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21 Dec 2016

साधना सिद्धियां



26/06/2016 को आखरी आर्टिकल लिखा था,सोचा अब 2016 ख़त्म हो रहा है तो एखादा साधनात्मक धमाका किया जाए । आज आपको अप्सरा साधना सिद्धि का एक उपाय बता रहा हूँ, जो आसान सा उपाय है । इस उपाय से आपको निच्छित फायदा होगा ऐसा हम उम्मीद करते हैं।


कोई ऐसा कुँवा ढूंढिये जिसको खोदने के बाद वो फेल हो गया हो मतलब उसको पानी ही ना लगा हो । वैसे देखा जाए तो ऐसे कुँवे बहोत मिल जायेगे, हमें इस तरह के कुँवे के अंदर के सात कंकर का आवश्यकता है । ये सात कंकर ही आपको निच्छित सिद्धि प्राप्त करने हेतु आवश्यक होंगे । इस प्रकार के कंकर पर आप भुत,प्रेत,पिशाच,जिन-जिन्नात,यक्षिनी,परि और अप्सरा साधना में सफलता प्राप्त कर सकते है ।


इस प्रकार का कुँवा बंद कुँवा कहलाता है और बंद कुँवे में हमेशा इतर योनिया अपना स्थान बना लेती है । कुँवा जितना अधिक पुराना हो उतना ही श्रेष्ठ माना जाता है और इस प्रकार का कुँवा अगर जंगल में मिले तो सोने पर सुहागा समाजीये,चार रास्ते में भी अगर ऐसा कुँवा हो तो भी यह उपाय किस्मत बदल सकता है । इस प्रकार के कुँवे में विशेष प्रकार की मंत्र विधि करके अगर अपनी इच्छा कुँवे में विसर्जित कियी जाए तो षटकर्म भी किये जा सकते है । षटकर्म का अर्थ है वशीकरण, मोहन, विद्वेषण,शांतिकर्म, उच्चाटन और मारण....... परंतु इस प्रकार के प्रयोग से कभी भी दुसरो का नुकसान नहीं करना चाहिए अन्यथा साधक को स्वयं ही हानि होता है । अच्छे कार्य हेतु अवश्य ही विशेष मंत्र विधि-विधान करना चाहिए, यह साधना कई प्रकार के रोगों से भी मुक्ति दिलाने में सहायता करता है ।

तंत्र शास्त्र में माना जाता है किसी भी वीराने स्थानों पर इतर योनियो का वास होता है और अघोर साम्प्रदायिक साधक हमेशा ऐसे स्थानों पर साधना करना पसंद करते है । यह उपाय उन साधक के लिए है जिन्हें इतर योनि साधना में सफलता ना मिली हो और जो सिद्धि प्राप्त करना अपना लक्ष्य मानते है ।
सर्वप्रथम मेरे बताये अनुसार कुँवा ढूंढे,फिर अमावस्या के दिन प्रात: कुँवे के पास जाए,वहा पर कुँवे का सामान्य पूजन करे जिस प्रकार का आप लोग जानते हो । पूजन के बाद कुँवे में उतरकर किसी भी प्रकार के सात कंकर उठाकर उनको लाल कपडे में बांधकर कुँवे से बाहर निकालकर लाये । एक आवश्यक बात कुँवा फेल हो जाने का एक ओर बात होता है "इस प्रकार के कुँवे में जल नहीं होता है" । कंकर कुँवे से बाहर लाने के बाद कुँवे में कच्चा दुध डाले और प्रार्थना करे "मुज़े साधना में सफलता प्राप्त होने हेतु अमुक शक्ति मेरे साथ चले"। प्रार्थना करने के बाद एक नारियल फोडकर उसको कुँवे में डाल दे और बिना पीछे मुड़कर देखते हुये वहा से चुप चाप घर को चले जाये ।


यह एक आवश्यक साधन है जो साधक को इतर योनि साधना में प्रत्यक्षीकरण करने के लिये सहाय्यक है । लाल कपडे में बंधे हुये सात कंकर को अपने दाएं हात में बांधकर साधना करने से शिघ्र साधना में सफलता प्राप्त करना संभव हो जाता है । कुँवे में से छोटे छोटे कंकर ही निकालना ताकि बाजू दंड (हाथ) में सही तरह से बाँध सको । इतर योनि साधना कोई भी हो और कैसी भी हो,इसमे रक्षा कवच हमेशा गले में बाँधकर ही रखा करो ।


आनेवाले नववर्ष 2017 में हम आपको इन्ही सात कंकर पर किये जाने वाले आवश्यक मंत्र प्रयोग भी बताएँगे । आनेवाला नववर्ष अवश्य ही सिद्धिदायक होगा क्योंके ग्रहो का साथ इस वर्ष में साधक को सफलता दायक प्रतीत हो रहा है ।


हम इस कोशिश में है,नववर्ष में आप सभी से मिल सके और आपको मार्गदर्शन कर सके । 2016 में व्यस्तता के कारण कुछ ही साधको से मिलना संभव हुआ और एक अलग आनंद की अनुभूति हुयी,यह सब मातारानी की कृपा है ।




आदेश..........