“जय गुरु मारुती तू पावलीच पाहिजे.............” यह प्रार्थना हनुमानजी को किसी भी पावन अवसर पर तांत्रिको का महाराष्ट्र मे होता है,यहा के सभी मंत्रो से जुड़े संप्रदाय के साधक यह प्रार्थना करते है,हनुमानजी आप कृपा बरसाये और मुजे मंत्र सिद्धि दीजिये क्यूके आपने तो सुना ही होगा “अष्ठ-सिद्धि के नवनिधि के दाता.......” यह सत्य है जीनमे ग्यारह रुद्र की शक्ति हो येसे रुद्राअवतार कुछ भी दे सकते है,येसा ही हमे कुछ मिला है गुरु जी और हनुमानजी की कृपा से जिसे पाँच खंड का विद्या कहेते है जिसके भरोसे मैंने जनकल्याण का शुरुवात किया है और आप भी कर सकते हो॰कुछ लोगो से मुजे संदेश प्राप्त हुआ है के उनका समस्या कम होना चालू हो गया है और जब उनका सब कुछ ठीक हो जाएगा तो वह सभी व्यक्ती जनकल्याण येसा वचन उन्होने मुज़े दिया है.
अब बात करेगे के यह पाँच खंड का विद्या क्या है?
यह विद्या हमारे महाराष्ट्र का प्राचीन विद्या है जिसके माध्यम से आप कोई भी कार्य सम्पन्न कर सकते हो और आसानी के साथ,इसमे मंत्र सिद्धि मिलता है,यह गारंटी तो जो कोई भी इस विद्या को जानता है वह दे सकता है,परंतु इस विद्या को देने का एक विधि होता है जो हनुमान जी के क्रुपा से शुभ अवसर पर किया जाता है और वह साधक उसी दिन से इस विद्या का पूर्ण अधिकारी होता है साथ ही ज्ञानी भी बन जाता है॰यह विद्या हर कोई प्राप्त नहीं कर सकता है क्यूके अब इस विद्या को जानने वाले लोग बहोत कम बचे है क्यूके सिद्धों ने कभी मन ही नहीं बनाया इसे किसिकों देने का परंतु मेरे प्राण-प्रिय सदगुरुजी के कृपा से मुजे प्राप्त हुआ और मैंने अब तक गुरु जी की आज्ञा से 30-40 व्यक्तिओ को इसे प्रदान किया है और उन्हे पूर्ण लाभ प्राप्त हुआ,आज वह लोग भी जनकल्याण कर रह है इस बात का मुजे और मेरे सदगुरुजी को आनंद है.
मैंने कैसे प्राप्त की पाँच खंड की विद्या?
मै कुछ माह पहिले महाराष्ट्र से बाहर रहेता था और सदगुरुजी से हमेशा प्रार्थना करता था मुजे महाराष्ट्र के प्राचीन विद्या का ज्ञान मिले क्यूके मैंने बचपन से देखा है के कैसे एक व्यक्ति मंत्र बोलकर लोगो की समस्या को छुटकारा दिलाता है और स्वयं भी अपने जीवन मे खुश रहेता है सभी परेशानियों से दूर रहेता है.एक दीन मेरे मित्र का मुजसे संपर्क हुआ उसने कहा एक व्यक्ति मिल गया है जो हमे महाराष्ट्र का प्राचीन विद्या देने को तय्यार है और उसका बात सुनकर मुजे आच्छर्य हुआ के “यह तो संभव नहीं” क्यूके येसे लोग मृत्यु से पूर्व अपने पुत्र को इन सब बातो का ज्ञान प्रदान करते है,आज तक तो यही हुआ है.मैंने उसे कहा बोल क्या करना पडेगा विद्या प्राप्त करने के लिये तो उसने कहा “एक हाथजोड़ी,पायजोड़ी,सुपारी,रुद्राक्ष माला और सिंदूर” यह सब उनके पास ले जाना है” तो अपना काम बन जायेगा,फिर मैंने पूछा यार इन सब चीजों का क्या मतलब है तो वह बोला - "हाथजोड़ी हनुमानजी को चढ़ाना है मतलब “हे हनुमानजी मै आपको हाथ जोड़ता हु” पायजोड़ी मतलब “अब मै अपने पैरो को भी जोड़े रखता हु और कभी जीवन मे भटकुगा नहीं,सदैव आपके शरण मे रहुगा” सुपारी पर मंत्र पढे जाते है जिसे बाद मे ग्रहण करना है “वह गुरुकृपा से विद्या ग्रहण करना माना जाता है”,रुद्राक्ष माला तो भगवान रुद्र का प्रतीक है जिसे एक बार जाप करके गले मे धारण करना है ग्यारह रुद्रो को और सिंदूर हनुमानजी को चढ़ाया जाता है ताकि उनका कृपा हो हम पर,और 51 रुपये गुरुदक्षिणा चढ़ा देगे.
यह सब सुनकर मै खुश हो गया और उसे कहा एक काम कर ये सारी चिजे मार्केट से लेकर आजा और उनके पास तू जायेगा तो तब साथ लेकर जाना,उसे मैंने धनराशि दे दिया क्यूके ये सभी वस्तुये तांत्रिक वस्तु है आसानी से ओरिजनल नहीं मिलती है परंतु हमारे शहर मे मै कई वर्षो से खरीद रहा हु जहा आज भी बहोत कुछ गोपनीय वस्तुये मिलता है और वह सारी चिजे उनको दे दिया जिनका नाम है “श्री महादेव नाथजी”,इन्होने सारा क्रिया सम्पन्न किया और उसके बाद मुजे फोन पर मंत्र बताया साथ मे ही मुजे भी बोलने को कहा.वह सिर्फ एक साधारण मंत्र था जिसे 5 शनिवार तक 108 बार बोलना था जिसके माध्यम से प्राप्ति होती है,ये तो बात माननी पड़ेगी मुजे प्राप्ति हो गयी और मैंने छटवे शनिवार को पाच बालक को भोजन करवाया तबसे जो भी साधना करता हु तो हर साधना मे सफलता मिला है,यह मंत्र हर मंत्र का जाप करने से पहिले ग्यारह बार बोलता हु तो बाकी सभी मंत्रो का भी अनुभूति होता है और आज तक येसा नहीं हुआ के सफलता नहीं मिला हो.यह सब होने के बाद उन्होने मुजे पाँच खंड का विद्या दिया जिसे सीधा चलाना (direct use करना) होता है और इस विद्या को सिद्ध करने की कोई जरूरत ही नहीं है फिर भी मैंने मंत्रो का शक्ति बढ़ाने के लिये इनका जाप किया.
इन मंत्रो मे कुछ शब्द बोले जाते है जिसे थोड़ा बहोत मै' लिख देता हु:-
1-“आकाश पिता धरती माता..............अमुक कार्य कर,नहीं करेगी तो तुजे इश्वर महादेव की कसम”,
2-‘तपदा तपमहा सायसूल्लाह......घोड बंगाल की विद्या अमुक कार्य कर,नहीं करेगा तो तुजे..........की कसम”.
इस प्रकार से यह पाच मंत्र है जिन्हे पाँच खंड का विद्या कहेते है जिसका असर तुरंत होता है.इन मंत्रो को करने के बाद सिर्फ गुरुमंत्र छोड़कर किसी भी मंत्र का जाप करने का जरूरत नहीं है जैसे मुजे समजो एक काम करना है मान लीजिये नौकरी चाहिये तो येसे मंत्र को बोलना है “आकाश पिता धरती माता..............नोकरी दिलादे,नहीं दिलायेगी तो तुजे इश्वर महादेव की कसम”, या फिर व्यवसाय वृद्धि करनी हो तो “आकाश पिता..............व्यवसाय मे वृद्धि दिलादे,नहीं दिलायेगी तो तुम्हे इश्वर महादेव की कसम”, एक और काम बोलता हु जैसे बीमारी दूर करना हो तो -“आकाशपिता..............अमुक रोग (or) तंत्र बाधा जलाके भस्म कर,नहीं करेगी तो तुम्हे इश्वर महादेव की कसम”, मान लीजिये कोई साधना या मंत्र मे सफलता प्राप्त करना हो तो एक पांच खंड विद्या का इस्लामी मंत्र भी बता रहा हु जैसे “बिसमिल्लाह.....फुबुये रब्बे,आला तो कज्जे.........अमुक मंत्र (or) साधना सिद्ध करादे,नहीं करायेगा तो तुजे मक्का मदीने वाले की कसम”,.
अब इससे ज्यादा आसान और क्या हो सकता है,सभी काम तो पाँच खंड के विद्या के माध्यम से हो रहे है सिर्फ जरूरत है आत्मबल और विश्वास की के मै क्या-क्या कर सकता हु॰विश्वास होगा तो मंत्र एक बार बोलने से ही काम हो जायेगा या फिर 11 बार बोलना पड़ेगा इस्से ज्यादा क्या होगा और आत्मबल होगा तो आप हर कार्य मे शीघ्र सफलता प्राप्त करेगे॰सबसे मुख्य बात तो यही है के हनुमानजी यह दोनों बाते अपने भक्तो को देते ही है और इस विद्या प्राप्त करने माध्यम से हनुमानजी स्वयम भक्त के गुर बनकर उसे अपना शिष्य बनाते है॰
जो व्यक्ति जनकल्याण हेतु इस विद्या को प्राप्त करना चाहते है वह व्यक्ति मुजे ओरिजनल एक हाथजोड़ी,पायजोड़ी,सुपारी,रुद्राक्ष माला भेज दे तो मै उसके लिये अपने और से क्रिया सम्पन्न करूंगा साथ ही पाँच खंड का विद्या उस व्यक्ति से कुछ वचन लेकर उन्हे अवश्य ही दुगा.......जिन्हे गुरु नहीं मिले अब तक तो उन्हे हनुमानजी के स्वरूप मे गुरु मिल जायेगे और उनकी कृपा से जल्द ही सदगुरुजी भी मिल जायेगे............इतना मुजे पुर्ण विश्वास है.
अगर आपको सामग्री ना मिले तो कुछ तो मदत मिलना ही चाहिये...........
अब तो यह विषय सोचने वाला हो गया है आखिर “पायजोड़ी (पत्थाजोड़ी)” है क्या?
आपने “हाथजोड़ी (हत्थाजोड़ी)” सुना है और देखा भी होगा,कुछ व्यक्तिओने इसके चित्र गूगल पर देखे होगे॰यह निसर्ग की अनुपम भेट है जिन्हे तांत्रिक साधनामे सफलता प्राप्ति मे मदत मिलता है साथ ही धन लाभ मे भी, हत्थाजोड़ी के पौधे ज्यादा से ज्यादा मध्यप्रदेश मे माँ नर्मदा नदी के पास ज्यादा पाये जाते है और खास करके अमरकंटक मे जिसे कई आयुर्वेद के जानकार छोटा हिमालय मानते है क्यूके यहा पर बहोत दुर्लभ जड़ीबूटिया प्राप्त होता है जैसे अप्पु मारी-बप्पू मारी,गंध्या हीवर, सोनसखा, नस, भूतकेशी, जनवन, इनरा.........येसे कई नाम जो भारत मे सिर्फ हिमालय मे और उसके बाद अमरकंटक मे मिलती है. हत्थाजोड़ी के पौधे दिखने मे साधारण होते है परंतु इसके पत्ते विषैले होते है जिन्हे छुनेसे हमे नुकसान हो सकता है इसलिये इन्हे आसानी से स्पर्श नहीं किया जा सकता है॰इन पौधो के जड़ मे एक अलग ही आकृती देखने मिलती है जैसे कोई अपने दोनों हाथ जोड़े हुआ है और येसे लगता है के पाताल देवता जो नमन कर रहा हो,उसके जड़ को काटने के बाद ठीक से देखे तो पता चलता है यह हत्थाजोड़ी है जिसका वर्णन तांत्रिक ग्रंथो मे मिलता है, हत्थाजोड़ी जैसे ही और एक आकृति देखने मिलती है जिसमे ये अनुभूति होता जैसे कोई अपने दोनों पैर जोड़ रहा जिस तरहा से हाथ जोड़ते है॰पत्थाजोड़ी बहोत ज्यादा दुर्लभ है और इसको स्थापित करने से घर मे धन का स्थिरता होता है क्यूके इन्हे माँ लक्ष्मी जी के चरणों का मान भी प्राप्त है और सौ-देडसौ पौधो मे इसका एखादा पौधा मिल जाता है जिसमे पायजोड़ी मिलती है.
जब वहा के स्थानीय नागरिक हत्थाजोड़ी को निकालने के लिए खुदाई कराते है तो कई बार जड़ मे मार लग जाता है जिसके वजेसे हत्थाजोड़ी खंडित हो जाती है और फिर यही लोग उसेभी सूरज के धूप मे सुखकर चिपका देते है किसी पदार्थ से और हमे पता भी नहीं चलता है के आखिर हमने क्या खरीद लिया,पता ना चलने का एक और कारण है ये लोग हत्थाजोड़ी को सिंधुर के लेप लगा देते है जिससे सभी हत्थाजोड़ी के दोष छुप जाते है.इनका मूल्य बारिश के दिनो मे कम होता है जैसे 200-250 रुपये तक मिल जाता है और उस समय हत्थाजोड़ी गीली भी होती है,जैसे ही बारिश का मौसम समाप्त हो जाये तो इन पौधो को ढूंडने मे परेशानी होता है इसलिये इनका मूल्य बढ़ जाता है वह 800-900 रुपये तक हो जाता है,सबसे बड़ी बात है इकठ्ठा खरीदो तो यह लोग मूल्य कम कर देते है॰मार्केट मे आजकल लूट चल रही है व्यापारी बारिश के मौसम मे खरीद के रख देते है और इसे 1000 से लेकर 5000 रुपये तक बेचते है जो ना सिद्ध होता है और नाही ओरिजनल का कोइ गारण्टी होता है.जीन्हे सामग्री ना मिले तो मुजसे सम्पर्क करे तो आपके लिये मै सामग्री का व्यवस्था कर देता हु.जैसे मेरे सारे आर्टीकल चोरी हो जाते है और आप चाहे तो फेसबुक पर जाकर ढुंडीये तो आपको पता चलेगा इसलिये अगर ये भी यहा से चोरी हो और आपको यही आर्टीकल कही मिले तो उस चोर को एक बार पांच खंड मंत्र बोलकर दिखाने का एक बार निवेदन करे,वो मुर्ख नही बता पायेगा और मैंने यहा पर आधे-अधुरे मंत्र लिखे है जो विधि-विधान के बाद आपको पुर्ण मंत्र दिये जायेगे.
आदेश.............................