सोमवती अमावस्या साधना करने के लिए
अत्यंत महत्वपूर्ण मुहूर्त है,इस दिन अमावस्या
दोपहर 12:43 तक रहेगा इसी समय मे इच्छापूर्ति साधना करनेसे उत्तम फल प्राप्त
होता है,विज्ञान का कहेना है इंसान के मन मे तीन लाख प्रकार
का इच्छा एक ही समय मे होता है जिसे वह अपने सामने चाहकर भी प्रकट नहीं कर सकता
क्यूकी येसा करने से उसमे पागलपन का निर्मिति होता है,हमारे शास्त्र मे प्रमाण मिलता है सोमवती अमावस्या के शुभ अवसर
पर साधना करने से बहोत सारे प्रकार का इच्छा पूर्ण होता है,इस साधना के माध्यम से जीवन मे 3 प्रकार का मनोकामना पूर्ण
होता है,आवश्यकता है तो सिर्फ विश्वास और
श्रद्धा का जो हमे साधना मे पूर्ण सफलता देता है.
साधना सुबह 9 बजे के बाद करनी है,माला कोई भी हो तो चलेगी सिर्फ आप उसे प्राण-प्रतिष्ठित कर
लीजिये,सामने गुरुचित्र होना चाहिये और
गुरुपूजन का सामाग्री,गणेश पूजन और गुरु
पूजन के बाद गुरुमंत्र जाप करे.
सामने शिव जी का चित्र या शिवलिंग रखिये
और 5 मिनिट तक “ॐ नम: शिवाय” का जाप करले,जिनके पास पारद
शिवलिंग हो वह साधक “ॐ ह्रीं
क्लीं पारदेश्वरय सशक्तिकाय प्रसीद प्रसीद
क्लीं ह्रीं ॐ नम:”मंत्र का जाप करे और साथमे शिवजी का जल अभिषेक भी कर लीजिये.
संकल्प-
दाहिने हाथ मे जल,अक्षत व कुंकुम लेकर संकल्प कीजिये
ॐ विष्णु र्विष्णु र्विष्णु: श्री मदभगवतों महाप्रभावस्य द्वितीय परार्धे श्वेतवारहकल्पे भारत खण्डे पुण्य क्षेत्रे, अमुक गोत्रीय(अपना गोत्र बोले) अमुक शर्माहं (अपना नाम बोले) अद्द मम अमुक (अपनी इच्छा बोलिये) मनोकामना पूर्ति निमित्तं निम्न मंत्रम अहं जापं करिष्ये ॥
जल गुरुचरनोमे समर्पित करे और गुरुजी से
मनोकामना पूर्ति हेतु प्रार्थना करे
मनोकामना पूर्ति मंत्र का 21 माला जाप
करे
मनोकामना पूर्ति मंत्र-
॥ ॐ श्रीं मनोवांछितं देही ॐ ॐ नम:शिवाय ॥
om shreem manovanchitam dehi om om nam: shivay
भगवान सदाशिव जी आपकी कामना
पूर्ण करे,मंत्र जाप के बाद सामग्री को जल मे
प्रवाहित कर दे.........