भगवान शंकर ने यतिनाथ अवतार लेकर अतिथि के महत्व का प्रतिपादन किया था। उन्होंने इस अवतार में अतिथि बनकर भील दम्पत्ति की परीक्षा ली थी, जिसके कारण भील दम्पत्ति को अपने प्राण गवाने पड़े। धर्म ग्रंथों के अनुसार अर्बुदाचल पर्वत के समीप शिवभक्त आहुक-आहुका भील दम्पत्ति रहते थे। एक बार भगवान शंकर यतिनाथ के वेष में उनके घर आए। उन्होंने भील दम्पत्ति के घर रात व्यतीत करने की इच्छा प्रकट की। आहुका ने अपने पति को गृहस्थ की मर्यादा का स्मरण कराते हुए स्वयं धनुषबाण लेकर बाहर रात बिताने और यति को घर में विश्राम करने देने का प्रस्ताव रखा।
इस तरह आहुक धनुषबाण लेकर बाहर चला गया। प्रात:काल आहुका और यति ने देखा कि वन्य प्राणियों ने आहुक का मार डाला है। इस पर यतिनाथ बहुत दु:खी हुए। तब आहुका ने उन्हें शांत करते हुए कहा कि आप शोक न करें। अतिथि सेवा में प्राण विसर्जन धर्म है और उसका पालन कर हम धन्य हुए हैं। जब आहुका अपने पति की चिताग्नि में जलने लगी तो शिवजी ने उसे दर्शन देकर अगले जन्म में पुन: अपने पति से मिलने का वरदान दिया। शिव का वह रूप यतिनाथ के नाम से प्रसिद्ध है।
भगवान यतिनाथ जी के शाबर मंत्र सबसे ज्यादा जंगलो मे रहने वाले भील समाज मे आज भी बहोत श्रेष्ठ मंत्र माने जाते है।श्री गोरखनाथ जी ने यतिनाथ शाबर मंत्रो के महत्व को अत्याधिक महत्वपूर्ण माना है। शिव जी से संबन्धित शाबर मंत्रो मे "अवधूत शाबर मंत्र"सबसे ज्यादा तिष्ण माने जाते है और "यतिनाथ शाबर मंत्र विद्या"को शिवप्रसाद प्राप्त करने हेतु महत्वपूर्ण माना जाता है।
आज आप सभी को इस श्रेष्ठ विद्या से अवगत करवा रहा हु जो गोपनीय है और किसी किताबों मे इस विद्या का वर्णन ज्यादा नही देखने मिलता है।यह विधान और मंत्र सन्सार के किसी भी किताब मे नही है परंतु भील समाज के पुराने लोगो के पास आज भी सुरक्षित है।
साधना विधी:-
किसी भी सोमवार से पुर्व दिशा मे मुख करके मंत्र का 1 माला जाप रुद्राक्ष के माला से 21 दिनो तक करें। आसन-वस्त्र-समय को कोइ बंधन नही है। मंत्र जाप से पुर्व गुरु और गणेश स्मरण अवश्य करे,साथ मे हो सके तो "ॐ नमः शिवाय" का भी जाप करें और शिवलिंग का पुजन भी किया करे।
यतिनाथ शाबर मंत्र:-
।। ॐ नमो आदेश गुरु को,यतिनाथ अर्बुदाचल पर्वत पर रहेने वाले,पुरब से आवो पच्छिम से आवो उत्तर से आवो दक्षिण से आवो,आवो बाबा यतिनाथ मेरा कारज सिद्ध करो,दुहाई***********।।
इस मंत्र के जाप से कोई भी कार्य शिघ्र पुर्ण होता है। प्रत्येक मनोकामना पुर्ण होता है। सभी प्रकार के विद्या मे सफलता प्राप्त होता है। शिवजी के स्वप्न मे दर्शन भी प्राप्त हो सकते है। शिवप्रसाद प्राप्त होता है एवं किसी भी इतर योनी (भुत-प्रेत-यक्षिणी....इत्यादि) को इस मंत्र के सिद्धि से आकर्षित किया जा सकता है।
यहा पर मैने मंत्र से कुछ शब्द सुरक्षित रखे है क्युके कुछ चोर लोग यहा से आर्टीकल चुराकर स्वयं के नाम से फेसबुक पर पोस्ट करते है। जिन्हे मंत्र का आवश्यकता हो वह मुझसे सम्पर्क करके पुर्ण मंत्र ई-मेल के माध्यम से प्राप्त कर सकते है।
आगे जिवन मे अन्य "शिव शाबर मंत्रो" को पोस्ट किया जायेगा।
आदेश......