जो साधक सिद्धाश्रम साधना या कुण्डलिनी
जागरण साधना सम्पन्न करना चाहते है उनको भी पहिले बगलामुखी साधना सम्पन्न करनी
चाहिये तभी जाकर आगे की साधनओ मे सफलता प्राप्त होती है अन्यथा कुण्डलिनी जागरण मे
अत्यधिक विलम्ब होता है,इसे साधना मे आसान
पीला,धोती पीली,यंत्र भी पीले रंग के कागज पे बनाना है,दीपक
मे जलाने वाली रुई भी हल्दी से रंग दीजिये,सरसों के तेल का दीपक होना चाहिये तो दीपक मे भी थोड़ीसी हल्दी डाल
दीजिये यह आवश्यक नियम और गोपनीय सूत्र है,क्यूकी माँ बगलामुखी
जी का एक नाम पीताम्बरा भी है....
यह एक सौम्य साधना है जिससे जीवन के हर
क्षेत्र मे विजय प्राप्त होता है,सभी संकटों से मुक्ति
होती है,अगर किसिके साथ मनमुटाव हो तो वह भी
समाप्त हो जाता है,साधक के जीवन मे किसी
भी प्रकार का भय साधना के उपरांत बचता ही नहीं,यह
साधना माँ बगलामुखी जी के प्रत्यक्ष दर्शन प्राप्त साधना है,परंतु यहा यह बात आवश्यक नहीं के माँ सभी साधक गण को प्रत्यक्ष
दर्शन दे,हो सकता है माँ स्वप्न मे साधक को दर्शन
दे या उससे स्वप्न मे ही किसी भी
रूप मे आकर बात करे
जब मंगलवार के दिन नवरात्रि का शुरवात
होता है तो बगलामुखी साधना श्रेष्ठ माना जाता है............
बगलामुखी मंत्र जाप के लिए हल्दी का माला सर्वश्रेष्ठ माना जाता है,पीली हकीक माला,सफ़ेद हकीक माला हो तो उस्से हल्दी से रंग दीजिये,यंत्र भोजपत्र या पीले रंग के कागज पे
बनाये,साधना ब्रम्ह-मुहूर्त मे करना है तो मुख
पच्शिम दिशा को और रात्रि मे करना हो तो मुख दक्षिण दिशा के तरफ हो,रात्रि का समय 10 बजे
के बाद
का होना
चाहिए,साधना मे 51 माला मंत्र जाप नित्य करना है,यह साधना 9 दिवसीय है॰10 वे दिन पीली सरसो से 1008 आहुतिया
देकर हवन का कार्य सम्पन्न करे ताकि आपके घर से सारे कष्ट-बाधा-दोष समाप्त हो जाये
और घर मे पैसा टीका रहे,व्यर्थ का कोई भी
खर्च ना हो.....
प्रसाद मे बेसन का एक लड्डू नित्य माँ
को चढ़ाये,सिर्फ पीले रंग के पुष्प ही चढ़ाये,बाजोट पर भी पीले रंग का वस्त्र हो॰
विनियोग
ॐ अस्य श्री बगलामुखी मंत्रस्य नारद ऋषी: त्रिश्टुप छन्द:बगलामुखी देवता: । ह्लीं बीजं स्वाहा शक्ति: मम सर्व अभीष्ट कार्य कार्य सिद्धर्थे जपे विनियोगा: ॥
“ॐ पीताम्बरा दैव्यै नम:” मंत्र का मानसिक
रूप से 5-10 मिनिट तक जाप करे और माँ को हृदय मे स्थापित करने की कोशिश कीजिये
या प्रार्थना करे “हे माँ आप
मेरे हृदय मे स्थापित हो.........”
मंत्र
॥ ॐ ह्लीं बगलामुखी दर्शय दर्शय ह्लीं ॐ फट ॥
om hleem bagalamukhi darshay darshay hleem om phat
साधना समाप्त होते ही माला और यंत्र को
जल मे विसर्जित करना आवश्यक है,साधना काल मे माँ 9
दिन से पूर्व ही दर्शन दे तो भी साधना 9 दिनो तक करनी है,बीच मे ही साधना नहीं छोडनी चाहिये........
साधना मे ब्रम्हचर्य का पालन आवश्यक है,रात्रि मे जमीन पर सोये,किसि भी स्त्री के
प्रति मातृस्वरूप का भाव रखे,ज्यादा टी॰ व्ही॰ भी
ना देखे,साधना मे कोई भी शब्द असत्य ना
बोलिये...........
और भी कुछ सवाल साधना के प्रति हो तो
मुजसे इनबॉक्स मे पुछिये,माँ बगलामुखी आपको
दर्शन दे यही कामना करता हु
श्री
सदगुरुजीचरनार्पणमस्तू.................