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13 Feb 2016

शिवप्रसाद कैसे प्राप्त करें ?

भगवान कार्तिकेय कृत शिव स्तुति



नमः शिवायास्तु निरामयाय,नमः शिवायास्तु मनोमयाय ।

नमः शिवायास्तु सुरार्चिताय तुभ्यं सदा भक्त कृपापराय ।।1।।



नमो भवायस्तु भवोद्भवाय नमोस्तु ते ध्वस्त मनोभावय । 

नमोस्तु ते गूढ़महाव्रताय नमोस्तु मायागहनाश्रयाय ।।2।।



नमोस्तु शर्वाय नमः शिवाय नमोस्तु सिद्धाय पुरातनाय । 

नमोस्तु कालाय नमः कलाय नमोस्तु ते कालकलातिगाय ।।3।।



नमो निसर्गात्मकभूतिकाय नामोस्त्वमेयोक्षमहर्धिकाय ।

नमः शरण्याय नमोगुणाय नमोस्तु ते भीमगुणानुगाय ।।4।।



नमोस्तु नाना भुवनाधिकात्रे नमोस्तु भक्ताभिमतप्रदात्रे । 

नमोस्तु कर्मप्रसवाय धात्रे नमः सदा ते भगवन्सुकत्रे ।।5।।



अनंतरूपाय सदैव तुभ्यमसह्योकोपाय सदैव तुभ्यं । 

अमेयमानाय नमोस्तु तुभ्यं वृषेन्द्रयानाय नमोस्तु तुभ्यम ।।6।।



नमः प्रसिद्धाय महौषधाय नमोस्तु ते व्याधिगणापहाय ।

चराचरायाथ विचारदाय कुमारनाथाय नमः शिवाय ।।7।।



ममेश भूतेश महेश्वरोसि कामेश वागीश बलेश धीश ।

क्रोधेश मोहेश परापरेश नमोस्तु मोक्षेश गुहशयेश ।।8।।



।। कार्तिकेय रचित शिवस्तुति सम्पुर्ण ।।






जो शिवभक्त सुबह और शाम को भक्तिपूर्वक इस स्तुति से शिव जी का स्तवन करेंगे ,उन्हें सभी रोगो से मुक्ति मिलेगी,धन-धान्य की प्राप्ति होगी और कभी जिवन मे दुख नही आयेगे । शिव दर्शन प्राप्त कर शिव धाम प्राप्त होंगा। इससे शिव भत्को को सभी कर्मो मे पुर्ण सफलता भी प्राप्त होता है। यह स्तुति कलयुग मे स्वयं शिवप्रसाद है,जिसके पठन से सभी पापो से मुक्ति प्राप्त होती है। दिन मे एक बार (सवेरे) पठन करने से 15 पाप,दिन मे दो बार (सायं काल और सवेरे) पठन करने से 50 पाप और तिनो समय (सायं काल,रात्री और सवेरे) पठन करने से 100 पाप माफ होते है । शिव जी का जल अभिषेक करने के बाद जो व्यक्ति इस स्तुति का पाठ करता है उसके 1000 पाप माफ होते है और महाशिवरात्रि को पाठ करने से शिघ्र शिवप्रसाद प्राप्त होता है।




आदेश.......