तंत्र-मंत्र मे ज्योतिष का बहोत महत्व है क्युके आज कल मंत्र जाप करने वाले साधक/साधिका सिर्फ मंत्र जाप मे मेहनत करते है और परिणाम स्वरुप जब उन्हे असफलता प्राप्त हो तो वह निराश हो जाते है.कुंडली मे स्थित ग्रहयोग से ये जानना आसान है के हमे कौनसे साधना मे मंत्र मे तंत्र मे सफलता प्राप्त होगी.जब तक योग्य ग्यान नही प्राप्त होता तब तक जीवन मे भटकना चलता रहेगा,इसलिये तंत्र के इस क्षेत्र मे हमे ग्रह,नक्षत्र और योग को जानना जरुरी है.कुंडली के बाराह भावो मे अचुक सफलता छुपी हुयी होती है और प्रत्येक स्थान पर होने वाले ग्रह का प्रभाव,ग्रहो की दृष्टि और उनका प्रभाव हमे पूर्ण सफलता दे सकता है.जैसे मान लिजिये कोई महाकाली साधना कर रहा है और उसको कोई ग्रह साधना मे बाधक हो तो वह साधक सफलता प्राप्त करने हेतु चाहे कितना भी मेहनत कर ले उसको सफलता शीघ्र नही प्राप्त होती है और नाही साधना मे उसको कोई अनुभुती प्राप्त होती है.इस संसार मे बहोत सारे दिव्य मंत्र है जिनका असर तुरंत परिणामदायक होता है फिर भी लोगो को उन मंत्रो से लाभ नही मिल पाता है.आज के दौर मे यक्षिनी,अप्सरा,भूत-प्रेत,हाजरात,परी,योगिनी......इत्यादी साधना करने वाले हजारो साधक है परंतु उन्हे सही ग्यान ना होने के कारण सिर्फ असफलता प्राप्त होती ही है.हमे यह ग्यान होना चाहिये की कौनसी अप्सरा साधना करे क्युके अप्सरा भी 108 प्रकार की है,कौनसी यक्षिनी,कौनसी योगीनी साधना करे जो हमारे ग्रहयोग के हिसाब से हमे सिद्ध हो.किसिके नसीब मे प्रेत-वाहिनी योगिनी होती है और वो ऐश्वर्य योगिनी का मंत्र जाप करेगा तो किस प्रकार से सिद्धी मिलेगी.हमे ग्यान होना चाहिये "हमारे नसीब मे कौनसी सिद्धी है और उसके लिये क्या उपाय करने होगे,कौनसे मंत्र का जाप करने से वो सिद्धी मिलेगी".आज मै सुशील नरोले इस क्षेत्र मे प्रसिद्ध हुआ तो इसके पीछे शनी ग्रह की कृपा है क्युके उनकी कृपा से मुझे जन्म से ही तंत्र का क्षेत्र लाभदायक है.मेरे स्वयम के कुंडली मे "अघोरत्व सिद्धी योग एवं तंत्रचार्य"का योग बना हुआ है,इसका मतलब ये नही की मुझे किसिभी साधना मे सिद्धी मिलेगी.मै भी ग्रह योग,नक्षत्र और उनका प्रभाव देखकर ही मंत्र जाप करता हु ताकी असफलता से बच जाउ.बिना आगे पीछे देखकर तो हम रास्ते पर चलते भी नही है तो जीवन मे कुछ सोचे-समझे बिना तंत्र मे कौनसी साधना करे येसा निर्णय कैसे ले सकते है.
आप सोच समझकर साधना करो तो सफलता 100% मिलती है सिर्फ जरुरत है मार्गदर्शन की और हमारी कुंडली ही हमारा दर्पण होती है.मै यहा पर किसी प्रकार के ज्योतिष की बात नही कर रहा हू यहा सिर्फ तंत्र से जुडे योग और सफलता का विषय है.
जिन्हे भी यह जानना हो जैसे-
1)आपके जीवन मे कौनसे भगवान की आराधना करने से आपकी इच्छाये पूर्ण होगी?
2)किस प्रकार के मंत्रो मे आप को जीवन मे सफलता मिलेगा उदाहरण शाबर,अघोर,वैदिक या तान्त्रोत्क मंत्र से?
3)आपके कुंडली मे येसा कौनसा ग्रह है जिसके जाप करने से आपके इह जन्म एवं पूर्व जन्म दोष का नाश होगा?
4)वह कौनसा ग्रह है आपके कुंडली मे जिसके कृपा से आपको प्रत्येक क्षेत्र मे सफलता मिलेगी?
5)आनेवाले एक वर्ष मे कौनसे मुहूर्त मे कौनसा मंत्र जाप करे,जो आपके लिये सिद्धीप्रद हो?
6)कौनसी सिद्धी आपके नसीब मे है?
7)अगर आप लंबे समय से कोई मंत्र जाप कर रहे है तो उसमे क्या उपाय करने से आपको सिद्धी मिलेगी जो अब तक नही मिली?
इन सातो प्रश्न का उत्तर आपको मेरे तरफ से आपके जन्मकुंडली के माध्यम से मिलेगा और साथ मे जाप करने हेतु गोपनिय मंत्र भी आपको बताये जायेगे.अपनी कुंडली बनवाने हेतु हमसे सम्पर्क करे ई-मेल के माध्यम से (amannikhil011@gmail.com) और उसी समय आपको मेरा मोबाइल नंबर भी मिलेगा ताकी आपसे बराबर सम्पर्क बना रहे.इस बार आपको कुंडली बनाने की न्यौच्छावर राशी देनी होगी,अब तक निशुल्क मे बहोत लोगो का कुंडली देखा परंतु वह लोग कोई काम के नही निकले क्युके उनका एक ही ध्येय था भुत,भविश्य और वर्तमान को जानना और येसे मूर्खो का कुंडली देखना भी मेरे लिये मुर्खत्व है.इसलिये आपको सात प्रश्नो के उत्तर प्राप्त होगे और इस बात को याद रखे किसी भी प्रकार का भूत,भविष्य एवं वर्तमान नही बताया जायेगा सिर्फ जन्मकुंडली से मंत्र-तंत्र से संबंधित मार्गदर्शन किया जायेगा.जन्मकुंडली देखने की दक्षिणा 1150/- रुपये ली जायेगी और न्यौच्छावर राशी जमा करवाने क बादे सात दिन के अंदर आपकी ई-मेल से मार्गदर्शन प्राप्त होगा.निशुल्क मे की जाने वाली ज्योतिषवाणी का महत्व किसीको नही होता है यही अनुभव मैने देखा है और आज इसिलिये मुफ्त का चंदन बाटना बंद कर रहा हु,मुफ्त की सलाह सिर्फ मानसिकता खराब कर देती है और कुछ लाभ नही इससे.
आदेश.......