pages

4 Feb 2014

AGHOR SHIV SADHANA



कितना भी लिखने का प्रयास करू परंतु मेरे इष्ट शिव जी का स्तुति मेरे लिये संभव नहीं,क्यूके उनका हर रूप निराला है उनकी पुजा किसी भी समय कीजिये अनुभूतिया तो येसा-येसा मिलेगा के सम्पूर्ण जीवन उनके गुण-गान गाने मे ही निकल जायेगा,येसा समय आज तक शिवभक्तों के जीवन मे नहीं आया होगा जिस दिन उन्हे शिव कृपा प्राप्त ना हुआ हो,आज एक दिव्य साधना दे रहा हु जो मेरा ही बल्कि बहोत से शिव भक्तो का अनुभूतित साधना है और एक बात इस साधना को किए बिना चाहे कितना भी महाविद्या साधना कर लीजिये प्रत्यक्ष अनुभूतिया शीघ्र नहीं मिलेगा,इसलिये “अघोर शिव साधना” प्रत्येक साधक के जीवन मे लक्ष्य प्राप्ति के और बढ़ने का एक आसान सा मार्ग है,जिसने अघोरत्व प्राप्त कर लिया वह तो जीवन मे सब कुछ प्राप्त कर लेता है अन्यथा जीवन जीने का हर एक अंदाज व्यर्थ ही इच्छा पूर्ति हेतु गमा देता है,यह साधना सिर्फ महाशिवरात्रि के महापर्व पर ही किया जाता है अन्य दिवस इस साधना के लिये उपयोगी नहीं है॰इस साधना से सभी प्रकार के ग्रह दोषो से मुक्ति मिलता है,सभी साधना मे पूर्ण सफलता है,सभी प्रकार के तंत्र से रक्षा प्राप्त होता है अगर पुराना कोई मंत्र-तंत्र दोष किसी साधक के जीवन मे हो चाहे वह इस जन्म का हो या पूर्वजन्म को हो तो समाप्त हो जाता है,चाहे साबर मंत्र हो,वैदिक हो या अघोर मंत्र हो इनमे इस साधना को सम्पन्न करने के पच्छात पूर्ण सफलता मिलता है,साधना के समय शरीर मे बहोत ज्यादा गर्मी महसूस होगी येसे समय मे घबराना मत और साधना को अधूरा नहीं छोड़ना है,येसे समय मे दुर्गंध या डरावना आवाज आसकता है तो यह आपका साधना सफलता है जिसे आपको महसूस करना है,इस साधना के माध्यम से भोले बाबा भक्तो को स्वप्न मे दर्शन भी प्रदान करते है और आशीर्वाद भी..............


प्रार्थना:-
जय शम्भो विभो अघोरेश्वर स्वयंभो जय शंकर ।
जयेश्वर जयेशान जय जय सर्वज्ञ कामदं ॥



मंत्र-



॥ ॐ ह्रां ह्रीं हूं अघोरेभ्यो सर्व सिद्धिं देही देही अघोरेश्वराय हूं ह्रीं ह्रां ॐ फट ॥


Om hraam hreem hoom aghorebhyo sarv siddhim dehi dehi aghoreshwaray hoom hreem hraam om phat

इशान्य दिशा के और मुख हो,आसान-वस्त्र काले रंग के उत्तम होते है परंतु आपके पास जो भी हो उसे ही इस्तेमाल करे,माला रुद्राक्ष या काले हकीक का हो,पारद शिवलिंग हो तो टिक है या फिर जो भी शिवलिंग का पूजन आप करते है उसी पर साधना सम्पन्न करे,साधना से पूर्व गुरु गणेश पूजन करे और लोहे के कील से अपने आसन को गोल-गोल “ॐ रं अग्नि-प्रकाराय नम:” मंत्र बोलकर घेरा बनाये,जिससे आपका अदृश्य शक्ति से रक्षा हो,माथे पर महामृत्युंजय मंत्र बोलकर बस्म+चन्दन से तिलक करिये,साधना समाप्ती के बाद पाच बिल्वपत्र+दुग्ध युक्त जल,अक्षत(चावल),गंध,वस्त्र,पुष्प,लड्डू का भोग,दक्षिणा मुख्य मंत्र बोलकर चढ़ाये,इस साधना मे 11 माला मंत्र जाप करना है,साधना एक दिवसीय है परंतु तीन दिन तक करने का प्रयास कीजिये ताकि सर्व कार्य नीर्वीघ्न पूर्ण हो॰आपको भोले बाबा का आशीर्वाद प्राप्त यही कामना करता हु.........




AGHOR SHIV SADHANA

How can I even try to write for me, but not my favored praise of Shiva, Kyuke is infrequent as they each enter their worship at any time Anubhutia will then Yesa Yesa-singing songs of the entire life on their properties will be eliminated, Yesa Shivbkton time ever in life would not be the day that they had not received the grace of Shiva, which occurred today, giving a divine worship Shiva devotees of my own rather than bringing Anubhutit cultivation and the cultivation without a point no matter how Take practice mahavidya direct Anubhutia will not soon, because "Agor Shiva Silence" in the life of each believer and the goal is to grow a simple way, which acquired Agortw he derives everything else in life, lifeComplete success in all kinds of mechanisms to protect the old receive a mantra-system defects occur in the life of any believer, whether the birth or if the birth is over, whether suede mantra, Vedic Agor mantra or the practice regarding the holding of these Pchchhat get full success, practice time will feel the heat in the body garner Yese not leave in time, be confident and cultivation is incomplete, Yese funk in time or if the scary voice Askta It is the success of your practice that you have to realize, through the practice appeared in a dream to provide Bhole Baba devotees and blessed ..............

Mantra:-

. Om hraam hreem hoom aghorebhyo sarv siddhim dehi dehi aghoreshwaray hoom hreem hraam om phat.


At the same practice to perform, prior to practice to master Ganesh puja and iron nail your posture round "co Prkaray fire-damp:" mantra spoken hoop made, so you're protected by invisible power, forehead Mahamrityunjaya Bsm + Chandan Tilak please speak mantra, meditation after finishing five Bilvptr + milk containing water, rice (rice), smell, textile, floral, sweet indulgence, alms offered by speaking the mantra, chanting the rosary is 11 in practice Sadhana is a day for three days, but please try to do so all the blessings of Baba Bhole Nirwign full me.




Aadesh..........


2 Feb 2014

ITAR YONIYA-YAKSHINI & BOOT..........


औघड़ गोलक के साथ आपको होली का बभूत भेजा जा रहा है और गोलक को हमेशा बभूत मे ही रखना है अन्यथा आपको परेशानी हो सकता है क्यूके गोलक के साथ हमेशा शक्तिया घूमता-फिरता रहेता है जिन पर उनको बभूत मे रखने से काबू पाया जाता है,आपको इस के ऊपर किया जाने वाला हर साधना भेजा जाएगा अभी तो सिर्फ 2 साधना ये भेज रहा हु,आप जब भी साधना करे तो आपको औघड़ गोलक को जब भी साधना मे स्थापित करना हो तो आप चावल या कोई भी बभूत का ढेरी बनाये और उसिपे औघड़ गोलक को स्थापित कीजिये,साधना के समय गोलक का भी पूजन आवश्यक है,पूजन सामान्य पद्धती से करना है सिर्फ जल चढाना वर्जित है॰गोलक को सिर्फ साधना काल मे ही स्थापित रखिये बाकी समय बभूत के साथ डिब्बिया मे रखिये अगर आपको महसूस हो रहा हो के आपके उपर किसी प्रकार का तंत्र-मंत्र का बाधा है तो थोडासा बभूत डिब्बिया से निकाल कर अपने आपको या फिर पीड़ित को बभूत का तिलक महामृत्युंजय मंत्र बोलकर करे तुरंत असर होगा,तिलक शाम को गौधूलि वेला मे करना आवश्यक है बाकी समय मे करने से असर धीमा होता है कार्य पूर्ति के बाद किसी गरीब को कुछ दान कर दीजिये तो आपको भी अच्छा लगेगा और हा अगर घर के ऊपर तंत्र-मंत्र का बाधा हो तो बभूत को एक ग्लास पानी मे मिलाकर पूरे घर मे जल के छीटे लगा दीजिये समय गौधूलि वेला ही होगा.............विशेष कार्य को जाते समय अपना कामना गोलक को स्पर्श करते हुये बोलिये और कार्य को सम्पन्न कीजिये फायदा मिलेगा॰



===========================================================================


यक्षिणी साधना

--------------------

इस साधना से 100% यक्षिणी प्रत्यक्ष होती है और आप का कामना पूर्ण करती है,यह साधना किसी भी शुक्रवार से आप कर सकते है,साधना पाच दिवसीय है इसमे आपको प्रथम और आखरी दिवस अनार का बली देना है और रोज लड्डू का भोग लगाना है,जब यक्षिणी प्रत्यक्ष हो तो उसके हाथ मे एक लड्डू देना है,साधना काल मे आपको कर्पूर का सुगंध आयेगा तो समज जाना चाहिये के आप साधना मे सफल हो रहे हो,यह साधना आपको आपको 1-2 बार करने से पूर्ण सिद्ध हो सकती है,मंत्र भी आसान है जो तांन्त्रोक्त बीजो से युक्त अघोर है जो इस दुनिया के किसी भी किताब से प्राप्त नहीं हो सकता है,गुर परंपरा से मंत्र अभी भी गोपनिय है जिसे औघड़ गोलक के साथ आपको भेज रहा हु आपका ई-मेल चेक कीजियेगा,इस साधना मे कोई भी गलती ना होने दीजिये रोज 21 माला जाप रात्रि मे 10:30 बजे से शुरुवात करना है,गोलक को चावल के ढेरी पर स्थापित करके उसको देखते हुये मंत्र जाप कीजिये,माला रुद्राक्ष का चाहिये,साधना काल मे सत्य बोले किसिका दिल ना दुखाये और यक्षिणी को प्रत्यक्ष करने मे आप अपना 100% दीजिये पूरे लगन से साधना कीजिये,परिणाम का चिंता ना कीजिये सिर्फ साधना के सफलता पर ध्यान दीजिये,यह एक जादुई मंत्र है जिसका असर बहोत गज़ब का है,इस साधना से जहा यक्षिणी प्रत्यक्ष होती है वही साधक का कुंडलीनि भी जाग्रत होता देखा गया है और असंभव से संभव मनोकामना भी पूर्ण होता है,चाहे मनोकामना प्रेम के प्रति हो या रोजगार के प्रति हो पूर्ण तो होता ही है॰कोई भी साधना के प्रति परेशानी हो तो कॉल कीजियेगा.............


===========================================================================


भूत सिद्धि साधना

--------------------------


यह बहोत आसान सा साधना है जिसे 11 दिन तक करना है और सिर्फ 21 माला मंत्र जाप करना है इसमे भी लड्डू को भोग लगाना है और जब भूत प्रत्यक्ष हो तो उससे वचन मांगे जो भी आप चाहते है,इस साधना से अन्य देवी-देवता के दर्शन प्राप्त करने मे बहोत मदत मिलता है यह एक कटु सत्य है उन लोगो के लिए जो भूत साधना को खराब मानते है,जहा देवी-देवता के दर्शन के लिए साधक व्यर्थ ही कई वर्ष लगा देते जहा की भूत के माध्यम से यह कार्य कुछ ही महीनो मे हो जाता है,दिशा-दक्षिण आसन-वस्त्र काले रंग के हो समय रात्रि मे 10 बजे के बाद,साधना के लिए आवश्यक सामग्री एक मट्टी का दिया,सरसो का तेल,काजल और चावल,औघड़ गोलक॰साफेद वस्त्र पर काले रंग के काजल से पुरुष आकृति बनाना है,इस वस्त्र को चावल के ऊपर स्थापितकरना है,आकृति मे पुरुष के हृदय पर औघड़ गोलक स्थापित कीजिये और गोलक को देखते हुये मंत्र जाप करना है,साधना समाप्ती के बाद लड्डु गरीबोमे बाट दे और सफ़ेद वस्त्र को जल मे प्रवाहित कर दे॰ यह मंत्र भी किसी भी किताब से प्राप्त नहीं हो सकता है और साधना अच्छे कार्यो को सम्पन्न करवाने के लिए कीजिये अन्यथा आपके हानी का जिम्मेदार मै नहीं हु बाकी साधना हेतु मै गारंटी लेता हु॰साधना से पूर्व एक बार मुजसे संपर्क कीजियेगा,बाकी सूत्र भी बता दुगा..............




श्री-सदगुरुजीचरनार्पणमस्तू..............