द्वितीय क्रिया शाबर वशीकरण मंत्र
वश्यं जनानां सर्वेषां वात्सल्य हृद्-गतं-स्मृतम् ।
(सांख्यायन तंत्र)
वश्यं जनानां सर्वेषां विधेयत्वमुदीरितम् ।
(उड्डीश तंत्र)
राजअर्थात् जिससे सभी जीवों (स्त्री-पुरुषों) को वश में किया जाता है और सबके हृदय में अपने प्रति वात्सल्य (प्रेम) पैदा किया जाता है उसे वशीकरण कहते हैं। स्त्री-पुरुष वशीकरण, -वशीकरण, आकर्षण, मोहन आदि वश्य-कर्म के भेद हैं।
उपरोक्त मंत्र से यह स्पष्ट है कि वशीकरणा साधना प्रेम की साधना है। संसार के सारे प्राणियों को प्रेम से वश में किया जा सकता है। लेकिन यदि कोई व्यक्ति काम इत्यादि भाव से अथवा बुरे विचार रखता है तो उसे लाभ के स्थान पर हानि भी हो सकती है। शुद्ध भाव से प्रेम में सफलता राज्यकार्य में सफलता, परिवार में अनुकूलता, मित्रों से सहयोग इत्यादि कार्य हेतु ही यह वशीकरण साधना सम्पन्न करनी चाहिये।
साधना विधान:-
साधक किसी भी माह के शनिवार को रात्रि में 10 बजे के पश्चात् शुद्ध पवित्र होकर पश्चिम दिशा की ओर मुख कर अपने सामने लकड़ी के एक बाजोट पर लाल वस्त्र बिछा दें।
इसके पश्चात साधक अपने सामने रखे बाजोट पर एक सरसों की ढेरी बनाकर उस पर मोहिनी वशीकरण यंत्र स्थापित करें, यंत्र का फोटो व्हाट्सएप पर दिया जाएगा और आपको वैसा ही यंत्र भोजपत्र पर अष्टगंध की स्याही से घर पर ही किसी शुभमुहूर्त में बनाना है । अब यंत्र के सामने सफेद आक की जड़ स्थापित कर दें। साधक जिन व्यक्तियों को अपने वश में करना चाहता है अथवा अपने अनुरूप करना चाहता है उन सभी के नाम एक कागज पर काजल से लिख कर यंत्र के नीचे रख दें। अब साधक यंत्र का पूजन कुंकुम, चावल से करें तथा घी का दीपक जलाएं । इस साधना में विशेष बात यह है कि मंत्र जप दीपक की लो को देखते हु ही करना है। सामान्य साधक के लिये यह संभव नहीं है क्योंकि मंत्र थोड़ा बड़ा है और याद रखना संभव नहीं है। अतः प्रत्येक बार मंत्र जप के पश्चात् दीपक की लौ की ओर अवश्य देख लें। इसके बाद साधक रुद्राक्ष माला से निम्न मंत्र की 1 माला मंत्र जप करें।
मंत्र
।। ॐ नमो आदेश गुरु को,चल चल रे मोहन्या बिर मोहन का काम करने चल अमुक को मेरा मोह लगा मेरे वश में कर सोते सुख ना बैठे सुख फिर फिर देखे मेरा मुख सम्मोहन का बाण चला मेरे से आकर्षित कर इतना काम ना करे तो मांगनी के कुंड में पड़े दुहाई महादेव पार्वती की इतने पर भी काम ना करे तो पिता से वैर करे महादेव की जटा टूट तेरे पर पड़े फुरो बंगाली मंत्र ईश्वरो वाचा छू ।।
मंत्र जप के पश्चात जिस पर वशीकरण क्रिया करनी है उसका नाम लिखा हुआ कागज सफेद आक की जड़ के साथ बांध कर अपने आज्ञा चक्र से 11 बार स्पर्श कराये और मन में यह भावना व्यक्त करें कि इस साधना के फलस्वरूप यह व्यक्ति पूर्ण रूप से मेरे आकर्षण, सम्मोहन, मोहन में मुझसे बंध जाये ।
यह साधना उतने दिनों तक कर सकते हैं, जब तक पूर्ण सफलता प्राप्त नहीं हो तथा 21 दिन बाद सफेद आक की जड़ को माला सहित जल में प्रवाहित कर दें।
नोट: मोहिनी वशीकरण यंत्र का फ़ोटो व्हाट्सएप पर निःशुल्क दिया जाएगा,इस यंत्र को आपको स्वयं बनाना है ।
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