिशाच शब्द 18वीं सदी के आरंभ तक लोकप्रिय
नहीं हुआ था.

मूल लोककथाओं में पैशाचिक पीढियों के
पीछे अनेक एवं विविध कारण हैं.स्लाव एवं चीनी प्रथाओं में जिन मुर्दों को कोई पशु खासकर कुत्ते या बिल्ली लांघ ले तो लोगों को ऐसी शंका हो जाती थी कि वे मरे नहीं.यदिकिसी घायल शरीर पर कोई घाव हो जिसका उपचार उबलते हुए पानी से
नहीं किया गया है तो वह भी जोखिम भरा हो जाता था.रूसी लोककथाओं में, पिशाच कभी चुड़ैल या वैसे लोग हुआ करते थे जिन्होंने जीवित अवस्था में चर्च के विरुद्ध विद्रोह किया था.हालांकि यूरोपीय लोककथाओं में ऐसे अनेक तत्व हैं जो सर्व सामान्य हैं.पिशाचों के बारे में ऐसी रिपोर्ट थी कि वे आमतौर पर देखने में फूले हुए रक्ताभ या पीले बैंगनी अथवा काले रंग जैसे उनकी इन चारित्रिक विशेषताओं को अक्सर आजकल के रक्त पीने की घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया गया. वास्तव में, अक्सर कफ़न में लिपटे या ताबूत में लेटे शव के नाक और मुंह से खून रिसता हुआ देखा गया और बायीं आंख को अक्सर खुला हुआ पाया गया.यह झीने पारदर्शी कफ़न में लिपटा हुआ कब्र में दफ़न, जिसके दांत, बाल और नाखून बड़े हो गए हो सकते थे, जबकि आमतौर पर ऐसे नुकीले दांत नहीं देखे जाते थे.अब बात करते है पिशाच को वश करने की,जिसके मदत से कई प्रकार के कार्य संभव है.

पिशाच सिद्धि यह भी भूत की तरह ही एक योनि होती है,पर अत्यंत बलिष्ठ,अत्यंत मजबूत और द्र्ढ निच्छय युक्त,अगर साधक इसे सिद्ध करले और इसे आज्ञा दे दे तो सामने चाहे,पचास शत्रु,बंदूक या
पिस्तोल लाठी या भाले लिय हुए खड़े हो तो उसे पाच मिनट मे ही भगा देता है,इसका क्षमता बहोत भयंकर होता है.

यह साधक को 24 घंटे अदृश्य रूप मे मित्र के तरहा रहेता है और बुलाने पर हर आज्ञा का पालन करता है.चाहे कितने भी जिवन मे शत्रु हो उन्हे पिशाच शत्रुत्व छोडने पर मजबुर कर देते है.फसा हुआ धन वापस पाने के लिये पिशाच साधना सर्वोत्तम है.




साधना विधि-

कृष्ण पक्ष के शुक्रवार को साधक दक्षिण को मुख करके गुरु जी से आज्ञा लेकर नग्न अवस्था मे साधना मे बैठे (जिन्हे गुरू ना हो वह शिव जी से मानसिक रुप मे आग्या माँगे),आसन काले रंग का हो और सामने स्टील या तांबे के प्लेट मे सिंदूर मे चमेली का तेल मिलाकर पुरुष आकृति बनाये,पुरुष आकृति मे हृदय का पूजन करे और उसपे "पिशाच सिद्धी गोलक"स्थापित कर दीजिये इस साधना मे रुद्राक्ष या काले हकीक का माला आवश्यक है,गुरुमंत्र के जाप होने के बाद साधक पिशाच मंत्र का 21 माला जाप करे और यह मंत्र साधना 3 दिनो तक करना है.अगर पहीले बार मे सफलता प्राप्त ना हो तो येसा 3 शुक्रवार तक रात्रि मे 10 बजे के बाद साधना करने से पिशाच साधक के सामने प्रत्यक्ष होता है और वचन मांगता है,पिशाच सिद्धि होने के बाद मुजसे संपर्क कीजिये मै आपको पिशाच विसर्जन का विधि भी बता दुगा,सिर्फ 3 शुक्रवार करने से पिशाच सिद्ध होकर हमारा मनचाहा कार्य सम्पन्न करता है.इस साधना मे रक्षा मंत्र जाप भी आवश्यक है और कमजोर हृदय वाले गलती से भी साधना ना करिये क्युके यह उग्र प्रकार का मंत्र साधना है.




देह रक्षा मंत्र:-

llओम नम: वज्र का कोठा, जिसमें पिंड हमारा बैठा। ईश्वर कुंजी ब्रह्मा का ताला, मेरे आठों धाम का  यती हनुमन्त रखवाला ll



इस मंत्र को किसी भी शुभ समय काल में 1 घंटा तक लगातार जप करके सिद्ध कर लें.
किसी भी दृष्टि से आपको किसी भी प्रकार के अहित का डर हो तब ग्यारह बार मंत्र पढ़कर शरीर पर फूंक मारे तो आपका शरीर हर प्रकार सुरक्षित रहेगा।




पूर्ण पिशाच सिद्धी मंत्र:-

ll ऐं क्रीं क्रीं ख्रिं ख्रिं खिचि खिचि पिशाच खिचि खिचि ख्रिं ख्रिं क्रीं क्रीं ऐं फट ll

Aim kreem kreem khreem khreem khichi khichi pishach khichi khichi khreem khreem kreem kreem aim phat




साधना सिर्फ तीन दिवसीय है परंतु 3 शुक्रवार तक करना आवश्यक है पूर्ण
सिद्धि के लिये.पिशाच सिद्धी गोलक के साथ आपको होली का बभूत भेजा जायेगा है और गोलक को हमेशा बभूत मे ही रखना है अन्यथा आपको परेशानी हो सकता है क्यूके गोलक के साथ हमेशा शक्तिया घूमता-फिरता रहेता है,उनको बभूत मे रखने से काबू पाया जाता है.आप जब भी साधना करे तो आपको पिशाच सिद्धी गोलक को जब भी साधना मे स्थापित करना हो तो आप चावल या कोई भी बभूत का ढेरी बनाये और उसिपे गोलक को स्थापित कीजिये,साधना के समय गोलक का भी पूजन आवश्यक है,पूजन सामान्य पद्धती से करना है सिर्फ जल चढाना वर्जित है.गोलक को सिर्फ साधना काल मे ही स्थापित रखिये बाकी समय बभूत के साथ डिब्बिया मे रखिये अगर आपको महसूस हो रहा हो के आपके उपर किसी प्रकार का तंत्र-मंत्र का बाधा है तो थोडासा बभूत डिब्बिया से निकाल कर अपने आपको या फिर पीड़ित को बभूत का तिलक महामृत्युंजय मंत्र बोलकर करे तुरंत असर होगा,तिलक शाम को गौधूलि वेला मे करना आवश्यक है बाकी समय मे करने से असर धीमा होता है कार्य पूर्ति के बाद किसी गरीब को कुछ दान कर दीजिये तो आपको भी अच्छा लगेगा और हा अगर घर के ऊपर तंत्र-मंत्र का बाधा हो तो बभूत को एक ग्लास पानी मे मिलाकर पूरे घर मे जल के छीटे लगा दीजिये समय गौधूलि वेला ही होगा.विशेष कार्य को जाते समय अपना कामना गोलक को स्पर्श करते हुये बोलिये और कार्य को सम्पन्न कीजिये फायदा मिलेगा.


आखिर इस साधना मे "पिशाच सिद्धी गोलक" का आवश्यकता क्यू है?

इस गोलक का निर्माण क्रिया घर पर नही कर सकते है और इस गोलक को पारद  घोटायी के समय समशान मे पिशाच आवाहन मंत्रो का जाप करके पारद को घट बनाने की प्रक्रीया की जाती है और पारद को पकाने हेतु सिर्फ समशान के कोयलो का इस्तेमाल होता है.इस गोलक को दूसरे शब्दो मे पिशाच हृदय भी कह सकते है क्युके गोलक मे पिशाच को कैद करने जैसा ही क्रिया किया जाता है.जब हम गोलक को देखते हुए मंत्र जाप करते है तब गोलक मे हलचल होता है और यही साधना सिद्धी का खास समय माना जाता है.जब मंत्र जाप काल मे गोलक हिलेगा तो आपका विश्वास साधना प्रती मजबुत होगा और आप ज्यादा से ज्यादा आत्मविश्वास के साथ मंत्र जाप कर सकेगे.जैसे बिना सिमकार्ड के मोबाइल किसी काम का नही उसी तरहा गोलक के बिना ये साधना किसी काम का नही.मोबाइल चलाने को नेटवर्क का आवश्यकता होता है और नेटवर्क सिमकार्ड के बिना मिलना कैसे संभव है.उसी तराहा से ये गोलक आपका सम्पर्क पिशाच से करवा देता है जिसमे कोई शंका नही है.सिर्फ आपमे विश्वास और मेहनत करने की क्षमता होना जरुरी है,साथ मे धैर्य भी जरुरी है क्युके जिनमे धैर्य ना हो वह तो कुछ भी सिद्ध नही कर सकते है.धैर्य ही प्रत्येक साधना का मुलतत्व है,जिसमे धैर्य हो उनके स्वप्न अवश्य पूर्ण हो जाते है.पिशाच सिद्धी गोलक का मूल्य 1590/- रुपये है जो अद्वितीय गुणो से संपन्न है (गोलक प्राप्त करने हेतु ई-मेल से सम्पर्क करे),येसा गोलक निर्माण करना हर किसिके लिये संभव नही है.प्रत्यक्षिकरण साधना मे आवश्यक सामग्री हो तो साधक को सफलता मिलना असंभव नही होता है.इसमे आपका मेहनत और मेरा मार्गदर्शन आपको सफलता अवश्य प्राप्त करवायेगा येसा मुझे विश्वास है,आगे मर्जी मातारानी की जो आप पर सदैव कृपा बरसाकर अन्य सभी साधना मे सफलता प्रदान करे.







आदेश......