आज कुछ विशेष बातो पर चर्चा करते है और आज का विषय अप्सरा होना चाहिए । बहोत सारे साधक जो सवाल पूछते है,आज उनको एक साथ सभी को जवाब देना चाहता हूँ ।
सवाल:-अप्सरा कौन है ?
जवाब:-अप्सरा देव कन्या है ।
सवाल:-अप्सरा की उत्पत्ति कैसे हुयी?
जवाब:-अप्सरा की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुयी ।
सवाल:-सर्वप्रथम अप्सरा के साथ किसने गृहस्थ जीवन जीया है?
जवाब:-ब्रम्हश्री विश्वमित्र जी ने अप्सरा के साथ गृहस्थ जीवन जिया है परंतु उन्हें अप्सरा से संतान प्राप्ति संभव नही हुआ ।
सवाल:-संसार मे क्या कोई अप्सरा का पुत्र है?
जवाब:-स्वयं अंजना माई एक अप्सरा है,जिन्हें श्राप के कारण पृथ्वी लोक में जन्म लेना पड़ा था और केसरीनंदन जी से विवाह करना पड़ा । विवाह के बाद उनको एक पुत्र प्राप्त हुआ जिनका पूजन आज कलयुग मे सबसे ज्यादा होता है "हनुमानजी" । हा, यह सत्य है के हनुमानजी को जन्म देने वाली माता एक अप्सरा है और आज के समय मे अंजना माई की कृपा प्राप्त करने हेतु कई सारे तांत्रिक अपना जीवन न्यौछावर करने में प्रयासरत है ।
सवाल:-अप्सरा साधना में क्या सामग्री जरूरी है ?
जवाब:-सर्वअप्सरा सिद्धि यंत्र,रक्षा कवच और माला ।
सवाल:-अगर हम एक अप्सरा को सिद्ध करना है तो सर्वअप्सरा सिद्धि यंत्र की क्या आवश्यकता है?
जवाब:-मान लो एक लड़का है जो शादी के लिए लड़की देखने गया और उसको लड़की पसंद है साथ मे लड़की को भी लड़का पसंद है । इसका निकाल यह संभव नही के उनका शादी हो जाये क्योंके शादी करने के लिए बहोत सारे रिश्तेदार और साथ मे माता-पिता का भी अनुमति चाहिए । ठीक वैसे ही जब तक सभी अप्सराओं का आशीर्वाद साधक को ना मिले और साथ मे साधक जिस अप्सरा को सिद्ध करना चाहता है,उस अप्सरा को बाकी अप्सराओं का अनुमति नही मिलता है तब तक अप्सरा सिद्धि संभव नही है ।
सवाल:-ऐसा क्यों होता है के "एक अप्सरा को साधक के सामने प्रत्यक्ष होने हेतु बाकी सभी अप्सराओं की अनुमति चाहियें"?
जवाब:-सभी अप्सराये एक साथ रहती है,आनंद उठाती है और सारे काम मिलकर एक साथ करती है । जब उसमे से कोई भी एक अप्सरा किसी साधक को प्रत्यक्ष सिद्ध होनेवाली होती है तो बाकी अप्सरायें चिंतित हो जाती है,क्योंके उन्हें लगता है कई साधक अप्सरा को जीवन भर साथ रहने का वचन ना मांग ले और यदि ऐसा हुआ तो अमुक अप्सरा हमसे बिछड़ जायेगी । जैसे दो सगी बहेने एक दूसरे के बिछड़ने के गम में बैचेन हो जाती है ठीक उसी तराह अप्सराओं का भी हृदय होता है । इसलिये साधक जितना चाहे उतना साधना कर ले परंतु सर्वअप्सराओ के अनुमति के बिना हम एक भी अप्सरा सिद्ध नही कर सकते है ।
सवाल:-अप्सरा साधना में रक्षा कवच क्यो जरूरी है?
जवाब:-सभी जानते है के अप्सरा बहोत ज्यादा दिखने में सुंदर होती है । अगर मान लो के आपके क्षेत्र में कोई लड़की सुंदर है ओर उसके क्षेत्र में रहने वाले दस-बीस लड़के उसके पीछे दीवाने है,ऐसे लड़की के पीछे आप दीवाने होकर लग जाओगे तो याद रखना वो दस-बीस उसके पीछे लगे हुये दीवाने आपको कूट देगे या पिट देगे,ठीक इसी तरह अप्सरा के सौंदर्य को देखते हुए यक्ष,किन्नर,भैरव,भूत,प्रेत,पिशाच,राक्षस और कुछ देवता भी पागल है और आप भी नए-नए दीवानों के तरह अप्सरा सिद्धि के पीछे लगेंगे तो ये सब आपको तकलीफ ही देगे । इसलिये अप्सरा साधना में जितना महत्व अप्सरा मंत्र-यंत्र का है,उतना ही महत्व रक्षा कवच का है ।
सवाल:-क्या आप गारंटी लेते हो के अप्सरा 21 या 41 दिनों में सामने प्रत्यक्ष होगी ।
जवाब:-गारंटी तो मैं 1 घंटे में प्रत्यक्ष होने की लेना चाहुगा परंतु मेरा एक शर्त है । शर्त ये हैं के "आपको मैं कुछ गेहू के बीज हाथ मे देता हूं और आप मुझे उसका फसल 1 घंटे में निकालकर दिखा दो" ।
सवाल:- आप बात घुमा रहे हो,1 घंटे में गेहू का फसल कैसे निकल सकता है?
जवाब:-मैं कोई बात नही घुमाना चाहता हु,सीधा सा बात है । एक किसान अपने जमीन में गेहू के बीज बोता है और चार महीने तक इन्तेजार करता है के अच्छी फसल प्राप्त होगी । इस चार महीने में वह किसान रोज आठ से दस घंटे तक अपने खेत मे मेहनत करता है,तब जाकर कहा उसको गेहू का फसल देखने मिलता है और यहां पर साधको को सिर्फ 1-2 घंटा मेहनत करना है जो कुछ ज्यादा तो नही है । ज्यादा से ज्यादा 90 दिनों के अंदर प्रामाणिकता से मेहनत करो तो अप्सरा सिद्धि क्या है,वह तो उसके सामने नृत्य करने लगेगी । एक किसान चार महीने में फसल प्राप्त करके आनेवाले जीवन मे 1-2 वर्ष तक अपने जीवन मे जिंदगी जीने हेतु कुछ धन कमा लेता है परंतु एक साधक एक अप्सरा सिद्धि से अपना सम्पूर्ण जीवन मजे में जी सकता है । हा कभी-कभी मौसम खराब हो जाये तो किसान का फसल भी खराब हो सकता है तो ठीक उसी तरह आप भी साधनात्मक नियमो का उल्लंघन करोगे तो आपका भी साधना असफल हो सकता है । इसलिए साधक बनना है तो किसानों वाली सोच रखो जो मेहनत करना जानता है,हारना नही जानते । चाहे बेचारे का एक वर्ष का फसल खराब हो जाये परंतु वह अगले वर्ष अच्छे फसल को प्राप्त करने का चाहत रखता है और मूर्ख साधक अगर किसी साधना में असफल हो जाये तो साधना का त्याग कर देते है । ये शर्म का बात हैं के हमे स्वयं पर विश्वास ही नही होता है और हम मंत्रो के माध्यम से साधना सिद्धि चाहते है । साधक को हमेशा दृढ़निश्चयी होना चाहिए और प्रत्येक साधना को उसे सम्मान के साथ धैर्य रखते हुए सम्पन्न करना चाहिए ।
सवाल:-क्या अप्सरा साधना को हम घर मे कर सकते है?
जवाब:-हा, यह साधना आप घर पर संपन्न कर सकते हो ।
सवाल:-क्या शादी-शुदा व्यक्ति भी यह साधना कर सकता है ?
जवाब:-हा, अवश्य कर सकता है ।
आज यहां पर मैने आप लोगो के बारह सवालो के जवाब दिए है,हमेशा याद रखो "साधना का पथ हमेशा सफलता ही प्रदान कर सकता है परंतु आपको साधना में निराशा/असफलता मीले तो उसको हराना ही साधक का महत्वपूर्ण लक्ष्य होना चाहिए" ।
उम्मीद करता हु के आप सभी इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद साधना के प्रति समर्पित रहोगे ।
मैं एक नाथपंथी हु और यहां पर मैं किसी भी गुरु के नाम को प्रोडक्ट नेम बनाकर धंदा नही खोलना चाहता हूँ । जो कुछ लिखता हूं वह स्वयं के अनुभव और ज्ञान के माध्यम से लिखता हूँ अगर कुछ गधो को इस आर्टिकल से नाराजगी हो जाये तो अपना किताबी ज्ञान अपने पास ही रखो या फिर ये आर्टिकल रट के रख लो ।
आदेश...........