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10 Oct 2015

जिन-जिन्नात प्रत्यक्षिकरण.

हिंदू धर्म में आत्माये-प्रेत और पिशाच, ईसाई मे डेविल या स्पिरिट और इस्लाम धर्म में जिन्नों के अस्तित्व को स्वीकार किया गया है.इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग जरूर जिन्नों के विषय में बहुत हद तक जानकारी रखते होंगे लेकिन कुछ बातें ऐसी हैं जो सभी को जाननी जरूरी है जैसे जिन्नो को हाजरात मे या हमजाद मे कैद कर सकते है और जिन्नो से मित्रता भी संभव है.

जिन्नो को सबसे ज्यादा हिना का इत्र पसंद है,जो व्यक्ति इस प्रकार के इत्र का इस्तेमाल करता है उस पर जनु का साया मंडराता रहेता है.जिन्न अरबी भाषा से लिया गया शब्द है क्योंकि सबसे पहले जिन्नों के होने का एहसास अरबी देशों में ही हुआ था.इस शब्द का अर्थ अंग्रेजी भाषा के ही एंजेल्स की अवधारणा से मिलता-जुलता है जिसका अर्थ अलौकिक और ना दिखने वाली ताकत है.कुरान के अनुसार जिन्न का उद्भव हवाओं में से हुआ है,कह सकते हैं कि जिन्न नकारात्मक या सकारात्मक ऊपरी हवाओं से संबंधित है.इस्लाम की मान्यताओं के अनुसार मरने के पश्चात इंसान जिन्न बन जाता है और अपनी किसी इच्छा को पूरी करने के 1000 वर्षों बाद दुनिया को छोड़कर चला जाता है और इस बीच मे जिन्न लोगो की मदत करता है परंतु कुछ लालची लोग जिन्नो से बुरे काम करवाते है.


जिन पाच प्रकार के होते है-

(1) मरीद: जिन्न की सबसे खतरनाक और ताकतवर प्रजाति है मरीद.आपने कई बार इन्हें किस्सों और कहानियों में सुना होगा. लोकप्रिय कहानी अलादीन का चिराग में भी इसी जिन्न को शामिल किया गया था. इन्हें समुद्र या फिर खुले पानी में पाया जा सकता है.यह हवा में उड़ते हुए भी देखे जा सकते हैं.

(2) इफरित: इंसानी दुनिया जैसे ही इफरित जिन्नों की भी दुनिया होती है जिसमें महिला और पुरुष दोनों इफरित साथ रहते हैं. यह इंसानों को समझने की ताकत रखते हैं और बहुत ही जल्द इंसानों को अपना दोस्त बना लेते हैं.इफरित अच्छे भी होते हैं और बुरे भी लेकिन इन पर विश्वास करना घातक सिद्ध हो सकता है.

(3) सिला: सिला प्रजाति में सिर्फ महिला
जिन्न ही होती हैं जो देखने में बेहद आकर्षक और खूबसूरत होती हैं.इंसानी दुनिया में विचरण तो करती हैं लेकिन उनसे दूरी भी रखती हैं. सिला ज्यादा मात्रा में देखी नहीं जातीं लेकिन वह मानसिक तौर पर मजबूत और बहुत समझदार होती हैं.

(4) घूल: इंसानी मांस खाने वाली यह प्रजाति बहुत खौफनाक होती हैं. यह कब्रिस्तान के आसपास ही रहते हैं. इनका व्यवहार क्रूर और शैतान से मिलता-जुलता है इसीलिए इंसानों के लिए यह बहुत भयावह होते हैं.

(5) वेताल: यह वैम्पायर होते हैं, इंसानों के खून पर ही जिंदा रहते हैं.विक्रम वेताल की कहानियों में इसी वेताल का जिक्र था.यह भविष्य देख सकते हैं और जब चाहे भूतकाल में भी जा सकते हैं.


इन पाचो प्रकार के जिन्नो को काबु मे करना नेक दिल वाले इंसान के लिये आसान है परंतु जो लोग बुरी नियत के होते है उनके लिये जिन्नो को काबु मे करना मुश्किल काम है.जिन्नो से तकलिफ ना हो इसलिये सुलेमानी ताबीज को गले मे पहनकर साधना करे जिससे कोई खतरा नही रहेगा,अमावस्या के दूसरे दिन से लेकर 10 वे दिन तक जिन्नो को प्रत्यक्ष किया जा सकता है और अपने जान को कोई खतरा ना हो इसलिये सुलेमानी ताबीज पहनना ना भुलिये.(सुलेमानी ताबीज हम से प्राप्त होगा अन्य लोगो से नही),वैसे तो जिन्नो को सामने देखना कोइ बडि बात नही है और जिन्नो को 1-2 घंटे मे ही सामने देख सकते है परंतु उन्हे प्रत्यक्ष करके उनको काबु मे रखना बडा काम है.इसमे मंत्र देने वाले का आग्या प्राप्त करके ही साधना को संपन्न करे. बिस्मिल्लाह....और दुरुद शरीफ़ पढना भी जरुरी है.
जिन्नो के मदत से जादु दिखाया जा सकता है और कोइ भी किसी भी प्रकार का काम उनसे कम समय मे करवाया जा सकता है.

जब भी जिन्नात सामने आकर हिसार माँगे तो नही देना चाहिये और डराये धमकाये तो मोकल को तय्यार रखे वो जिन्नात को कुछ ही समय मे गाड देगा फिर उसके बाद जिन्नात हमे तकलिफ नही देगा परंतु मोकल को हिसार देना जरुरी है.येसा काम आपको नही पडेगा के कोई भी जिन्नात आपको तकलिफ दे.जिन्नात को प्रत्यक्ष करने का प्रक्रिया कठिन जरुर है पर काबु कर के रखे हुए जिन्नात को चलाना मुश्किल नही है और आपके पास मोकल नही है तो किसी भी साईट्स पर जिन्नात का विधान हो तो मत करिये क्युके यह आपकी परेशानी कम करने के जगाह पर बढा देगा.

आपके मन मे कोई सवाल उठे तो मुझे ई-मेल के माध्यम से पुछ सकते है.
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कोई भी मूर्ख इस आर्टिकल को चुराने का कोशिश ना करे अन्यथा आपके बुरे हाल के जिम्मेदार आप खुद रहेगे.

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